このパソコン作りたいんだけど [無断転載禁止]©2ch.net
■ このスレッドは過去ログ倉庫に格納されています
GTX1080
i7 7700k
SSD500gb
HDD3T
ほかのパーツとかはこれに合うやつ買いたいんだけどいくら位する?ちなみにマウス以外全部揃えたい セールとかでタイミング合わせれば25万で買えるで。あとはキーボードとマウスパッドに関しては4万あればいいの買える _--_----_--_-_--__-_-_-________-__--_-_--_----___-___--_---__-_---_-__-__
-_-__-__---_-___--_--_--_-_-__-_-_-__-___--___---____-_---_-__-__--_--_--
_---__---______-___-_--__-____-_-----__-_-_---_-____--_-__--__----___----
--_--_-_-____---________--_-__----___-__-__---_-_-_-__---__----_---____--
_---_---_____--_-_---_-_-__----____--_-_--_----_-_--____-_--_____-_-__-__
-_---_----__-__-___--_-__---_-_-_____--_-_--___---_--________--__-_-_----
___-_---_---___-__---_----___-_-___-_-_-____-_-_-_-___---__----_-__--__--
_-___--_---___--_____--_--__------_-__-_-_--_--___---_-____----___-___-_-
_-__-_-____-_---_--_----_--___-----________-__--_-------_--_--___-_-_____
-_-__----_-__--_--__-___-____--_-_-____-----___-__--__--_-_----_____--_--
-_-__-___---_-----_---__-__-___----___----__----_-_-_-_--_____-__-_-_____
_--______--_---_____---_-_-__-_--_-_-___--____--___---_--------_--__-_-__
--_--_-___-_____-_--__--_-___-_--_-_---__-__--_-----__--____--_-_--_-_-__
-_-_-___--_---___--_-__---__----__-_-----_______-____-__-___-_-_-__------
_--_-_-----_--_-__-__-___-_--_-_-___-__--____--_---_-_---_____--_--___-_-
-_-___-_____--_-_----____-_-----__-_-_-_-_-_-__-__---_--_-_--_-__-_-__--_
___-__-___-______-------_----_-_-___-_--__---__--____--__--_--_--____----
__--__-_-_-_-___--_-_----_-__--___-_-----___-_____--___---__--_---_--___-
_-__--__-__---_-_--_____--__-__-__-_-__-------__-___--_--_-_--__---___-_-
-_-___-__-----_---____--__--------__---__-__-___-___-----_______-___---__
---_--_----____-___-_____--_-_---__-___-_-___---___-_-__-__-_---_--_---_-
-_-__-_----_--_-_-_-_--_---_-_-___-_--_-_--_-__-_---_-___--____-___-_-___
_-____-----___-_-_--__--_-__-__--_---_--_-__--_--_-____--_-__--____--_-_-
-____--____-_-__---__--_--_-__--__-___----_-__-__---_-___---_-----___-__-
__--___--__---_-_-___-_-__----_--___---_-_---__--_--_---_--__-_______--__
-____-----____-_--___--_--__---__-_--___---__---_--____-_-_--__--__--__-_ _---_----__--_-______--_---___------_---___-___-_-__--___-__---___---____
_--_-___--_-----___---____--____-__-_--__--_-__---_--___--_-___-_-_--_-_-
_---_----_-_--_-_--____-_-___-__-_--___--___----_-_---____-_--_--__-_-___
_--_----___---_-_____-__---_-_--_-___-__-______----___------__----__-_-__
-_-__-__---___-_--____-_---_--__-____-_-_-----_-_--_-__------__-_-__-____
---_-_-_-_-_-_____-___-_--_-_--__--__---_-__-_-_-----_____---__-_-_-_-__-
__-_-__-__--___-_---_-____-__-----__-_-_--_-_-_-__--______--_----_-_--_--
-----____--_-_-__--_-__-_---___--__-_-__-_--_-_-__-__--____--_-___---_-_-
___---__-___-___--__--_-__---__-__--___-----___-_-_-__-_---_-_---__--__--
_-_-_-_-_-__-_-----_---__--_--_-__--___-__--___-_---_-__-__--__-_---_____
---_--__-_-_-_---_--__--_---__-___---_-___---__-__----____--_-_____--____
--____------_-_-_-______---_---_-_---__-_____-__-------__--_____---____-_
-_--_---____-_---___-_-_----_---___-___----_-__-__---__--__-_--_-__-_____
-_--_---__--___-_--_--_----_--_-__-__-_-___--___-_______-___----_---_-__-
