昔のデスクトップvs今のノートパソコン
■ このスレッドは過去ログ倉庫に格納されています
立った
平成22年、自作したパソコンが逝きました。
Win7
Core i5 760
メモリ4GB(換装して8GB)
マザボGA-P55A 当時15000円ぐらい
対する今のノートは
https://www.mouse-jp.co.jp/m-book/mbr/
この辺で考えてます __----____-_-----_--__--__-__--_-_--__---___----______--_-___--__-__-_-_-
__--__-_----_-__----_---_--_--__--__--_-_--_--_____-___---__---___-______
___-_-____---__--_-_---_--____---__-___----__--_-__-_--___----_-_---____-
-_____-_----_-_-____--_-___------_--_-__----___---_____-____---___---__--
_----_-_-_-_-----__--_-_-__-_-_____--___--_---_-_-___-----___-___-___--__
__-_-____-_-_----__--___-------__--_-_-__--_--__-___-____-_-___-_-_---_--
____-_---____-_-----______---__--______-_---_--_-_----___-_---__--__-_---
-----_-_---________-___--_-___-_---_-___-_-___---_-___-_-_-_--__----_-_--
_-________-__-_-_---_-_--__-_-----___--_-_--_-_--__----_______-_--_----_-
-_-__-___-_---_--_____-_-_____----____---_-_-__--__-__--__--__---_---_---
-___--_-_---__--_-_---_-______-___--_---_-_-__-____-___---____--_-_------
-___-__-_-_____-_-----__--_--_-----__-_-__--_-__-_-_-_-___-_-_--__--_-__-
__-_-__-_----_-_---_--_----_-___-______-_-_--____---__-__--____--__--_---
-_---_----------_____-___--_-_______-_--_____-__---_---___-_-_--_-__---__
----__-_-________-__--_-____---_----_--_____-_--_-_---_--____-__-_----_--
__--____----____--__-____---_----_--__-__--__--__-_--__-__-_----__-_-__--
_---_-_-___-_---___-____-_-_-_-_-_-_----_-_-__--__-__---_______----_--_--
-__-_--___-_-_--__-_-_-___--______---____-__-_-----__--___-----__-_---_--
--__-____-_______--_---__-_-__-_-__----_-_--_____-----_-_-------__-___-_-
_--__--_-_---__-__-_--__-___---------_-___-__-__--_---_-_______-_--__--__
-___-__-_--_-___-_-_--------___---____---_--___-_--__-_-______--_----_-__
-_---_-_____-_--_-_-__---_-__-___-_--__--___-___-__--___---_-_--_--_--_--
--_--____-__--_-_--____-__--_--___-_--___-___-__---------__-____----__-_-
_-__----____-__--__----_-_-___---------_-_-_-____--__-_-_--______-___---_
----_-____-_____------____--_-_-_----_--_____-__-__-____-_--___-_-_------
_-__-___-__----_-__-__---_-_____---_-_-_-_-_----__---_----___-_-__-_--___ > https://www.cpubenchmark.net/high_end_cpus.html
> https://www.cpubenchmark.net/mid_range_cpus.html
Intel Core i7-8565U @ 1.80GHz
9,111
Intel Core i7-4510U @ 2.00GHz
3,925
Intel Core i5-760 @ 2.80GHz
3,887 __-___--_--_---_--__-__---__---_-_____--__--_____-___--_--___---___------
-__-_-_-___-__----_-______----_-_--___-__-___-_____---_-_-__-__----------
-_--_-----___-_-_--____-_---___---_-__---_--_--_-___-_______-__-_--_--_-_
------___--_--__---__-_-_-_--_----_-__--__--__--__-_-___-____-__--__-____
----_-_----____-_-_-_-__-__-__--_--_-_____-__--_-_--_--___--_--_-___--__-
_-----___--_---_____---_--___---____--_-_--_---_-_-__-__--____--___--__-_
-___--_-__--------__-___-_____-__---_-_---_-_____----_-__-__-___-__---_--
-_--_--___-_-_-__-_--_____-_----_----_---_-____---_-___-__---_--____-_-__
-__-______----_-__-___----__-_-_--_---__-___----___-_____---_-___------_-
_--_-__-___-___--____-------_--__--_-_-_--_--_---_-_-_____-_----___-__-__
_----____-_-__-__----__-_-_--___---_-----__--_---__-___-_--___--____-_-__
_--____---__---_---_____-_---__-_--_____-_---__---__-_--__--_--___---___-
-__--_-__-____-__--_--_-_-_--_--___-----_-_--_-_--___-_--_-_---_-__-_____
-_-____--_--__-_-_--_--__-____----_-__-_-___---____-_--_-__--_-_--_-__---
--_---__--_-_-____-_--__-----_-_____-__-_------__--___-_-_-__-__-_--__-__
_-_-__-_-___----_---_--_-__-__-__-_--_-_-----___-_____-_--__-__---_--__-_
--_--____---_-_--_-___-__-_----____-____-_-___---____---_--____-_-_------
_-__---__-_-_----__-_----_--__-_-___-_---__----_-_-___--_-__--___-__-____
_-_-_--_-----__--__-___--_--_-__----_-_--_--____-_----__----___-_________
__----_--___--_---_-_-_--____-_---__-_-____----__----_______----____--__-
--_-_____-__-_------_-______-___--___-_------____----_-__-_-_-__-__---_--
-_----__-____----_-_-_-_-_-_-_-_---___-__----_-____--__--_---__-_-_____-_
_--_--_-__----__--_--__-___----_--_---_-_--___--__-_____---____--_____-_-
_--___-_-__---__-_-____--_--____-__-__------__--____---------__-______---
---____--_-_---________----_------____-____---_-----__---______-_-_-_-_-_
-_---_-__---___-_---__--____--___--__--_-_---_-__----_---______----______ -_--__----------___---____--____--__--__-______----_-_____--__-_-----____
_--______-_-_-_----_--__-_-_-_--__--_------___---_-______-_-___--_-___---
__-_--__--__--_--_---____--_-_-_--_---______----__-__-_-_--_---_---______
_---_-_----_--____-____---__-___--_--_---_--_--___--____--__----___--____
__-_--_-----___--__-__--__--___-_--_-_____-_------___----___--_-_--___-__
_-___----___-__----_-__---________----__-_--_-----_____-----_-___-_--_-__
___-___--_-____-----_--__-_-__--_---_-__---______--_-___----_-___--_---_-
--__-___-_-_-_------___-_--_--___________---__----_-__---__--__--___--_--
_____--_-_-_____-____-_---__-_----___-_-_--__-______--------__-__--------
-___-_--__--__---_-___-___-______-___---_-_--__-_-_--_---__--_-__----_---
-___-_--_---_--__----_-____----_-__-__-_---___---__-___--___-_---___-_-__
__--____----_____-_--_--_-__-_-__-__----___-______-----___-_-_-_-_-------
---_--___-____-___-_-_-------_-----_--_-___--__-__--_-___-_-_-___-_-___-_
_---__-___--_---_---___------__-_____-_--_---____-_-_-_-----____-____--__
