0001名無しさん2018/09/12(水) 15:18:36.190
会員サイトに1台のパソコンで2つ以上の会員でアクセスしたいんですがIPアドレスを新しく生成するソフトは何かありませんか?
Tor Brouserで2つ同時はできました。
----__-___--____-__-_-_-_--_---_-___---_----_--__--_____----_-_-__--_____
___-_----_-_--____-__--_-__-_--_--____-__-_-_-_------_-_--____-__---_-_-_
-__-_--_--_-__-_-_---__-__--_--_---_-______-----___--__-__--__-_-_---____
-__--_-__----__---_-_______-___----___-__-_----___--_-__-___----___---_--
---_---_--___--___------_---___-----___-_-_-_-___-_--________-___----____
_--____-_-_-__-__-__---_--_----__-__-___----_-_-__----_-____--_-_--_--___
-_-_--_--_-_-_-______-_---_-____----__-_---__---__-_-_--_-___-_-_--____--
_-_-___--_--_-___----_---____----___-_---___---____-___--_---_---____-__-
---_--_-_-_-__-___---___--__-----_-_-_------_-____--__-_--_-_________-_-_
__--_-_----___--___--___--___--__-__--____-_-__-_--__----___-___---_-----
_-__---_-_--_-___-__---_--____-_____--____-_-_-_--_-_-_--_--_--_-___-----
-___--____----____--_--__--__--_-___-___--_-__-_-_----__-__-_---_-___----
_--___-_----_---___-__----________-_----____-_---_--__------______--_--__
__-__-_-__-_--_-_-___---_-___-__--___--_---__-----_-____-_-_--__-___-----
___-_-_____-__-__---_----______---__-__----_---_-_-_-_--_-__-----___-__--
_-_--_-_-----__-_-__-___---_-____-______-_---_-_--_-_----__-____--___----
--__---_-___---__-___-__--_-__-__-__--__--_------__-__-_-_--____--_---___
-_____---__---_---__-_-_-----__-_-_--__--___-___-_-----_-_---_____-___-__
___-_____-----___---_-_-_--------__----_---__-_-__--___-_-___-_-_-_____-_
_____-_-----_-_------__-__-_--_--___-_-_-___--------_-_-_______-_-_-__-__
----__-_-__-____---__-_-__----_______--_-_------__-_____-_--__-_-__-_----
______--_-___---_-___----__--_-__--_------_-----__--_---____-__-_-____-__
______--__-__--_-___-__-_-__-_--__----_-__-__-_--_---_-_-_---__-----_-__-
-_-__--__--------__-__------_-___-_-__-_--_--____-__-__-___-__-__--___--_
--_---_-_-_-_---___----__-__----_---______-___----_---_-___---______-____
_--_-__----_-__---___--__--______----__-___---_-__---_--__-_-___---_-___-
_----______-_-_----_-_-__-___--___---_--_-_--__-____-___--_-_-_-_--_-_---
----__--__-_-__-_-_______-_-------____-__-__--_-___---__-_-____-_---_----
___-__-_--__---_____-------___-____-__-----__-___------_-_-___---__--__-_
-_-----_-_-___---__-_------_-______-__-_-___-_---__-_---_-___-__--__-_-__
__--__-_-_--_-__-__-_----___-_____--_--_--_-_-__-_--_---_-____-_--__-_---
-_-_-_-__-_-_-____-------__---___-___---_---_--________-_-__-_---_-_--_-_
___-___----_---_----_-____--__-_-_-_-__-_--_-__-_------____--_-___-_-_-__
---__-----_--_-_--__---_-_____----_-___-_--_--__--_-____----_--__________
_---__--___----_--_--___--_-____---___-_----_-__--____--__--_-__--_-__-__
-_--_-___--___--___-_-_-_-_--_---______-_-_-___---__---_-__--_----_-_-_-_
-_-----_--___----_-__-_--_-_____-___-_-__-__-__-___-_----_______-_-------
__-----__---__---__-__----___----_-___-__-__----____-_-__--_-__-_---_____
-___-__--_-_--_--___-_--_----__-_-_--__-_--___-__-_____--__-_--_----__--_
--__-_----_-__-_____-_-----__-___--__-__-__--___-_-_--_--_-_____-----__--
_--___-_-_------_-_---___---_-----___-_----_-____--___-_-___-__-____-_-__
_--____-_--_-__--_-----__-___-__--_-_-__---__-___--_--___-____---_-_-_---