--_-__-____-___-__------___--_----_-------_-_-____-__---___-_-__-_-____-_
-_-_-_____-------_--___-_-----_-_-_-_--__--____-__--________-__--__---_--
-_-------____--__-_--_-__-___--_--____-_-___-_-_-_-_-___------__-___-_-_-
-_---_____---_-____---_-_--_-----_--____-____--___---____---_-___--_-_-_-
__------___-_---_-_----_---__-__--_--____-_-_-_--_-__-____-__-_-__--_-___
___-____------_--_-_-_-__-______---_-__---____-_---_--_--__-_-_-_-__----_
_--__---_-_-_-_-__-_-_-__---__---_-____--_-_--_---___-___-_-_-__-_-__---_
------_--______-_--__---_-_---_-_____---_-_--__---___---__---___-__-_____
_-_-___-_--_-__---_____-_-_---_-___--__-_--_-_-__-_-___---_____-------_--
--_-____-__---__--__-_-_--_-_-_---__-__--_--_-_-_____----_--__----______-
--_-_---_____-___-_--_-----___-__--_-_-__--_-_--_-_-_-_----_-__-____-__-_
___----_---_--_-_-_-______---______------_-_----_____-_-_---_______-----_ _---___--_-__-____------__-__-____---_--------_____-__-____-_-__---__-_--
___---_-__-_-____---_-_-_-_----__--__--___-__--_-___--____---___-_----_--
-_--_-___-----_-____----_-_------_-_-_-_____-____-_--___-_-_--_-__---____
--_--_-_-_-_-_--__----_____----_-_--_-__-----_-___-_-__-_-__-_-___--_____
---_-_-_-__--____--_-_-____--__-_____--_-_---_-__--__-_---__----_-_-___--
__-____-_---__-_---_---_-__-_-_--_--_-__---_-___-_-_-_--__---_-__--____-_
__-_____--__-_---_-__-_-_-___-___---_----_--_--_--_-_-______-__-_-_------
-_____-_--__--_-___----___---_-___--___-_--_-__-__-_----____-_--------___
___-_--_--____--__-_-_---___----__--_--_--_--__-___--__---_---_-____-_-__
-__-___-------____---_-_--_-----__-_----__-__-__-___-_____-__-__--__-__--
---_____--______---___--_---___-----------_-_--_____-__---__--___---_____
-_-_---_-__--____--_--__--_-___-__--_-_____-_-_--_------_--___--_--_-____
-__-___-______-_----__--_-----____-___-_-___--_--_-------_-___--__-_-__--
-_---__-___-_--_-__-_--_-_---__-_-__-_-__--__---__--_-____--__----_-___-_
__---_-_----__--__---_-___-__---__-_---_--_____----__-___-_-__-__-__---__
___--___--_--__--_--____-___-__---_--_-__-_--_---_----___-------______-__
-----_________-_--___--_____-____-_------__--__-__----__---_-_---____----
-_-_-_______--____--_---_-__-_--_--_--------_-____-____-__---___--__-_---
--_---__-___--_--__-_-_---__--__-_-_____-__---___----_-_--_--_-_-__-___-_
--___---__________--__----___--_-----_-_--_---_-__--_-_-_-_---__--__-____
___-__--_--------__---__---_-_-______-_---_-____---__-__-_-___---_--__-__
__-_-__-_-_---__------_-----__-___-_-_--__-__-_____--_--__-__---_-__-__-_
---_-_-___---_-__---_-_-_-_-___-__-___---___-_--__-_-_____--__--_--_--_--
-_---_-_----__-_-__-_---______-_---__________--__--_-_-----__-_--__-__---
_-_____---------_-____-_-_-_-__-____-_--_-_---___-____--_---___----_-_-_-
-__------_--__-____-_----_____--_------___-_____-__--__---_--__--_-__-___ __---_--__--_-_-_-_--__-_---_---_----_-____-___-__-___-__-_-_-_--_-___--_
--_----__-_-__-__-__--_-_--__----__---_---__-____-__-__----__-_-____--___
_---__----_---_---__-_--__--___-_-_---_-__--___-_---_---_______-______--_
___-__-_-_______-__-_---__------__---___-__-__-_----__--_-___--_-------__
_--___-___--___-_---________---_---__-_-_----_-_____--_--__-__-_-----_---