__-___---_-__-_-_-_-_--_--__-__--_-_-_---__-__--__-_-__---_-_-_--_-_-__-_
_-_-----__----_-___--____-_-___---_-_-___--_-_--_---____-_-___-__--_-__--
__--_-_-_-_-_-_-_____-__-___---_-_-____-__--_-_-_-_---_--__--_--_-_---_--
----_--_--_--_---_--__---_-_-___-____-____-____-___-_-_---_---_-_--_-____
--___------____---_--__----__-___--_----_---_-____-______--_-___--_-___-_
---___--___----___---____---_---_--_-_--_--__-___--__--_-____--_--___-___
-_---______---__--_____-_-_-_-__-___-_--___--_---_-_-___-----__-_-_-_----
__--_---_---_-__-_---____-__-__-__-_-__---_--__---_--______--__--__-_-_--
----__-_-__-__----_-_-_--__-___--_-_---___---__-_--__---___-_-_-_--______
______--_-__-__-__-_-_--_-_-_-___-_-___-_--_--__----_-_---_-___---_---_--
_-__-_--____-____-__-___---____--_-_-__-______------_-__----_---__-------
-_-__----_____---___-____-_-__--------__--______-____---___---_---_--__-- -_--_---___-_-_--___--__--------_____-__-_--__--__-___-___-_-___---_--__-
_--_-_____-_-___-___--__-_--_--_-__---__--_-__-___---_-__--_-_--__--_----
---_-_----__---____-_-_--_-__--_--_--__-___-___--____-__-__----____-_--_-
-___-_--____----__-----_--_-_--_-_--_-_-_-_--_-_--_____---___-_____---___
---_-_--_--___-_-_-_-_-_--__----__-__-____-_----__-___---_-__--_-_-____-_
_--_---_---___-----__-_--__--______-______-___---_-__------__-___-_-_--_-
--___----___--___--_----_---_---__---__----__-_-_-__---________-_-______-
__-_--__--__---____------_--__--_-________-_-_-_--------__----_____-___-_
___-__----____--_--_--_---_______-_----__----____--____----_-___---__-_--
-_----_---__--_--_-_-___-_____-_--_--_--___-__-_-__------_-_-_____-_-_-__
__---_______-_--_--_-__-_--_--_-___-----_--_-_--_-_--__________--_-----_-
_----_-___---__--__--_-__---___-_--_-_---__-_-__---_-___--__---____--____
-_-_-__-__--___--_--___-----_-__-___-__-----__-___--___-_----_-_--___--__
_--_-_--___---_----____-_-__-__--___-__--__---_----_--____-_--_----______
__--__----_-_---_-__--__--_---_-_-__-_-_-__-__--_--_________--__--__--_--
_--_-_-_____-__--___---__-_-__-__-_---___--___-___--_-_-_--__--_-------_-
_-__-----_-_________-___-----___-_----_--_-__---_--__-_--_-___-_--___-_--
-___-_-_____--_-_-___-__---__-__---___-_-_-__--_--__----__----_-___----_-
_-_-_---__-_--_---_--__-_____-_______--___--___---__-__-_-----__---_-_---
__---_--_-__-_--_-______----_-___-_-_-----____--___--_---_--_--___-_--___
_-_--__------___-_---____-_-__----_-__-_-------__--_-_-_-___-_____-___-__
-_____----__----_-_-__-__-___-___-_-__---_____---_--____----_--_---_---__
__-_-__-_____--___-_---_--___--_-___-_------_---___-__------_---__-____-_
-____-_____-_-_-_-_--__--______--__-_-------____-___----__------_--__--_-
-_--___-___-_----_---_-___-___--__-_-_----_-----__--______-_--_-_--___-__
___-_-----__-_--__---_---__-_-_--_-___-_-__----_--_--_-_____--__-___-_-__ _-_-__----_-__--___--_-______-__-_---_-_-__--_--______---___-_-_------_--
-______-_----_-_--__-_--_--___--__-__--___----_-_--_-_---___-____-_-__---
__-_---_------___-___-___--_-___---__-_-__-___-_-__-_---__-__-__---_--_--
_---___-_--_--______-___-__-------_----__--_----__-____-_-_-_---__-____-_
__--_-____-_-----_-_-___----_-___---____--___-___--__--_----_-___-_--_-_-
__-__--___-_-__--__--__-_-__---_--____---_-__-___-_------__--__-__-__----
_-__-_-__--____-_--___------___--_--_---_-__-_-_-_--_---_______-_--_---__
__---_-----__-_-___-_-----_-__--_--______-_----_-_-_-_____---__-_-___--__
_-------_-____--_---__--_-_-___--__-__-_-_--___---___---__-----_______-__
_--___--__--------____-__-_________-_--__------_-_--_-_-_--_-_----__-____
_--_-_-_-__-_-_____---_____----____--__-__--__-___-_-----_--___---_---_--
_--_----____-_-_-------___-_----_--__-__---___-_---____----_-__-_________
--_-____-___-___-__--_--_______-__--_____----_-__-_--_-_-_-_------_------
__--_-----_-----_-___--___--__-__-------____--_-_____-__--____--_--__-___
_----____----__-__----_-__----____-_----_____-__---___--_-___-__-___----_
_--__--__--_-_--__---_---__-_____-_---_-_----___-______-------_-____--___
__-_--__---__-----____-____--__-__-__-_---___------__--_-----_-____-__-__
_-_-____-_-__---______--__-__----_-_--_---___--------_-___-__-__-_-_---__
---__-_---_--__----________-----______-___---__-_-__---_-__--_--_--__--__
_-__-__---____--__--__-_-_---_-_---_----_--__-_-_-_-__----__--_______--__
--__---_____-_-_-_-_____----__-____--_---_-___--_-_----__--__-___--_---_-
---__---_----__----_-__--____----_____-_-_-__-__-_-____---___-_----___-__
_--____--_--__---_____________-_----_-_-_-_-___-_--_-_----_-_---_-_-_----
-_-_-_----___--_--___----__-__--_-_--__-___-____-____---_-__--_-_-___----
_---_--_-__-___---_-_--_-_-_-_---_--____-_--_-__-_--____-__----__--_-____
___-_-_-____-___-------_-___---_-__-_-_--___----_-__-----_______-_-_---_- __-______--__------__---___--_____-__--__---__---_-___-_-----_-__-_---__-
_-----__----_-______-_______--___---__-___--_---_--_-__--__----_-___---_-
__----__--_______--__-_-__-------___----_-__--_--_-___-_---_-__---___-___
__--_-__--_--__---______-_-_---_--___--__---_--_------___--_____--_-_-___
_-_---_-__-_-_--___---_-__---_-_--_-_____--__-_-------______--____--__-_-
---____-___----__-_______--___-_--______---___--___----___-_--------_----
--__--__-_-_--__--_----______-_-__---__-__-_-_-_____-___--_--_---_--_--_-
-_-___-______-_----_-__-----_--__---__-_------_--_-___--_-__-__-_-____-__