-_-_--__--_-_____-_--__--_-____--_----__----____-_-_-___-_--___------__-_
_--_-_--__---__-___---__-__--__-_-_----_-____--_-___----___---____-___---
--__--_-_-_-_-_----_-__-_-__-___-_-_-___----_--_-_-___--_-_-_--___-___--_
-__-_---_-_____--____-__-----__-_____----_-_-_-___--_-----____--_--___---
-_--____-_-__-------_-_----__-___--__--_____-_---_-__-__-__---_-_-_-__-__
_--___-_--_---_--_-_-_--_-___-___--__---______--__-----__--___---_-__-_-_
----______-_---__-__---___-_---__-__--____-_--_-----_-_--__--_-__-_--____
----__--_____----__-_--__-_-_--___---____-_--_-_---__-____----____--_-__-
_-_--___-___--_--_-_-_------_-____----_-_-__-_-_-----__-___----_______-__
_-_--_______-_-_------_____-_-__--_---_--_-_--___-__-_--__-_----___-_-_--
--_______-____-----__-___-_----__-_--_-_---___---_--__--____-__-_-----__-
-_--_-_-_---___---_----_--_____--_--_-__---__--_-_-___-__-__-____---_-___
_-___-___--_-__-_-___-_--_-_---__--_--___-__-__--__-___----____---_------
---___---__---_--_-__--_--_----___-___--_--____-_---__-__-___--____-_-_-_
_--_-__-___---__---__-____-_____-_-----_---_____-__--__-__-_-_----_--_---
_-____--____--___--__--_--_-___--___--_-_-____-----_------_-__--___-__---
__-_____-__--___--__---_-__--_-__--__--_-_--_-__---_-_------___-____----_
-__---------_--_____-__-__-----__-___-__---__--_____--__----___---_-_____
------_-____-__----____-_--_-____----___-__-_-____--_-____--___----_---_-
_--_---_-_-_-___-_-_-__-_--___-_____-__----___-_--_--_-_--__-__--_---__--
_--_-_----_--_-_-_---___-_____---_-_-_--_--_---__----____-__-____-_-__-__
------____---__-_-_-_----_-__--_-_-____-__-_----___--_-___--_-______-_--_
---__--_-____--___-----_--__-_------_-___----__-___-__--_---_____-___-___
_-__-__--__-_--_--_--____--___-__--___-_-------__--_--____-__--_---__--__
_--__-_-_----___-_-_-------____-_____-____---_-_-__---_--___-_-_--_-_-__-
-_-_--___-__--_--_--__--___-______-___----___-__-_-___-___-------_-_-----
__-_-_-_-__-_-_-__----_-_--___----_____-__-_-_-_--_____---_---_--_---__-_
--__----_-_-_-__--_--_---____-__-_---___--__---_----___--_-_-_-_____-____
---_--_---_-___-__--_-_--__---_-___-----__----_-___-_--____-_--__-_______
_--__--_---_-_______-_----_-_-_-__--_--__-_--_--___----__--_____--_-__-_-
___--_--_----_--_---___-___-_-_-_____--__---_--_--___--_-_-__-_--___--_-_
-__--_-----___--__-____-_-_____---_--_-_-_---_--_--_--_-______-_-----____
---____-_--___-__-__---_-_----_-_-___--____-__--__--_-_--_--___---__--_-_
____-_-_--_--___-_-_-___---_____-_---_-____--__-_-----_--_----___--_---__
-_---_-_-----___--_---__---_--_----_-__-__-____-__--__-____--____--__-___
__--_---_---_-__-__-___--__------__---_-__-____-__-_--__-_-_-_-_--____--_
-___----__--_----_-_--_-_-____--_----------________--_______-__-_---___-_
__---_____-_-_---____-_____-____-___--_----____--__------_---_--_----_-_-
-____---_-__------______--_-____-_-__--__-----_---__-___-__---__--_-___--
__---_-_--_______-__-__---____---_-_---_--_--_-_-_--__-_-______----_--_--
_-__-___--_______-__--_----_-__-_-__--__-----___----_---_-__-__-_--_-_--_
_____-__-___---_--___--_--_-_-_-___-__-----___--_-_--_---__--_---_-_-_-__
_--__---_-__-__-_--__-__---_-_____----___-_-_-_-_-_-__--_-_-__--___--_---
-_--_-_-__-___-_------__-_---_-_-_-_-__--_-_-__-____-_-__-_---_-__---____