___-_------_-__-_-_-___-------____-__--___-_____-___---__-_--_--_--__-_--
_---___---_-____-_-___-__--_____-_--_-_--_-_-__--_--_-____-___--------_--
__----_-_-_-______-__-__---____---__-_----____--_-___---_-_--_----_-_-_-_
-_-___-__--__--___-___-_-__-_----_-_-__------_-__-_--___---_-_-_--_--____
--____--_-_-_--______--_-_--__---___-_-_-_--_--_-___-_-_--_-_---____-_---
-_-_--__--_----_-_--_---_-___-_-----______----___--____-_---___--_-______
_-____-____--_-_----__--__-__-_-_--_----___-__-__----_--_____-_--_-_--_--
-__-____-_--__----_--__-_-____-__--_----_-_----_--_-_____-_-_-_-----_____
-___-_-----___----___---_---_---_-_-___--_-_----___-_-____-_--_____--____
__--_-_---______-_-------_---_-__-__---____--_-____--_-___-_-_-----____-_
___-____-_----_-__---_-__--__-_--__-_--____-_____--_--_---__--_-_-__-----
_--_---____--_---___-__---_--------__---_---_-_-___-____-_____--__-_-____
-_----_-_____-_---_-----_-__----_-___--_____-__--_---___---_____-__-_-_-_
-__-_-----__-__--_-_-____---__-_----___-___-_-_---_----_-___----______-__
--__---___-___-_------___-__-_-_-__--__----_____-_--__--_---_---_-___-___
---____-_---__--_-_-__-_-___--_-___--___----_---__--_--__--_-__-_--___-__
_-_-__----_-_--____-__-_-_____-_-_--___-_--_-_--___-_--_-_-__--_--_-_----
--__---_--____-_-_---__-_---__-_-_-_-_---__-___-___-------_-_____---_____
--_-_-___-_-_--_-____--__-____-__-__-__-_--_--_-_-_--_-__--_--__---__----
-_---___--___--__--_----_-__--_---__-____-___-___-_---_-___--_-_-----____
-_-__---_________-___-_-_----_---_-_--___--___-_----_-__-__-------__-_-__ -_-----_-_--_--_--__-_-____-___----____---_-___-_-_--_---__--_--_-_______
-_-______--___--__-__----__--__-____-___-___--__--_-----_-_--------__--__
-_-___--_-_---_-__---_-__--_---_-__-____-__-__---_-----___--____-_---____
--__--_--_-_-__-__--_------_-_-_--__-___----_-__-_---_-____--__-____-____
-----_--_-____-_--_-___-_--_-______-_-__--_____---___--__-_-_-_--_--_----
___-__-__----_-__----__--_--__-__-_--___--__--___--____--__----_-_-___---
_-_-__-_-__---__-_____-_-_-_-_-_---__---_____--__-_-_-__-_-_--_--__------
_------___-__---__-_---_-____-___--------___-_-_-____-__-__-_-____--_---_
_--__-_____--_---__-_-_--_----__-_--__--_-_---___---___-_-_-___-_-__---__
_-_-___--_-_-_--_--__--_-__--_--__---_--_-__-__-__---___---_-_---___-____
__-_----_---___--_--____---_-__--_-___--_-__--_--_----_-_-__-___-__-_-___
--_____---_____-_----__-__-___--_--_-_-_____---_-------_____---__-_---__-
_--_----_______-____-_-___-_----__----_------___-__-___-__-_---__---_--__
___---_-_--_----__-_-_--__-_____---____---_---___-_----_----_-__-___-____
__-_____-_-_-----___-_--_-_-_--_-__---_----_-_---__--___---__--_______-_-
-___-____-_---_-__---__-___-----_-__-__-_-____--_------__-_-_-_--_-____--
_-----___--__-__--_----____--_---_-_--_-_--__-_--__-__--__-___-_-_-____-_
__--_--__-_-___--__----___-__--_-_-____-__-----___-_--__-_-----___---__-_
____-_--___--__-_---_---__-__--___--__-_____--_--_---__------__-____-_---
_--____-_-_-___----_----_-_------_-___---____-_-_--_______----_--_-_-____
---_-_---___---___--___-__-__--___---_-____--_--__-----__---____-_-___--_