__-_-_-_-_--__-_-___----___--------_--_-_-___-_-___--_-_--_-___---__-____
__-_--____---___-_--_--_-----_-_---_--_-_-_----____-__-____-____-__--_-_-
-_--_-_-_-___-_---_-__-___--__--_-__---__-__----__-_-_-_-_-___---_---____
_________---_-----__-__--_-_--__-----___---_---_-____-__--____---_-__-_--
---__-__--___---_---__-__--_--___-_-_----___-_-___-__-------_____---_____
-___---_------_-__----_-__-__---___-_-____-_-----_-___-____-_---______--_
_--__---_-____-_---__-___-______-_-___--_--_-___--__-_--------__---___---
__-_-______--___----____----_----________-__--_-_-_-___-------_----_-_--_
___---_-_--_---_-__-_-_---_---____---___-____--_-_---_-_-___---___--__-__
_-_-_-__-_____-------_----_-_-____----_--__-__-___-----_----_____-____-__
___---_----_-_--__-_-___-__-__--_-__-__---_----____---_-_____--_--__---__
__-_-_--__----_-_-_-----_-__----__-_--_-_-__--__--__--__-__-____-_--_____
___-_-_--_-_-_---_---_-__-_-__-_---_-__--__-_-__--_-___-__--___--_-_-_-_-
-___-_------___--__-______-____--_--___-_--_--_--_--__--_-_--__--___---_-
---_-_________--__--___--_-_--___-____----__-----_-_-----__------_-______
_--_-_--____-_-___-__--_---_--_-__-____--__--__-_---__-_---_---_-_---____
_--__--__--__-___---__----__-_-_--__---_------_--___---_____---___-______
_-_--__________-___---_-_----__-_---_--__-_-____---_-----------_____-_-__ _-_-_-_______-__-__-_-_-____-_-___-_----_----__----_-_--___----_--__--_--
__---__-____-_-__-_-----_-__--__-_-__---_-_-__-__-__-___-_---_-____------
--_____-_--_-_---___-_--_--___---_-__-_--___-____-_---__-_-_-----____-_--
_--_---_-__---____--__----_-__-_-____---____--_-----___-_-__-___---_-__-_
_-____-_-_----_-_---_---____---__-___----_---____-_-____--__-_--_---____-
_-____-_--_-__------__--_-___--_-__-___-____--___-___--_-_-_----_--_----_
--_-_------____------___--_______-__----_--___-_____-_-_--_-_--_-_--_-___
___--__-_--_--_---_-__-----___-_____-_--__-_--__-_-_--_-_-_-__-_--__--__-
----___--__-____----_-_-----_____--_-____-_-----____--_--_--_--____-_-___
_--_--_-__---__---_-_-__-_---------___--__-__-___----_--_________---_____
-_--__-_---___--______--___---__-__---_--_-__-_------_-_--__--___-_--____
-____--_--_--___-__-_---__-_---_-_-_-_-_--_---_--__--__-_____-_--_--_-___
_-_--_--__-_-_--__-____-____--__-___-_-_------_-___-----_--__-____-_---_-
______-_--__--__-__--__-_-___-______----_-_-__----__-__--_-_---_--_------
_--__--_-_----_-__-_--___--___--_-__-_-_---_-_---_-__---___-__-___-__--__
__---_--_-_-_-_-_--_-__-__-_---_-_-_-____--___-_-_-_----_--___-___-__---_
___--____-_-_----_--____-_--__---_-----_---__--_--____-__-__-__-_---_-___
____------__-_-_-__-___--_-__---__-_--_-____--____------_--___-_--_-___--
--__--____----_--_---_-----___--_-__--_---___-__--____--_--____---_______
--___--_-_____----_-_______--__--_-_---_-_-----___-__-__---___---_-__-_--
_----___-____--_-_--__-_-__-----___-_--___-_-__-__-_-_--___-_--__-__-----
-----__--_-___-_---____--_--_-___--____---___-_____-__-------__----___-__
_-_--_-_--_____-_-__---_-----______---__-___---_-_---_-____-----____---__
_--_______-_-__-__--__--_-__-___-_----_-_---___---_---_-_-__-_----____---
_-__--______-____--__-----_----___----_-_----_-__-___-__---___-__-_----__
_--_--_---__-__-----______--__-_-_-_-_______------_--__-___--_-_-_-_--__- -_-_-_-_--_-__-_--_---_---_-_-_----_-_____-_-___--_-____--___---_--__-___
-_--__---__-___-----__--_-____--_--_-_--______--_--_---_--___--___---____
_-_-___---__-----__-__-_--___--______-_---_-__-__-----_--_--_--____--__-_
__---__---__-_---_--_-----_--_--_-_-_-_________---___---_---_____-_-_-___
_--_-__-__--_-__--____-_-_--_-__-_--_--_----___--____---_--__---_____-_--
_-_-_-___---_-__--___--___-___---_-_-_--__---_--_-_----_-_--_--_-______-_
-__-------_-_-_-__-_---____-_-_---_____-_--_--____--___---_-_-__-_---____
_-__-_-__--__--_-__--___---_-_---_-__-__-_-_-____-__--_--__-_--_----__--_
_---__--__--_---_____----_---_--___---____--______-__-_--_-__------____-_
_-___-___--___-_---_-___-____----_-____---_--__-__------_---_----_--_____
_------_-__-__---__---_-_-___-__--------_---_-_--____--____--______-_____
-__-_-_---_---___-_-_---____-_-____-__---_--__-__-____---___-----_--_-__-
__-_-__----_--_-_---_-__-__---_-_-_-______----_-_-__-_--_-----_____--____
--__--_--__---___-_--_-____--__-__----_-___--_-___-_-_-___----___----__-_
-___-_----__-----_-_-_-_-_-_____-_--__----__---_-____-__--_--__-__-___--_
-_-_-__--_-__--___-_-__--_----__----___-____-------_-_-__---____-_____--_
-__-----_--_-_------_____--_--__--__-_-_-________--_--__-__---_-__-__--__
--___-_-__-_--___--__-____-____--__-_------------__-_--_-_---__-_____-_-_
--___-_-_____----_-_-_-_-__-__-_--_--_---_--__-__--___-__--__-_---____---
__---__-_____----_-___--_-----_---_-------____-___-_--____-_-___-_-__--__
_--_-__-----_--________--__--_--_-_---_-___--__--_-__---_--_-___--_-_-___
__-__---_--____-_-_-__---_-__---_-__-_-_---___-_----_----__-____-__-_-_-_
--_----_--_____-_____----___-------___----___-_---_--_-_-____-_-___-___-_
-__----_____-___-__-_---_---_----__----_-___---_________--_--_-_---_-_-__
_--_____-_--_-_--_-_--_--_--_-__-_--__---_---__---__-_-__-_---____-__-___
___-_--_____----_--_-___--_-__-__-_____---_-__-_---__-----__---____--_--- -___--_--__--_-_-__-___--___-_-_--___-_---______---_-__-----_-_-__-_--_--
_-_____-____-_--__--_-_--__-_-_---_-__-_----____---_-__-_--___-___-------
-_-_-___-_-_--___---_-___--_-_---__-___-_____-__--__-_-__--_--_--_----_--