--_-__--_--_-__-_---_---_-_____-___--___---_----_-_-_----___-_-____-__-__
_--_-----__-_-_---_-_-__--_-_---___-____---___----__----____---_-________
-______-__--__-___--_---_-_---____---_-_-___--_---____-_---_---_-___-_---
___-______-____-__-__-__--__---_-_---_---___-__-____--__-------------_-_-
------____-___-_---_-----_-__-____--_-_-___--___-_-__-___-_---___---_-_-_ _-__--___--__----__-__--_--_--__-_--___-__-__----__--_-___-____-_---__---
-_--_-_--__-----__-_---___-____---_----____-___---_-_-_-_-____--_--_-____
_---_--_-----___-__-__-_-----_-_-__--_--__---_--__-______-_-___-____--_-_
--__--_-_---_-_---__--_--__-_____---_--_-__-----____-____---_-_-_-_-_____
-______--__---_-_--_-_--___-__---__--__--_--_--____--_--__---__--___-__--
__-----___-_-------___---___-__-__-__---__----___-_____-_-__-_-__--_---__
-_-___-_-___-__--___-_-_-_-_--_------_-_-_--__-_--__--___________--------
___-_----_______--_-_-__-__-___-_-__--_--_-_-__--__-------__-----__-__--_
----_--__--_--_-_--___-_-_____-_--_-----______-_-__-__--_-_--_-_----_____
--_---_-__-____-----_-__-___--_---_-_--__--_-__---_____-___---_-_---_____
----__--_--____--__-_-_--_-______----_----_-____-___-_-__-_---__---____--
-__-----___-__-_--__-____----_--______-__--_------____-__-__----__-_---__
_--__--_--_-_--__--____-_--______-_______--__-__---_---------__-_--_-_-_-
-____--___----_--_--___-__-___--__--___--_-_-__---____-----___---__----__
_--__-_--_-_----_--__--___--_____-__-_____---_---_-__-_____--___--_------
_--__------_-_--__-_-------_--___------_____-___----__--_______-___-_____
_--__--_----_--___---__-__-_----_-_____-_-_____--___-__-_--_--_----__-_-_
---__-_-_---___-_-_--__-_-----_-____--__-__-__--__-__--__-----__-__--____
-___---_-_-____----__-______-_--______--____---_-----_-__---___-_------_-
__--____---__-_-_-_--_-___------__-_-__-__--_-_-____----____-----_____---
_-__--_-_--__-----__--____-___--_--__-_--__--__-_-____-__-_-_---__--_-_--
-___---_--___-_______--__---__-----_-_-_---_---__-_-__-_--_---__-_-__-___
___-__-__-__-____--_-_----_-___-__--____--_----__-__-_------_-___----_-_-
-__-_-_-_-__-__----__-__--_--___-__-__-_--__-_--_-___---__---__-_--__-_--
--_-_-_-----____--____-_-______-__--__-------______----___--__-__--_-_---
____--__--_--__-___--_----_--__-------___-____---_-_-_-__--__----___-____ --~-~-~-~--~-~~-~-~~~-------~-~----~~~~-~~--~~~~--~-~-~-~~~~--~---~~~~~-~
-~~~~~---~-~~~~~-~---~---~~-~-~~~--~---~-----~~~~---~---~~~--~~~-~~~--~-~
~-~---~-~-~~~-~-----~-~-~~~--~--~~~~~--~~----~~-~-~--~~-~~~~--~--~~~~---~
-~~~-~~---~~~--~~-~~-~~--~--~~~~-~~---~~---~--~--~~-~-~--~--~-~--~-~~~-~-
~~-~~~-~-~-~~~--~--~----~--~~~--~~~--~~~~--~-~~---~----~~~~-~~~--~---~~--
~--~-~-~~~-~~-~~~-~-~~--~----~~~~~~~--~~~--~~~--~-------~-~~-~~~~--~-----
--~~---~~-~-~~-~~---~~~~~-~-~--~-~~~-~--~~--~~~~-~~-~~-~~-~----~-~--~----
~-~-~~-~--~---~-~~--~----~~--~~~~~~------~~--~~~~-~~~-~------~--~~-~~~~~~
~~-~~-~--~~--~-~-~-~~~--~~-----~-~-~~----~-~~-~~~~--~--~-~~----~~-~-~~~-~
~~-~-~-~-~~~~--~~~~-~~~--~--~~~~~~~-~-~~~------~~-~~~-~--~-----~-~-------
--~~~~-~---~-----~~~~-----~~----~~-~~~-~~~--~-~-~-~~--~--~~-~-~~~~~-~~--~
~~~---~~~~-~-~-~~--~~-------~~~~-~~~-----~--~-~--~----~--~-~~~~~-~~--~~~~
-~~~~-----~~~~-~~----~-~~-~~-~-~~-~~~--~~---~~-~-~-~~-~~~-~---~----~--~~-
-~~-~--~-~----~-~-~~~---~-----~-~---~~~-~~-~-~~-~~-~~-~-~~-~--~~-~~~-~-~~
-~~~~~---~~~-----~-~~-~~~-~~~~---~~~-~--~-~~-~-~-~-~~-~-~--~---~~-~~-----
-~~--~----~-~~~--~~-~~-~~-~--~~~-~~~~-~--~-~-----~-~~~--~~-~~---~----~~~~
----~~~~~--~~~~-~-~~~-~~~--~~~-~---~----~~-~-~-~~~--~-~~-~---~~-~~~------
~--~~~~-~~-~-~~-----~---~~~-~~~----~~~~-~~~~-----~--~~~---~~-~----~--~~~~
-----~~--~-~~-~----~--~-~--~~-~--~-~~-~~-~~-~-~~-~~-~~~-~~-~--~~~~--~~--~
~--~--~~-~~~~---~--~~~~~-~~---~~-~--~--~~-~-~-~~-~~---~----~--~-~~-~~~-~-
-~--~~--~--~-~~~~---~-~~~~--~-~~---~~-~~~---~-~~~-~-~---~-~~-~--~~~-~~---
----~---~~-~---~-~~~~~~-~-~~~~-----~--~~--~-~--~~~~~--~~~~-~-~--~-~~-~~--
-~---~~-~---~-----~--~~-~-~~~-~-~----~~~-~----~~--~~~~---~~-~~~~~-~-~~~~~
~--~---~-~----~~-~~-~~-~~-~~--~--~~-~~~-~~~----~-~-~~~~~~~~-----~~--~--~-
-~~~-~-~~-~--~-~---~--~~-~~-~-~~--~--~-~-~-~~---~~~~~----~-~~~-~-~--~-~~-
~~~-~~----~---~---~~~-~~-~~-~-~-~--~~~~-~--~~----~~----~~--~~-~--~-~~-~~~ -~-~-~--~~-~-~~~~~---~-~-~~-~~---~~~--~~~-~~~~~--~--~---~-~~~--~-~--~----
~~~~-~~-~-~~---~~~~~--~-~~---~~---~-~-~~------~~---~--~-~--~~~-~-~-~~--~~
--~-~~-~--~--~~--~~-~~---~-~-~--~-~---~---~~-~~-----~~-~~~~~~-~--~~~-~~~~
--~~~~~---~~~~~--~---~~-~~~~---~-~--~---~--~-~~~~~~-~~-~-~~--~-----~--~~-
~~----~-~~~~-~--~~~~-~--~---~---------~-~--~~~~~~~--~--~~~~~~~---~~-~-~~-
~~~~--~~~-~-~--~~~--~--~-~-~~~~-~--~~--~~----~-~--~~--~~---~-~-~~~~---~--
--~-~~~----~~-~-~~~-~-~~--~-~~~------~--~-~----~~~--~--~~~~~~~-~---~~~~-~
---~~~~-----~-~~--~-~~~-~~~~---~~-~--~-~~~~--~~-~~---~-~~---~--~-~-~~--~~
~--~~~-----~----~~~-~------~~-~-~~~--~~--~-~~~~-~~~-~~---~~-~~-~----~~~~~
-~~~~~-~-~--~-~---~-~~-~---~-~-~----~~~~~~~-~~~-------~-----~~~-~~~~--~~~
--~~-~-----~--~-~----~---~-~~~~~~-~--~-~~--~-~~-~-~--~~~~~-~~~-~~--~--~~~
-~-~~-~~~-~~---~---~~---~~~-~--~~--~~~-~~--~---~--~--~~~~-~---~~~-~-~~~--
~~~~--~-~~-~--~--~---~~-~~~~~~----~-~----~~--~~-~----~~--~~~---~~~~--~-~~
---~----~-~~~~-~~~~~-~~~-~-~--------~~~~~~~~~-~-~-~---~-~-~-----~--~~-~~~
~~--~~--~~~---~~~--~-~~-~~~~---~--~~-~~-----~-~--~~-~~---~~--~~---~-~~-~~
---~~-~~~-~----~-~~-----~-~-~-~--~~~~~~-----~~~~~--~-~-~~-~---~~--~~~-~~~
---~-~----~~-~~--~~----~~--~~-~~--~~-~--~-~~---~-~~~~~---~~-~--~~~~~~-~-~
-~---~~~-~~-~~~~~~-~-~~---~~-~~--~~--~~--~~~~--~~~~----~-~--~---~~~------
---~~-~~---~-~~~~--~~~~~~~--~~~-~---~~----~~---~~~---~~~~~~~~------~---~-
-~~~-~~-----~~~-~-~~-~---~-~~-~-~~--~~~-~---~-~~---~-~-~----~-~~~-~~~--~~
~-~~-~~~~~-~~~~-~--~--~----~--------~-~~-~~--~-~-~~~~-~--~--~-~-~~-~-~-~~
~~-~~-~~--~~~~~~~-~~-~~-~~-~----~~~-~-~--~--~-~~~~~-~----~---~---~---~---
~--~~--~-~~-~~---~~~--~~-~~~-~~---~~~-~~-~---~-~--~~-~-~~~-~~---~-~~-----
~-~---~~-~-~~~~~-~-~~-~~-~~~~~----~--~-~-~-~--~---~-~~----~-~~--~~~~-~---
--~-~~-~-----~~~--~~~~~-~--~--~~~------~~~--~---~~~--~-~-----~~~~-~~~~~~~
~~--~--~-~----~~~~--~--~~~--~~~-~-~-~-----~--~-~~~---~~~--~~~~---~~-~~~-~ -~~~~--~-~-~~~-~-~~--~~-~~--~-~~-~---~~--~~~~--~-~~~~-~~-~-~-------~-~---
---~--~-~~~~~~~~~-~~~-~-~~~-~--~---~-~--~------~~~~-~~~--~-~-~-~~--~-~---