_-___-___-__-______----_-_---__--__-___-___-_-__--__----_----_--_--_---_-
__--_---__---_---_---____--_-___----____-___-__---__-__-__--_-__---_-__-_
--__-__-__-_____--_-_-_--------_--_-_-----___--__----_-_-____-_______--__
--_-__-______-_-__----_-_--_--_-_---___--______-----____-_----_-___---_-_
-__-_____--___-_-_-___--__-__-_-__-__---_---_--__-_-_-_---_-_--__--_-_---
___-_-_--_----____------____-__-__-__---_-_---_--_-_-_-_-_-_-___-____---_
----______-_-_---__-___--_---_-____-_----_---______-_--____-------_-____-
--_-----_--_-___-__--___--_-____-__-__---_----___-__--__--_-__--__-__-__-
-_-___-________-_---__-_-__----_-_-_------__-__----_-___--_--___---_--___
-___-__---_--_-_____--_-_--____-___--_--_-_-__--___-_-_----_--__-_-_---_-
_--_-____--___--___-_--_--______---_---_--__-----_--_--_-___-_-_--_-__-__
---___-----___---_-________-----_-_-_-_-_--____--_-___-_-----_-___-_--___
-_-_-_--_--__-_-__--_--_------__-_--_-_-_-_-__-_-_-____---______-_-__--__
__--__---_--____--__-_-__-_---__----__---___--_-----___-____---__-___-_-_
_-_____-_-_--___---_--__-----_-_-__--_-_-_---_-___--_-__-___-_-__-__----_
-__---_--_----___-__--___--______--__-___----_-_--_-_-_-_-__--__--__--_-_
_--__-__-__-_-__-----_--__-__--___-_--_-_-____---___-_____-_-_-_-_-------
----_---_____-__----__--__--__--__---_-____--__--_-__-___-___-_-_----___-
_______--__---___---__--_--__-_-_-__-_-_-_--___---__-___----___---_-_----
-_--___----___-_______-___-___--_-_--__----__---___--_-_--_------___-__--
-----_____-_-___--_-____--__--_------_-_-_-_____-_---_-_---_-_--_-____-__
_-__-__----___---_-____-___-_-__---__--_----_-_--__-____-__-__-----__--_-
-----_____---_-___--_--_-_-____-__-_-___--_--___-_-_-_--_--_---_-_-_-___- -----_-_-_-__--_--_-_------_-___--___---_---_-______-_-_________----_-___
_-_---__-___-___-_---------___-_-_____-_--__----_-____----__-_-___-___---
-_____--___---____--_-______-___--_------_____---__-----_--__-_-_-_--_---
__-_------______--___-__--_--___---___-_-___-_---___---_---__--_--__-_--_
--___-__-___-___-__-_----___-__-_____-_-_-_--__------_---___-_--_----__--
__-_--______-_--_--____-__-_-------_---___--___-____-_--_-_----__-_--_-_-
_-_--__-_-_---__-_---__---_--____--_---___-_-__--_-----_--_-_____-_-_____
-_---__-_____-____-_--__-_______-__----_-____----_--_--_-------__-__---_-
--_-_-___--____-__--__-_--__--___------___-_-___-___--_----____-_--_---_-
--__----___-_--_---__-___-_-__--_---____--__-___--_----__-__----__-__-___
-_-___---____----_-___-__-__-_________--_--_-_--____-_-_--------_--_---_-
_____--_-_-__-____-____--__---__--__--__---_-_-_-------__-____--__-_-----
-_-__-__--_-__--____-_---_-__--__-__-_--___-_-_-_--_-_--_-____---_---__--
_-_--__--_--_--_-_-____--_-----____--__-_--__--_-__-_---_______-__--_---_
----_-_-_---___-__-_______-_-__-__--_-_-_--_--__-__-_---_-_--_-_-__--_-_-
-_----_-_-_---_-----____-____-_-_-__-_-____-__----_-_-_--__-_-__--_-_-___
___----___--___--__------___-_---_-_--_----_-_____--__-__-__---_-____-_-_
------__---_---__--_--_--__-_-__-___-___----_-_-___--_---______-_____-_-_
--_--_-_-_-_--_____--_-_-_--__-___-___-_-_-____--_--__-__--_--_----__-_--
--_-__-_-_--__-________-_--___----___--______--__----_----__--_--_-_-_---
-___-_-_----____---_--_-_-___----___-_-__-_--_____-_-_-----_-__-_-_--__-_
--_--_-_--_-_-_--_-__--___--__----__--_-_-_-__---_-___-__-__-___-__-_--__
__---_-__-__--___------_---__---_--____-__---_-___-____-___-_-----__-__-_
_-__-____--_-_-__-------____-_---_-__--__-_--__-__--___-_----_-___--_--__
___-_--__---___-__-----_______-_--_--_-_-----__--___--_--__-_-_-_--__--__
-_---_--__----__--_---_--_---_______--_--__-___---_--_-_____--___-_-___-_ ---__-_--_-_-____---_-_----__-__--_--_---________-___-----_--___-___-_--_
__----_---_--_---_-_-___--_--____-_____---_-_--_--___--_-_-__-_-___--__-_
_-__--_____-___-__-__-_-----_-_-_---__-_---_-__-----_--__--_---___-_____-
---_----___-__---___--_-__---_---_--_____-_____--_-__-_--_-__-_--__-_--__
_-___-__---__-_----_---___---_--__-__---________-__-_-___--_-___-------_-
-_____-----___-_---_-____-___--_-___--__--_----___-___-_----__----_-_-__-
-__-___--_-_-___--_-_--_-__-_------__--___--_--_--_--_-___-_--_-_-_____-_
-_-_-_---__--__---_-_____-----______-__--_--_--_-__-___---_-__-___-----__
_-_---__-___-----_--_----__-___--_--_-----_--_--___-__-____-_--_____-____
_-_---_-____-_--___--_-__--_-__-___---_----_---__-____--__-_-_-_-_-_-_-_-
-___-_--_-_____--__---_____-__----__-__--_---_--___--__------_-__--_-_-__
---____--_-_-_-__--__-__-__-_----_______-_--_____---__----_-_--__-__-----
__-_---__-_____--_-_--_____-_-__-_---__-_-----_-___--_---_-__----__---___
-___--__-_-_--_-__-____-_-_----_---__--__--_-_---_-__-__-__-__---_--___-_
__-_-__-__--_-_--____-_-_-_----__-____-__-__----__---_-______-__---------
------_--___-___-_------___--__--___-_-_--___-_--_----_____--_____-__--__
-__-__---_-__---__--_---____-__--_-___-_-__-_-_-_____--__--_---_-__-_----
-_--____--__---__-_--__--___----_-_-__-----_--______--_--_--_-_-_-____-__
-__-__-_-_-____------___-__-_--__-_---_--_-_-__---_-_-_-_-_-_-__-_--_-___
__---_-__-__--_---_--__--__--_____-__-__-_--_--_-----__-_-___-_--_---____
__-___--_--_---___-_____-------__-__-_--____---__-_-__--_-____-_----_--_-
__-_---__--__-_-_-_-----__-___---__--_-_-___-----______-_---_-_--_-___-__
----_-_--_---___-__-------_-_-__----__-_--__---___--_______-_-____-__-___
__-__-_--___---__---___--_--____---_-__----__-_-_-_-_-_-_-_--_-__-_---___
-_---___-_--_______--_--__-__----_-_--__-___--___-__--_-__-_---_-_----__-
-__-_----_-__--_----_--_----__-_-__-__--__-----_-__-_-__-__-_-______-____ ---__-_---_---_-____-_--__-__-___-__--__-_--__---___-___-_-_-_-_-_-_----_
_-__-_--_------__-_-------____-______--_-_____----------_-__--______-____
_---_---___-______----___--_-__---_----____-_-__---__-_-_---_-_-_-__-__-_
---_--_-__-_____-__--__----_----__-____-___----__-_-_-_____---_-__--_-_--
_-__---__-_-___-_-_--_-_--_---------__-__-_-_-____-___-_--__--__-__-_-_-_
--__--_-__-__--_-____-_--___-_-_--_---_____--__---__------___-_---_-__-__
___-_---__--_---_-_--_--_______---_-_-_-_-____-_-_--__-_---_--___--_-_-_-
_-___-_----__--_-_---__--___-__-__-__---___----_-__--_--_-_--____---_-___
---___-__-----__-__---__------__-___-_--____-__-_-_---____-----___-__-___
-----_-__--_-___-_-_-----__--_--__--_-_-____---___-___-_-_-_-_____-__---_
--__--__-____--_-_-__---___-_---_--_-__-____-_____-----____-----__---__--
-__-__-__--___-------____--__-__---_--__---__-_-_-_-_____-__--_---__--__-
-___-___-_-----_-_-____---_--_--_____-_-_----__-__-____-__--_---_--__---_
___--_-_-_--_--_-__--___-___-_-_--__--_-_-___----_-__--___-_-_--_---_-__-
_--_____-_-__-_-_----__--------_-__-______--_-_----_____--___-----__-___-
------__---______---__-_--__-_--_--___-_---_--__-___________--_--__-_----
-_-_-_--_-__-_---_-__-_--_---____-_-_--__-_------_-______--__-__-____---_
-___---_-_-------__-__-___-___---__-----__--__---_-_-_-__-__---____-_____
--_--__------_-___-_--__--_-___---_--_-_--_--_-__-__-_-___-__-___-_-_-___
-__-___-__--____--_----_-_-_-_-___----_-_--_-__---_----___-___-____-_---_
----_---_-_--_-___---_______-___-_--___--_--_-_--_-_-_--______-_-_--_--_-
_-_-------__---_-__-_--_--_-_____-__-_--__-__-__--__--_-__---_-_-__--____
-_--_-__----_-_--_-___--__----__--_----_-__-__-__-_--_-__--__-_-__-______
_---_-__--_----_----___---____________-__-------__-__--_----_-_-_____--__
____-__-___----__-__---__------_--___--___---_____--_---_----_--____--___
----_-_------_-----__---___-__-__--__-_____-___--_-----_-_____-___--_____ --_----_----_-_____---__-__--___-_---__-_-_-___--_--_---___-_____-_-__-_-
-_----___---_------_--_-__-_-_---___----__-__-_--____-__-_______-_---____
-__---___-____-_____-__-_---_-_------_-___--__-_-___---_----_-----__-____
-_-__--__-_-_--_-_-_-_--_-_-_------_-_---__--__-_-__-___--__--__-___-____
--__--_-_-__--_--__--__-_--____-__---_--___------___-__----__--___-__-___
__-------_____-__-__--_--_--____---___---_-_--_-___---_--__-__---__-__-__
--_----__-__-____-__-_-_-___--_---_-_--_-___---__-_-____--_-___---__-_---
-___-___------__---___----___-_____-_----__--__--_---___--____-__--__---_
-_-_----_--_--_-_---__---_-_-_-_-__-__-_------_________---_-_-___-___-___
__---_______-----____-----_---_---__-____---____--___--_--_____--___-----
-_-_-----__--_-_--_---_------____-__--_----____-__-_-__--____-__-______-_
-_-_--_----__--__-___--_-__--__-__--_--_---___-___-_____-----_---_____--_
-_-_--______-_----_----_______--_---_-_-_-_-_--_-___-___-__---_-_--__--_-
---___-_--_--___-___----_----_____--__-----___-__-_-_------_____-_-__-___
----_-_---___--_-_-____-_-___-_-_-__----__--___-__-__----__--_-___-_-__--
___-__-___-_-__--_-__--___-__--_-_____----______----___--_---_---------_-
-___--_---_--__-_--___-_---____---__-_-_-_-__--____-_-___---_---__-_--_-_
_-___---_---__-___----_---_-_-_____--____--_-_-__--___--_-___--_-__-_----
--_----__----_-_---____----_-__----__-___-__-______-__---_-_-_-____-_--__
-_-----_-__-_-__--___--__--_--__---_---_-____-_---_-_-_-_-_---__-________
---_--____--___-__--____--__-_-_-_---_-_-_--_---_------_--__-___-___-____
___---_--_-_--_-______--___-_-_-_--__-_-__-__----__-_-__----_--__--_-__--
-_-_-_-_--____-__--_--______-__-----_-----____-__-__------___-_---___--__
_--__--__-__-_---____--_---___-----__-__--___--_-_-_-__--___---_-_-_--___
__-__--_--_-_-__------_-______------____------_-_-____--_-___--_---______
__--_-------__--__---_----_-___-_______--_--___-__-__-__---_-___--___--_- -_---__-___-_----------__---__-___---____--_--___-_---_-_____-_-___-__-__
-___-_____--_____--_----__-___-__-_-__--__-_-___-_----_-----_-_--__----_-
-____--------__-__---__-----__--_--____-__-__-__-__------__--___-____-___
--_--__-_-_--__-_-_______-__-_----_-_-_-_-____-__-----_-__-__--_-___-----
-__--___-__-___-_-_--___-_-_-__-__-_-_-----__--__-_-_-__-__--_-_--_-_----
-__-_--_--_-__-__--__------_-__--___-_-_-__---__------_--_-_____-_-______
_--___-----_---___--_--__-----__-_____------__--_---_-___-______-__-_-___
----__----__--____----__--_--_--__-___----__-__--_-___--______-_--_-_-___
-_-_-__---___--_-__-----_---________-____---_-___-__--__---__--_-__-_----
-_-_-__---____---_-_____-_---___--___-___-_--_-_-_----__-__---_-__-_-_---
_-__-_--__-_--_-_--__-------_-__-___-_---__-___---_____-__-_-___----_--__
-__----_____----_---__--__-___-__-__-_-____----_-___-_--___--_--_--_-__--
----_____--_------_--___-___-_---_-_-----_-___-___-____-__---___-_--__-__
___-__-_--_-___--_-__--_--____-_----__--_-_-_-_--__---_-_-_-_-_--__--___-
_-_--------_-_-___--____-_-__-_-_-_-_-___-_--__-_--__--_--_--_____-_--_-_
--_-_---_-__-__-_-___--_-_--_-___-___-__-__--__-__-_--__------__--__---__
-_____-_--______--_____-------_------__--___--__---_----_-__-___-__-_--__
_--_-___-_____--_-_---_-_---__---_--__----_--___-_-_-_--__-_-_-__--__-___