-~~~~-~~--~--~---~-~--~---~-~-~-----~~~~-~-~-~-~~-~-~~--~~~~~~~~~-----~-~
-~~~-~-~~~-~---~-~-~-~~~~~~~~-~~-~~-~-~-~~----~~~---~-~---~---~--~-~----~
~~~-~~-~--~---~~---~~--~~~--~~~--~~---~--~~-~-~---~~--~-~----~~~---~~~~~~
~-~~-~---~~~-~~-~--~-~~~--~--~---~-~-~-~-~~~~--~~-~~~~~---~-~-~--~-~---~-
~~~-~~--~-~~~-~--~~~~---~~-~---~~~-~~-~~-~--~--~~-~-~-~-~~~-----~--~-~---
-~~-~~~-~-~-~~-~-~----~---~~---~-~-~~~--~~~~-~~~-~~~~-~~-~-~--~-~----~---
-~-~---~~~---~~~~-~~--~~------~~-~-~---~~--~-~-----~-~~-~~~~--~-~~~~~~~-~
-~-~~~----~--~--~--~-~~~-~~-~--~~~~~----~--~-~~-~-~-~~-~---~~---~-~~-~~~~
~-~-----~~--~-~~~--~~~~~-~--~-~~~--~~-~~-~~------------~~-~~~~-~~~~-~--~~
---~--~-~~~-~~-~~--~~--~~-~---~~--~-~---~-~----~-~~--~-~~~~~---~~~~-~-~~~
~~---~--~-~~-~------~----~-~~~-~--~---~~--~~~-~~~~~~---~~~-~~~-~~~----~~~
~-~-~-~-~-~~~~-~-~~~~----~~-~-----~~-~-~--~~~~~---~~-~~--~~~-~---~---~-~-
~---~~~---~~~~~~~~-~-~-~~~-----~-~---~~~~~-----~~~-~---~-~----~~--~-~~-~~
~-~----~~----~--~~~~~~~-~~~----~~~~~-~----~~~-~-~~--~---~-~-~-~~-~--~-~-~
-~~------~~--~-~~~--~~--~~-~~~---~--~-~--~~~~-~------~~~~~~~~----~~~-~-~~
~~~~-~~~-~-~-~~~-~~~-~-~~~~-~~~~~--~--~----------~-~--~-~-~~~~---~---~---
~~~-~---~-----~~~~--~~----~~~~~~--~-~~~--~--~-~~-~-~-~-~--~--~~~-~~---~-~
~~--~--~~--~~~-~-~----~---~~---~~~~---~~~----~--~~~-~-~--~--~-~-~~~~-~~~~
-~~~~-~-~---~~-~~-~-~-~--~~~-~-~~-~--------~--~~~~~---~-~~-~---~~~~~---~~
-~~-~---~---~-~-~~--~-~~-~~-~---~~-~-~-----~-~~-~--~~~-~---~--~~~~~~~-~~~
-~~-~~---~---~-~~~--~----~~~~-~~--~~~-~~~----~~-~---~-~-~-~~--~~-~~---~~~
--~~-~-~~~-~~---~--~-~~~~~~~~~----~----~~~~~~~--~--~-~~--~--~-~---~-~-~--
~~~----~-~-~--~~~~~---~~-~-~-~---~~--~-~~-~-~-~~--~-~--~-~~~~--~-~--~-~-~
~~-~~-~~--~~-~----~~~~-----~--~-~~~--~-~---~~~--~~---~~-~-~--~~-~~-~~-~-~ --~-~---~-~~~-~~~~-~---~------~~-~-~~~-~-~~~-~--~--~~-~~-~~-~--~~~~~--~--
~~~~-~~---~~-~~---~~--~~~~-~--~~~~~~-~---~~--~~~---~-~~~----~--~-~-----~-
--~-~---~~~--~~-~~---~--~--~-~-~~~-~--~---~--~~---~~-~~~~-~~~-~~-~--~~~~-
-~~-~-------~~~~~----~---~-~~~~~-~~---~~-~~~~~-~~--~-~~~-~~-~--~~---~--~-
~-~~~~-~-~---~~-~-~-~~-~-~~--~---~-~-----~~--~-~~~--~~-~~-~~~--~-~--~~-~-
~-~~~~---~~~~~---~~~~-~~~-~-~~--~--~-~-~-----~-~-~~-~---~-~-~----~~-~~~--
-~-~~-~--~~--~~-~~~~-----~--~--~-~~--~-~~~~-~~-~-~~~-----~-~~~-~~~-~---~-
~~~--~---~~~---~~~---~~~~~--~-~~-~~-~-----~-~~~--~~~~-~~~--~---~-~~~-----
~-~~-~~~----~~~~-~---~----~~------~~~~~~----~~~~--~~~--~----~~--~-~~~~~-~
~---~~-~~~--~----~~~--~-~~--~~~-----~-~~~~~-~~~-~--~---~~~~~~--~---~-~--~
~~~~~~~~~----~~~--~---~-~-~-~-~-~~-~-----~--~-~~-~----~-~~~----~~-~~~~~--
-~--~~~~~~-~~----~~~~~~-~-~~~--~-----~~~~-~---~~~----~---~--~~--~--~~-~~-
~~-~~~~-~----~~--~~----~~~~-~-~--~~~~-~--~-~~---~~-~-~~~-~----~~-~--~-~--
-~-~~~-~~---~-~---~~~-~--~-~~~-----~-~---~----~~~-~~~~~-~~~~--~---~~--~~~
~--~-~--~~~~---~~-~~~~~~~~--~~---~~-~~~--~~-~~~-~----~-----~~~-~-------~~
-------~~-~~-~-~~-~-~--~-~~~-~-~~~~-~---~-~~--~-~--~~--~~~-~~-~~~~--~---~
-~~----~-~-~--~~--~-~~-~-~~-~~-~-~~~~-~~~--~~-~-~-~--~~~-~~~-----~--~~---
-~~--~-~~~~-~~~------~-~~-~-~~-~--~-~-~~--~~-~~-~-~~~-~--~-~--~--~~----~~
--~~~~--~~~~~-~~~---~~-~--~--~--------~~-~--~-----~~~~-~~-~~~---~~~-~-~~~
-~~-~-~--~~----~~-~~~~-~--~~---~-~~~---~~---~-~--~-~~-~-~---~-~~--~-~~~~~
-~~~~~~-~---~--~~--~-~~--~--~--~~~---~~~~-~---~~~---~-----~-~~--~~-~-~~~~
~--~~~~~---~~~~~-~--~----~~-~~-----~~~---~-~~~-~~--~~~~~~---~~~------~~--
~--~-~~~---~-~~-~-~~~---~~-~~~~~-~~~-~-------~-~-~~~---~~~----~--~~-~--~~
~-~-~-~~-~---~~-~--~-~~-~----~-~-~-~~~~-~~---~~-~~~--~-----~~-~~~-~-~--~~
~~~~~~-~~~-~~~~~-~~----~-~-~~--~-----~--~-----~~-~--~--~~-~~---~-~-~~~-~-
---~-~~-~---~--~~~---~~~--~-~~~-~-----~~~~-~~--~-~~~--~~~-~~-~~-~-~-~-~-- -~~~---~-~~-~~~-~~-~-~~~~-~-~-~-~~~-~~~-~~-~-~--~-~--~-~-~-~~~-----------
~--~--~~-~----~~-~~~-~-~~---~--~--~~-~~~---~~~-~---~-~~~~--~~~~~-~~~-----
-~~~-~-~-~-~~~~~~--~----~---~~-~~~~-~--~-~-~~--~~~~--~~~-~~~--~-~--------
~--~~~-~~---------~~~-~----~~---~~--~~~~--~---~~-~-~-~-~~~~-~--~~~~-~~-~~
~--~~~~-~-~~~~~---~~-~~-~~-~---~~~-~----~~-~---~~~---~~-~~---~~-~-~--~---
--~~--~-~~~-~~-~-~--~-~~~--~~-~~~---~~~~-------~-~-~-----~~~-~~~~-~--~-~~
--~~-~~-~~-~~-~-----~-~~---~~---~--~-~-~~~~-~--~~-~~~-~-~----~~~---~~-~~~
---~--~~~~-~------~~~-~~-~~-~-~~---~-~-----~~----~--~-~~-~~~~--~~~~~-~~~~
--~~-~-~~-~~---~---~~--~---~~----~-~~~~~~---~~-~~-~~~-~--~--~~--~--~~~~-~
-~--~~~---~~~-~~-~-~~---~~--~~-~-~-~~~-~~~--~~~~~~~----~-~---~--~-~--~---
-~~--~~~-~---~-~~~-~----~~-~~~-~~-~~----~-~-~~--~~~--~~~-----~~--~~--~-~~
-~~-~-~-~~--~-~--~~-~~~~~~-~-~~--~----~~--~~-~--~---~~~---~--~~--~--~~~~-
-~~~-----~~~~~~-~-~~--~-~~~-~-~-~~-~~~-----~~---~~~-~-~---~-~-~-~-~-~-~--
~--~~~~~-------~-~-~--~-~-~~--~~~-~-~--~~~~-~~~-~--~---~~-~~-~--~~~-~--~-
~-~~---~-----~---~--~-~~~-~--~--~~~-~~-~-~~~--~-~~---~~~~-~-~~~-~~~-~~---
~-~-~~~~~--~~-------~~~~~~--~-~~~~---~-~--~-~-~--~--~~-~--~~-~--~~-~~~---
---~---~~--~-~~~~---~~~-~-~~-~---~-~-~-~--~~-~--~~-~--~~---~~~~--~~~~--~~
~~-~~~~-~-~~-~~-----~-~~~---~--~~-~~~--~~--~-~~-~~--~~-~-~~-~-~--~-~-----
~~---~~---~~~~-~---~--~--~~~~~~-~-~~----~--~~~--~~--~---~--~~~-~-~--~~-~~
-~~~-~---~~-~~~-~-~~~--~~------~~~~~~~~------~~~-~--~-----~~--~~~-~-~~-~-
~~----~-~~~~~--~-~---~~~~-~~--~---~-----~~~~~~-~~-~~~--~--~~-~-~----~~-~-
~~--~-----~-~~~~----~~~~~~~----~--~~~--~~-~~-~--~-----~~~---~--~-~~~~~-~~
~-----~~~-~~--~---~~--~--~~~~~~~~-~---~~~~-~---~~------~~~~--~~~---~-~-~~
-~-~---~~~~---~----~-~~~-~-~--~~~-~~--~~-~--~~-~~~~~~----~~---~---~~-~~-~
---~--~~--~--~--~----~~~~--~~-~-~~-~~------~-~~-~-~~~~~-~~~-~~-~~~--~--~~
-~~--~--~~~-----~~~~~-~~~---~~-~~--~--~----~~~-~~~-~~~~~----~---~~-~~---~ -~~--~------~-~~~~---~~~~~--~~-~~~-~-----~~-~~--~-~--~~~~-~--~---~-~~~~-~
~---~~-~-~~~~-~-~-~~---~-~-~--~~~~--~-~-~-~~--~~----~-~~-~--~~---~-~--~~~
~~~-----~-~-~-~~-----~-~~--~~--~-~~-~~~~-~~-~~-~~----~--~~-~--~-~--~~-~~~
--~~-~~~~--~~------~-~---~~-~--~-~~----~~~~~-~-~~-~~-----~~-~-~~-~~~-~-~~
~~---~-~~~~---~--~~---~~~----~~--~~-~~--~~-~~--~~~--~-~~---~~--~----~~~~~
~---~~-~~-~~-~~-~~~-~----~~-~~--~~-~~~~~----~---~-~~---~---~~---~--~~~~~-
-~--~~~~~-~---~-~~~~----~~~~-~~~-~~~~~-~~-~--~--~~~~-~-----~~-~~---------
~~~~-~~---~~-~--~-~~~-~~~-~~--~-~--------~~~~-~~~---~~-~-~~~~--~~--~-----
-~~---~~-~--~-~--~~---~-~~~~-~~~~~-~~------~-~~~-~~~~~~~~---~-~-~~-------
--~~~-----~~~~--~-~~~-~~--~~~-~~~----~-~~-~~~~--~--~~-~~---~~-----~-~~~--