----_--_--_---__----_-_---_-___-_--_______---_--_-___-_-_-__--___-_-_____
--__-_-____--_---_-__--__-__-___-----__--___----_-_-_--_-__-_-___-_--_-__
____-__-__-_---_-__-----_-_-__-__-_-_-_-___-_---_____----------_-_____--_
--__-_---__--__--___--_--_--_-____--_--_-_---__-_--___--_---_-_-_-_______
_---__-__-----_---_--______-_----______--____--____--___----_-__--_-_--_-
_--__-____-_--____----___------_-----_-_-_-____--_-_-_______-----__-__--_
-__--____-_---_-__----____-__-__-_--____--_---___---_--____-_--___--_----
-_-_--____-__-__--_-__---____-_---_-____-__-_--_--__---___-_------_-___-- _--_--______---__-_-__-_--_-_-__--_-__--_-_-__-_--__-_-----____-_--__--_-
-_--_-__-_-------__-__---_--_-_--__________---____-----_-_---_-__--______
-_----__--_--___-_-_____-_-_--_--__-_-_------_---_--_____-_______-_-__---
_--_____---__--__-_____-_--____--__-----__-__---__---___--__--_-_----_-_-
_-----_____-----__--__--_-__--_-__----___-__-__---_--__-___-_--__---_____
-_-_________---_-_____-_-__-__--_--_--__--_-__-_--_------___-----__-__---
_-______-_--_______--_-_------_-__---_-_-_-_-_----__-__--_--__-_-__--__--
--_-__-__-_-_-_-_-_-_--_____--_-_-_--_-__--___-___---_-----___-----____-_
-____--___-__-_-_--_--___--_--____---__--_-_-_-__---__-__-__---__---_-_--
___---__-_--_--_-___-___--_-_____----__------____--_-__--__-__-_--_---__-
___---____-_-----______-___---___--_---________---__---__----_---_--_-_--
_--_-_-__--_---__---__-__-__--__--_-__--_____-_-_-___---__--__-_-----_-__
-_---____-_---_----_--__-_--__-___---___-__-_-_--_---_____--__-__-__--_-_
__--__-_-------_---__--___--__-_-_-_--______-_-___-__------__-----_______
-----_____--_--_-____--___---__--__-_-____---__-_--_--__--___-_--_---___-
--___-_____-__-___--_--_-_-_-_-_---_--_-_---__---_______----_-__----_--__
---__-_-_-_-_---__-_--__-_-_-___-___-__---_________---_-_--__--__-----_--
_--_--_-___--_-----___-__--___--_-__-_--____-_-_____---_-__---___--_-_---
_-_-___-_-_-_--_----__--_-----_-----_---__-_-__--_--__--_-_____-_________
_-_--_------_---_-_----__--__________--_-_______-__-_-_---_----_--___-__-
-_-------__-----____-__-----_--__-_----__--_____--_-_____-______-_-__--__
--___-__-_--__-_-_-_-_-_-_---_-_-_-__-__--_--__-_---____-_-_---_--___-_-_
__-----__-___-_---____-_--____-_-_-_-_--_-___---_-___--_-----____---___--
_-______---____----_---___-_-_---__--_-_-_--___-_-__-____---_---_-__-_---
_____--_-__-__-_--_--_-_-___-____------__--_--_-__-___-__-_----__----_-_-
_-_--_-__--_-_---__-_-___-__-----_--__-___-_-__-_---______-_-_--_-__---_- --~-~~~~---~~~-~~-~~~~~-------~~~~~-~~----~-~~~-~~--~--~-~-~----~-~~-~~--
--~---~--~~~~~-~~~-~~~~-~---~~--~~~~-----~~~~-~-~~--~-~-~-~~~~~---~------
~~~~~~~~-~-~--~-----~--~--~-~~~--~~~~-------~---~~---~~~-~~-~-~~-~--~-~~~
~~-~~--~-~---~---~-~~-~----~---~-~--~~~~-~--~~~~-~---~~--~-~~~--~~-~~-~~~
-~~~~---~--~----~~-~-~~-----~--~~-~~-~~-~-~~~~~-~-~~~~~~-~-~-~---~--~--~-
-~~~~-~--~~~~~-~~-~-~~--~-~--~-~~~-----~-~-----~~~-~~~---~-~-~---~-~~--~~
~~-~~~--~---~--~~----~~~~~--~~~-~~~~--~~~-~-~~--~-~~~---~---~-~~-~-~-----
~-~-----~-~--~-~-~--~--~~-~-~~~-~-~~--~--~~-~-~~~-~--~~~-----~-~~~~~~--~~
----~~~-~-~~~~--~-~~~-~--~~--~~---~~~-~---~~~----~~~~~-~~~--~~-~~------~-
-~~--~~~~-~~~~~~~~~-~---~-~~~---~---~~~--~~~~---~~----~---~-~~--~---~~---
----~~-~~~~~~--~~~~~~~-~-~~~~--~--~~--~---~~-~--~-~-~-~~-~~~--~-~--------
~-~----~~~~-~~~--~--~-----~---~--~~--~~~~---~--~~~~~~-~--~~~---~~~-~~~~--
-~~~~-~-~~--~~--~~---~--~~~~-~-~~-~---~--~---~-~~--~~-~--~-~~~---~-~-~-~~
~~-~~~~~~--~-~-----~~~--~-~-~---~~~~-~---~---~~~-~~~~~-~--~~---~-~---~~--
~-~~---~~~--~~-~~--~~~~-~-~~~-----~-~-~--~--~~--~-----~--~-~~~~-~~~-~-~-~
~---~~-~~~----~---~~~~-~~~-~~~-~~--~-~-----~~----~~~~-~~~-~-~~---~--~~--~
~---~~~-~--~----~-~~-~~~~---~--~~~~~~~---~~~~----~~~-~~-~~~~~~-------~---
--~-~--~~---~~-~~~~~~~~~~------~~~-~-~~-~--~--~~--~~---~-~~---~----~~-~~~
~~~--~--~~--~~-~---~--~~-~~-~---~--~--~--~~~~--~~~~-~~~~~~---~-~-~~----~-
--~--~-~~-~~~~---~--~---~~~--~-~~~-~--~~---~-~-~--~~~--~~-~--~--~~~~-~-~~
~--~~-~~-~~-~~--~---~~-~~~~-~------~--~-~~-~~-~~-~~-~--~~~~---~~~--~~----
~-~-------~---~-~~~~~~~~~~-~-~~~-~-~~------~~-~~-~~~-~~--~--~-----~~--~~~
--~~~---~-~-~----~~~--~--~~--~----~~~~~-~~-~-~~-~~~~-~~~---~~-~--~---~-~~
-----~----~~~-~-~~--~-~~-~~--~---~-~~~~--~-~~~~-~~~--~-~------~~-~~-~~~~~
---~~-~~~~~~~-~--~~~-----~--~~--~---~-~-----~~~~---~~-~~-~--~~-~--~~~~-~~
-~-~~~~~~--~--~-~~~-~--~-~~~-~--~~~-----~--~~~~-~~---~-~~~--~~-~----~-~-- -~~-~~~~-~--~--~----~~-~~~-~---~~~~~---~~-~----~----~~~~-~~~-----~--~-~~~
----~--~~-~~~~~--~-~---~~~--~~~-~~---~~~-~--~----~~~~-~~--~--~-~-~-~~---~
--~-~~~~~~~-~~-~~-~----~-~--~~~-~-~~-~-~--~---~~-~~~---~~~--~--~-~--~----
~--~~----~--~~~-~----~-----~~--~~~~--~--~~~~--~~-~-~~~-~~~----~-~-~--~~~~
---~~---~~---~~-~~~~-~-----~~~~--~---~~-~~~--~----~~--~~~~~--~-~-~~--~-~~
----~-----~--~-~~~-~~-~--~~-~-~~--~--~~--~~-~--~~~-~~~~~~~-~~--~--~--~~--
~~~-~~--~---~-~~~~~--~~-~--~~-~---~--~-~~-~~~-----~~-~-~-----~~---~~~-~-~
-~-~--~---~---~-~---~~~---~~-~~~-~~~-~~--~~-~~~~---~-~-~~~--~-~-~-~---~-~
-----~-~~~~~~~~~~~----~~~--~-~~~-~-~-~--~~-~~--~--~-------~~~~~--~-----~~
--~------~~-~-~-~-~--~~~~~~--~----~---~~---~~~-~-~-~-~~-~~~-~---~~~-~~-~~
--~~~-~~-~~--~-~~~-~~~---~~~--~~-~---~~-~-~-~~---~-~----~~~-~~~----~~----
~~-~~~~~~~~-~-~----~-~-------~~~---~-~-~~--~~--~-~~~~-~~-~~~~-~----~-----
~-~-~--~-~-~~--~--~~-~~~~---~--~-~---~~~~~~~-~----~~~~~~--~--~~-~------~-
~~---~~-~~~~----------~~-~-~-~-~~---~--~--~~-----~~-~~~--~--~~~~~~-~-~~~~
~------~--~-~-~-~~~~---~-~~---~-~--~--~~~~-~-~~~~--~--~-----~~~-~~~~~-~~-
--~~-~~--~--~-~-~~-~~~~~----~~-~~---~~~-~--~--~--~-~~~-~-~~~~~~----~-----
~-~~~~-~~~----~~~--~~~-~-~~~~---~~~-~---~~-~--~~-----~--~~--~----~~~--~--
-~-~-~-----~~-~-~-~~~~-~~~~-~~----~----~~-~--~-~-~-~~--~-~-~-~~~----~-~~~
~---~~-~------~~-~~-~~-~~~~~-~-~-~~~--~~-~~--~-~~-~-~~-~--~---~~--~~-----
~--~-~-~--~~~-~-~~-~-~-~-~-~--~~~-----~--~---~-~-~--~-~-~-~~-~-~~~~~---~~
-~-~-~~--~---~~~~~-~----~-~~------~~~~~--~-~-~~~~-~--~--~~~--~-~-~-~~~---
~~~-~--~----~---~~-~-~~~~~~~~~--~~--~~-~~------~--~----~~----~-~~--~~~-~~
~~---~~---~-~~~~--~-~-~-~~-~-----~~~--~~--~~--~-~~-~~~~~-~-~~-~---~-~----
-~--~--~--~~---~--~-~~~~-~~~~-------~~~~-~-~--~-~~~~--~--~~~-~--~-~-~~-~-
-~~~~~~-~~--~~~~-~~-~~-~~~~~--~~-~-~-~--------~---~-~~~-~~--~--~---~-----
--~-~~--~~~---~~-----~~-~---~-~~~--~~~~~~---~~~~~~~~-~~----~~---~-~~----- ~~~--~----~~~~~~--~~-~---~~-~--~~-~~-~~~-~~---~-~~---~-~~~~---~~---~-~---
~~~--~--~-~--~~~~~-~---~---~~-~~-~~-~~~---~~--~-~~-~--~-~--~-~~~~~~------
-~~-~~-~--~------~~~-~~~-~~~~-~~-~---~-~-~-~--~----~~~--~~~--~-~~-~~-~~--
~-~~-~~---~-~~-~-~-~-~------~~~~-~--~-~---~-~--~~-----~-~~-~~~--~~~~-~~~~
--~~~~~---~---~-~~~--------~---~~-~~~--~-~~-~~---~-~-~-~--~--~~~-~~~~~~~~
~-~~~~~~~~~~-~~--~-~--~-~-~~--~-~-~~-~------~~---~--~~-~-~-~~-~~~----~---
~~-~----~-~~~~-~~~-~-~-~~--~-~~--~--~~-~~~~~---~-~---~~-~-~--~-~-~----~~-
-~~~~~~--~~~~--~~---~~~-~~-~--~~~~~~~----~-~--~-----~--~---~-~-~~-~--~-~-
~-~~--~~-~~~~~~------~---~---~-~~--~~-----~--~~~---~-~~~-~~~~~-~----~~~~~
-~-~-~-~~-~-~~-~~--~~-~---~----~~--~---~-~--~~~----~~-~~--~~~~~-~~~-~--~~
~~~~~-~~--~~~-~-~~~-~-~--~----~~~~~--~--~-~~--~--------~~-~~~-~-~--~--~~-
-~---~~-~-~--~-~~--~~--~~-~-~-~~~~-~------~-~-~-~-~-~--~~~~-~-~-~-~~-~-~~
~-~--~~~~~-~--~-~~~----~~-~---~--~--~~~-~-~~--~~~-~--~~~---~-~---~---~~~~
~~~~~~~-~~-~~--~--~----~~~~-~---~-----~~~------~~~-~-~--~-~~-~~~-~~-~-~--
~--~-~-~~--~----~~~-~-~-~-~--~~-~-~~-~-~-~-~~~--~-~~~-----~~~----~~~~--~~
~~-~-~~~--~~~---~~-~~~-~----~----~~~~~~~~~---~--~--~-~--~~~--~~~-----~~--
~---~~~~-~-~-~~~~~~-~~------~~~--~~~~~~--~-~-~~-~~---~~-~--~~-----~~-----
~~-~-~~-~~-~~---~~~-----~-~~-~-~~-~-~~-----~~~-~~~---~-~~---~~--~----~~~~
-~~-~~-~-~-~~-----~-~-~~-~--~---~~~--~~~---~-~-~~-----~~~~~---~-~-~~~-~~~
~--~-~-~~~--~-~-~--~~~-~--~---~-~--~---~~~-~--~-~--~-~-~~-~~~~---~~-~~~-~
--~---~-----~~~~--~~-~---~----~---~~~-~~~~~~--~~~-~~-~~-~~-~~~-~-~--~--~~
~~-~~-~~~-----~~----~-----~~~~-----~~~~-~-~~~~-~-~--~---~~~~-~-~--~--~~~~
-~--~~-~~~-~~-~~-~~-~~~~~-~-~--~~~-~-~~~------~~~--~~---~~-~-~-~-----~---
-~-~-~~-~~~~-~-----~-~--~----~--~-~~~~~~--~-~~~-~~-~~~~~----~~-~----~~~--
~~---~~~--~--~----~~~~--~~-~----~-~~-~-----~--~-~-~~~---~~~--~-~~~~~~~-~~
---~~~-~~~-~-~~~----~~~~~---~~~--~~~~---~-~~~~--~~~-~~----~---~-~~~------ ~--~~~---~---~---~~-~---~-~-~~-~-~-~-~-~~~-~-~~~~--~~-------~---~~~~~~~~~
~~-~--~~-~~---~~-----~-~-~~~~-~---~~--~~---~--~~~~-~~~--------~-~~~-~~~~~
~-~--~--~---~-~~~~~--~~--~~-~~-~--~-~~---~--~-~---~~-~~-~~----~~-~~~--~~~
~~~~~~--~-~~--~~~---~--~~~-~------~~---~~------~~~~~-~~~--~-~-~-~---~~-~~
--~--~~~-~-~--~--~-~~~--~-~-~~~~~-~-----~-~-~~~~-~--~~--~~~~-~~--~-~--~--
~~-~---~~-~-~~~---~~--~-~-~~-~~--~~~----~-~~---~--~~~~-~-~----~~~~--~~~--
---~~-~-~-~~-~--~~---~--~~~~~---~-~~-----~-~----~~~-~-~---~~~~~~~~-~~-~-~
~~-~--~~--~-~-~~------~-~---~~--~--~~~~~~~~--~-~-~~--~~~~~-~-----~-~~--~~
~~~~~~---~~--~-~-~~-~---~-~~-~--~~---~---~----~---~~--~-~-~~~~~-~-~--~~~~
~-~-~--~---~~---~-~--~~---~~-~--~-~~~-~--~~---~-~--~~~~~~---~-~~~-~~~-~-~
--~-~~-~~~---~~~-~~~~~--~~--~---~~--~--~--~~--~-~-~--~~-~--~~~-~--~~-~~--
~~-~~~~~-~~~-~~~-----~--~~~~---~-~~~~-~~------~~---~----~~~~-~--~-~--~-~-
--~~--~~------~---~~-~~~-~~--~~~-~-~~~-~~~~---~-~~~---~~-~~---~~~--~-~~--
~~~~~~-~~--------~-~-~~~~~~~---~--~~~-~-~~---~~~-~-~~-~---~-~-----~~~---~
-~---~----~--~---~~---~~~~---~-----~~~-~~-~~--~~~-~~~-~--~--~-~-~~~~~~~~~
---~~~--~-~-~~~~-~-~--~~~--~~~-~-~~~~~-~~--~---~--~-~~-~--~~----~~~--~---
-~----~~~~-~--~-~~~~~---~---~~---~-~~--~~~-~~~--~----~--~~~-~-~~~~---~-~~
~--~~-~~--~-~---~-~-~~~-~----~~--~~-~~~--~----~~~~~~~---~~~--~-~--~~~-~--
~~~~-~-~~~---~-~-~-~-~--~~------~--~-~--~~~~-~~--~~-~~~~----~-~~~---~-~~-
---~-~~------~~-~--~~~~--~---~~--~~--~~~~~~-~~-~~-~--~~-~~--~~--~~---~~~-
---~-~~~~--~~~~~--~--~-~~~~------~~-~~-~-~-~-~-~--~-~---~-~----~~~~~~--~~
--~-~~-~~-~~--~~~--~~~--~-~~-~~---~~~---~---~~~~---~-~-~-~-~-~-~-~-~~---~
~-~~~~----~~--~-~-~-~--~~-~~--~--~~~~~-~-~~~~~-~--------~---~~~~~-~---~~-
~~~~~~----~~-~~-~-~~~-~--~~--~~--~~~~~---~-~-~-~~-~~~-------~--~~~---~---
---~~-~---~~~-~-~--~~-~-~-~~--~~--~-~~-~----~-~~~~~---~~~~~--~--~-~~---~~
---~--~-~--~---~-~-~~-~--~~-~--~~~~-~~-~-~~~-~---~--~-~-~~~~~----~~~--~~~ ----~~-~--~-~---~--~~~~--~~---~-~~~~~~-~--~~~--~-~~~~--~-----~-~-~~--~~~~
-~--~-~-~~-~~~-~--~--~-~~~-~~-~--~--~--~~-~-~----~~-~-~~---~~-~-~-~-~-~~~
~~-~~~---~~---~--~-~--~~-~~-~---~-~~-~~-~-~-~~--~~~~-~~-~~--~-~~~---~----
---~-~~~~~~~~~-~~--~~-~-~-~---~-~~-~~-~----~--~-~-~--~~-------~~~~--~~~-~
~---~~~--~~--~----~-~~--~~----~-~~~~~--~~~-~~~-~~~-~~~~-------~~---~-~~~-
-~~~-~~~-~--~~---~~~-------~~~~-~--~~---~~-~---~~-~---~-~--~~---~-~~~~~~~