-~-~---~~~~--~-~---~~~~~--~---~~~-~~-~~-~-~~--~--~~~--~~~-~-~~-~-~------~
-~---~~-~---~~~----~~~~---~-~~--~~~--~~-~-~~--~~---~-~~-~-~-~~~~~-~---~-~
---~~-~~~-~-~~--~-~~~~~~-~---~~~-----~~-~-~----~-~-~~----~~~-~~-~~~---~-~
----~~--~~~~~~-~~~-~~--~~-----~~-~-~-~-~-~--~~-~~-----~~--~-~~~~-----~~~~
~~---~--~~~~-~-~~---~-~-~~~--~~~~-~-~---~~~~-~~~-----~~-~-------~~~-~--~~
--~~--~~~~-~~~~~~~--~-~~~~~--~-~~~----~~--~~----~~~-~-~----~-~--~--~~----
----~~~~~~~~---~~~~~~---~--~~-~--~~~-~~--~-~--~~~~-~--~--~~-~--~--~--~---
~-~~~-~-~~-~~~-~--~~~~--~-~-~~----~-~~~-~~--~--~-~~-~~-~----~--~----~~~--
----~~~--~---~~-~~----~~-~~--~-~~-~~--~~~~-~--~-~~-~----~-~-~---~~~~-~~~~
-~-~-~---~-~-~-~-~~~-~~~~~~~----~~--~~--~----~~~~--~~---~--~~~~-~----~-~~
~~--~~~-----~~~~-~-~~~~---~--~--~-~-~--~--~~--~---~~~-~~~~--~~-~----~~-~~
~-~~~-----~~~-~--~-~~-~~~--~~--~~~~~~~~~-~----~~~~-~----~--~-~--~---~--~-
~~~~-~~~-~-~--~--~~--~----~--~--~-~--~~---~~~~~~~~-~--~~--~-~-~--~---~-~~
~~~~~~~~---~--~--~~~---~~---~-~-----~-~-~~----~~~~~~-~---~~~~-~--~~----~~
-~-~~-~~-~~--~--~~-~~~~~~-~-----~--~~-~-~--~~----~~~---~~~----~-~-~~-~-~~
~~~-~~~-~-----~~~~~--~---~--~-~~~-~-~~-~~---~~---~-~-~-~~---~~--~-~~-~~-- -~--~-~-~~-~--~~~--~---~~~~~--~-~~~~~-~~~--~--~--~~-~~-~~~~-~-----~---~--
~~-~~~---~--~~-~~~-~-~~~-~~~~~~~~--~-~-~---~~--~----~--~--~----~-~~~~----
~--~~~~--~--~-~----~--~--~-~---~--~-~~-~~~-~--~-~~-~~-~~~~--~~--~---~~~~~
~-~~--~-~------~-~~~--~~~-~---~-~~-~~~--~~--~-~-~~~---~~-~-~--~~~--~~--~~
~~~----~~~~~-~~~-~-~~---~-~~--~~-~--~----~-~-~---~~--~~-~~-~--~--~~~~---~
~~-~~-~~----~-~---~-~~~~---~-----~-~-~-~--~~~---~~-~--~~-~~~-~--~-~~-~~~~
~~---~---~-~~~~~~~~-----~-~-~---~~~~~~---~~---~~-~~-~~--~--~-~~~---~~~---
-~~~--~~-~-~--~~-~--~~-~----~~~~--~--~--~~-~-~--~--~~~--~---~~~-~~~~~--~-
--~-~-~~-~-~~---~~~-~~---~--~-~--~~~--~-~~-~--~~--~~~~~---~~--~-~--~~~~--
~-~~~--~~~~~-~--~--~~~-~---~~-----~~----~~----~~~-~~~~~~-~~---~--~~--~--~
-~~~-~--~~~-----~--~~--~-~~~-~--~~---~~~~-~--~---~-~-~~~~~~---~~--~--~~~-
--~~~~~---~--~~~-~--~-----~-~------~~~-~-~~-~~~~~---~-~~-~~---~-~~~~~--~~
-~~~-~----~~~~~~~--~~-------~~---~~-~--~~--~-~~-~--~-~~~--~~-~--~~-~~~--~
~~~-~~-~-~-------~-~~---~-~-~~~~---~-~-~-~--~~-~-~~~~-~---~~--~-~-~-~-~~~
~~-~~~--~~~-~~~---~-~~~-~-~~~--~---~-~~-~---~~~-~~-~----~-~~---------~~~~
~~-~-~-----~~~-~-~-~~~~-----~-~~~~-~------~-~~~-~-~-----~--~~-~~~~~~-~~-~
~---~~----~--~~-~-~~-~~~---~--~~~--~-~~--~----~--~~--~~~~~~~~~--~---~~~-~
--~-~~-~~---~~~--~~~-~~~--~--~-~~~---~~--~~-----~--~---~~~~~~~-~--~~~-~--
-~-~------~~-~---~~--~-~~-~-~~--~---~-~-~-~~--~--~~~~~~~~~~---~~--~~~--~~
~-~-~---~~-~~~------~-----~-~--~-~~~~--~---~~~~~~---~~~~--~--~-~-~~~~~~-~
~~~~--~--~~~~-~-~--~-~~----~~-~~~~--~--~--~~~---~~~~~-~~-~---~--~-~---~--
---~~----~--~-~--~~~-----~-~-~-~--~--~-~-~-~~~~~~~~-~-~~-~-~---~~-~~~~-~~
~~-~~-~~~-~-~~~~--~-~~~---~---~--~~~-~~-~----~---~-~~-~~~-~~-~~--~-----~-
---~-~-~~---~-~--~~-~~-~~~-~~-~-~~---~~--~--~~----~-~~~---~--~-~~-~~-~~~~
--~~-~~----~~-~--~~---~-~-~---~~-~~--~~---~----~~~~~--~-~-~~~~~-~~-~~--~~
~~--~~--~~--~-~--~~~~~~----~-~~~-----~~~~--~-~-~~~~~--------~~--~~~~---~~ ■ このスレッドは過去ログ倉庫に格納されています