--~~~-~-~-~--~~~~~~~~---~----~~-~-~~---~~-~-~-~~~~--~~-~--~--~~-~~---~---
~~~--~-~-~~-~~--~~~~~--~---~~~~-~~-~----~~-~-~-~~---~--~--~-~~--~~--~~---
~-~-~~--~~--~~----~~~~-~~--~--~-~-~-~~-~--~--~~~-~-~-~~~-~-~~--~-~----~-~
~~~---~~~~~~~~--~----~------~--~-~-~~-~-~~--~--~-~~-~~--~-~~~-~-~---~-~~~
-~~~--~---~~~--~--~-~---~~---~~~---~-~~~~-~~~-~~----~~~~~-~~~--~-~--~--~-
~---~~---~~-~----~------~~-~~--~~-~~~-~~~~~-~-~-~-~~--~~-~-~--~-~-~~~-~-~
-~~---~---~~~~---~~~-~~-~~-~~--~--~~~-~-~--~~---~--~~--~~~~-~~-~-~-~~----
-~~~--~--~---~~~-~-~----~~~~~~~~--~-~-~~~~~-~~~~~-~~-------~-~~----~---~-
~-~----~--~~---~--~~~-~~~---~~~-~~~-~---~~~~-~~~----~-------~-~~~~-~~~-~~
-~~~~-~---~---~--~-~~--~--~-~-~~--~--~~~---~~---~-~~-~~~~~---~~-~-~-~-~~~
--~---~~-~~~---~----~~-~-~~----~~-~~~--~-~~~~--~-~--~----~~~~~-~--~~~-~~~
~-~~~--~--~~-~~-~--~---~--~~-~~-~~~~~~---~~--~~-~~~~--~~----~~--~-~~-----
---~-~-~---~~~---~-~--~-~~~-~-~~~~--~--~~~---~~-~~~~--~~~-~~~~---~--~~---
~-~---~~-----~~-~~~--------~~~----~~--~----~~~-~~~~~-~--~~~~~~~---~~~~~-~
~~~--~--~~~---~~-----~-~-~~~---~----~---~-~~-----~~~~~~-~~-~~-~--~-~~~~~~
-~--~~~~~~----~~-~----~~-~~~---~-~-~~~~~~~~~~~~-~---~~~---~--~-~-~-------
~~~-~--~--~~~----~~--~-~~~---~~--~~-~---~~-~~--~~~---~---~~----~~~~~-~~-~
~-~---~~~-~~--~~~-~~~--~--~--~--~~-~---~~~-~-----~-~~~~--~--~~-~--~-~~~-~
~~~~-~~--~---~----~-~~----~-~--~~~~~-~~--~~~~~-~~~--~~~~-~~--~----~--~---
~~-~----~~---~--~~~~~~~~~~~~---~-~~--~--~~----~~---~-----~-~~~--~-~~~~~-- ~~~~~---~-~-~~~-~-----~-~------~-~-~---~~~-~~~~-~-~~--~-~-~----~~--~~~~~~
~~--~~~--~~-~~~~-~-~~-~~-~~~----~-~~~---~--~--~-~--~~~---~--~~-~----~~-~-
~~~-~~~~~-~~-~-~-~-~~~---~~-~--~-~---~------~--~--~~~~-~-~-~-~~--~~-~~---
~~--~~--~-~-~~-~-~---~--~~~~~-~~-~~---~-~~-~~----~-~---~~~--~--~-~--~~~-~
--~~~~~-~~-~~---~~~-~--~---~~-~~-~~~~-~~-----~~----~~~~-~---~~---~~~-~---
~~~~--~-~-~~~--~~~------~~~-~--~~~-~~~~~~-~--~-~-~~~~------~----~~-~--~--
-------~~~~~~---~~~~--~~-~-~~---~-~~-~~-~~~~~-~-~~-~---~-~----~~-~--~~~--
~----~~~~~-~--~~~~~~------~---~~~-~~~----~-~~~--~~-~~--~---~-~-~~~-~-~~--
---~~---~~~-~------~--------~----~-~-~--~-~-~~~~~~~~~~~~~~~~~-~--~~~~~--~
~-~--~---~~--~~~~-~~--~-~~~~-~~---~-~-~~~-~-~----~~~-~~--~~-~-~-----~-~-~
-~-~-~~~--~-~~~-~---~~~-~--~--~-~-~~--~-~-~~--~--~~~~-~----~~------~~~~~~
~-~~--~~-~~~~-~-~---~~-~---~-~--~-~~-~~~~-~-~---~-~~~-~-~-~-~~-~~----~---
~~~~~-~~-~-----~~~--~~~--~~~--~-~-----~~~------~~~----~~-~-~~-~~~---~~-~~
~~~---~~~~-~~~~-~~~--~~~---~-~-~-----~~~~~~-------~-~~-~~--~--~-~-~--~-~-
~~~~~~-~~~~~-~----~~-~-~-~~------~--~-~--~~--~---~--~~~~--~---~~~-~~~~---
--~--~~~--~~~~-~--~~-~-~~---~-------~-~~-~~----~-~~----~~~-~~~-~~~~~~~--~
-----~-~~--~--~-~~~-~~~-~~-~~-~~-~~~-~~-~-~---~~--~~-~~~~-----~~---~~-~--
~----~-~---~-~~~~-~-~-----~--~-~~--~-~~~~-~--~-~~--~-~-~-~-~~-~---~~~~~~~
-~-~-~~~~~--~-~~~~~--~-~~-~~-~-~-~~~~~------~---~~-~---~---~~-~-~-~-~--~-
-~--~-----~~-~--~~-~~~-~~~---~~-~~~--~-----~~~~~--~--~~~~----~~~--~-~~-~~
~~----~~-~---~~~~~~~--~~-~~--~~~~~---~~~~--~-~-------~~~~--~--~-~~-~-~---
~~~~~~-~~-~~~-~~~--~-~~----~~-~-~~~-~--~~~~---~~----~----~--~-~~~~-------
~~--~--~~--~~------~~-~-~~~~--~---~~---~~--~--~~-~~-~~~~~~------~~-~~~-~~
---~-~~~~~~~~~~~--~-~-~-------~~--~~--~~-~--~-~~-~-~~~---~~~~~-~~~-------
-~~~-~~--~~~~~~--~~--~-~~-~--~~~~--~~~~-~-~--~--~---~--~~~-~---~----~~---
-~~~~----~~---~~~~--~-~--~~--~----~---~-~-~-~~-~~~~-~~~-~~~-~~~--~--~-~-- -~~~~-~~~-~~--~~---~~-~--~~-~~---~~-~---~---~~~---~~-~~~~~----~-~~-~--~--
~~~~-~~~-~-~-~----~-~-------~~~~-~-~-~-~~~---~~~~-~--~-~~---~-~-~-~-~--~~
~-~-~~~-~---~~-~~~~~-~~-----~~-~~----~-~-~~~--~-~~~~-~~-~--~-~~----~-~---
~~--~~~-~---~--~-~--~-~~-~~~--~--~~~-~--~--~~~-----~~~-----~~~~-~~~---~~~
---~~-~-~~~~~--~~-~~~~-~~-~--~--~~-~-~--~-~------~--~~~~~~~------~-~--~~~
-~-~--~~~--~--~-----~~-~~~~-~~-~~~~-~~~-~~---~~-~~----~-~~~-~~--~~-~-----
--~~~-~~~~~-~~~~~~-~~~--~---~~--~--~~~-----~--~~----~--~~-~~-~-----~-~~-~
-~-~--~~--~~-~~~~-~~~~--~~~~~~~--~----~----~~-~-~-~----~-~~--~-~-~-~---~~
~-~--~~-~~-~~~~-~-~---~-~-~-~--~-~~-~~-~~-~-~-~~~~---~-~~~~---~-----~--~-
~-~~~-----~-~~---~~~~-~----~~~----~-~~---~-----~--~~-~~~~~~-~--~~-~-~~~~~
--~~~~~~-~-~~-~-~---~-~---~~~~-~-~-~-~~-~~~~-~~-~---~-~--~~-~-~~----~----
--~~~~-----~-~~---~~-~~-~~-~-~~~----~~~~~~~~----------~~~~-----~~~~-~-~~~
~--~~-~---~-~-~-~~--~--~~~~~----~~~----~~~~--~--~~~~-~--~--~~-~-~--~-~-~~
-~~-~-~-~~------~-~~~~-~-~-~-~~~---~~-~~--~-~--~~~~~~----~~----~--~~~--~~
--~-~-~-~----~-~~~~~~~-~-~------~--~--~~--~-~~-~~-~~---~-~~-~~~-~~~-~-~-~
--~-~---~-~--~~-~--~-~--~---~~~--~~--~~-~-~~~~~~~-~~-~---~---~~~-~-~--~~~
---~-~--~----~-~---~--~~~-~~~~~-~~~---~-~--~-~~~--~~~~-~~---~~~~--~-~-~-~
-~~~-~------~----~~---~--~--~-~~~--~~---~-~~-~-~~~~~~-~~~-~-~~~~-~-~~-~--
-~-~-~-~~~~~---~~--~-~~--~-~~~-~~-~--~---~~~-~~-~---~~-~--~~-~--~--~~-~--
~~~---~~~-~--~-~~--~~~-~~~-~-~~--~~~-~~~~-~-~---~-~--~---~~----~~~~------
-~~---~------~~~-~-~~~-~-~~-~~-~---~~~----~~-~--~~-~~~~~--~~--~~---~~-~-~
~~---~~~~~~~-~~~--~~~--~-~-~-~~----~-~~-~--~-------~~-~~----~~~~~~-~-~---
~~-~-~~~--~-~~-~-----~~~--~~~-~~-~~------~~~----~-~~--~~---~~-~~~~---~~~-
~--~-~---~~--~--~---~~-~--~~--~-~--~~--~-~-~-~-~-~~~~~~~---~~~~-~~-~~---~
~--~~~--~~--~-~~~---~--~~--~~~-~~--~~~~-~------~~--~-~-~-~~---~~~-~~-~~--
~-~~~-~--~-~----~~-~~~-~~-~~-~---~-~-----~-~--~--~~--~~~~~~~~--~~~-~-~--- ■ このスレッドは過去ログ倉庫に格納されています