_----_-_-_---___--_--_---____--___--_____--___--__-_____--_-___-_------_-
-__-_-__---_--_----__-_____----__-__---___-__-_--_---_-_----__-___-__-___
-_-_-__-_____-_--_-_____-__-___-___---__---_-_-_--_---_-__--__--_------_-
-------_-_-_____--_-_---_--_-____----_-_-_-__---_______--_---_-____-__-__
_-____---_-__-__-___--_-_------_-___--___-_--__-__------__-_-__--___--__-
_--______-_--____-_________--_---_---_--__---_--_--_----___--___--_-_----
-____--_-__-__-_--_--___----_---_-_---__-_-----_-____-_-__---__-___--____
--_----__-_--____---_-_-__-_-_----_-_--_--_-_-_-__-_____-__-__-_-__-_-_-_
___--_--_----_-----___-_-__----__--__-----____-___________--__-___----_--
_-_________--_---_-_-___----__-----__--__-__----_-_--___-_-_------____-__
__--______--___---__-_-_--_-_---_--__-___---__--___--___-_---_-_---__---_
__-_--_----___--_--_-_-_-___----___--_-_---__-_--__---_-__--_-____-__-___
____--------__-_--_--_---_--__-___-_______-_---___---_--__-__-___----__-_
---_-__-_-___-----_-_-----_-_-_-_--_-___-__________---___---__-__-_--__--
--_____----________-_-___----____--__-_-----___-__--__------_-_--__--__--
-_-_----___-_---__--_--_____---____---_--___-__-----__---_-_-____--_-____
--__--_____------____-__-__--_--_______-_-_--____---___-_-----_-_-_-_----
---__----__-_____-___-_----_-_-__----_-____-__-_-__-_--____---___---_--_-
__--______----_-__-_-----____----___-_-_--__--__-_______-----__--___-----
_---____-_-_--_---_--_-__-----______-______----_--_----_____-_-__-_-_--_-
-__--_--____----__-___-_____--_-_--_---_-_-__----_-_--_--_-_--___-___--__
---_--_-_-_-___--__--_____--__-_________-------_-_--_-_-_-___---_-__-_---
----__-_______-_-_-_--_----_-----___-_-______--_-_-__---_-____-_-_-_----_
-_---_-__--_____-___-____-_-_-_--_-_-_--___-_-_-_-__------____-_----_-_--
_--_--_____--_---___-_-----___--_--__--_-_--_-____-_-_-__--_----_-_-_____
_-__-__-____----_--__-___--_-_-_-_---__--_______-----_----___--____--_---
__--____---_---_---____-_----____---_-__--_____-__--_----__-_-_-__-_-__--
-_-___-___--___-___--_-_-___---_-__-___--_____-_----__-_-_------___------
_-------__--______-_-_-_____---_-____---_---__-_-_---__----__-_-______---
-_--__-__---_--__-___-__--____-_-_--_-__-_--_-----_--_---____-__-_-__--__
--_-______-_------_-_____---___--_---_---___--_--__-_-__--_--__-_--__-___
_--___-__-_-__-_----______-___---___-_-----_____------_-_-___-_-_-__-----
-__-__---________-__---_-___------_------___--__-_--_--_-_-___-_-____--_-
-____-_--__-_-------___-----_-_--_---____-__-___-________-_-----_-_-___--
--_--__---_--____-__-----_-_--____-___---_-___--__-_-_--__--_-_-__-__-__-
__-----___--___-_--_____--____-_-___-----__----__-_-___--______-_--------
_--___---__-_-_---__--__-_---__---_-_-___--___---_-_---__-___-___---__-__
-___--__-__------_-___-_-_-_-_-______---_-_--___-___--__-------_-__--__-_
---__---------__-___--_-_---__-_-----____-_-____---__-__-__-_--____-_____
--___--__-___-__---_-__-_---_--_-----___-_--_-___-___--_-____----_-_-_-__
--___--__----_-_-_--__-_--_-__--_--__---_-_-_-___---_-___-_---________--_
__-__-_----___-_-_-__-_-_-__--__-_--_--_-___--____--___---___-_--_-_-----
-_----__-_-------__--_-_-_--_-_--__-_---___--_--______-__-______-_-_--___
--_____-___-_--_---_--__-_-_-__-______----____-_-___--_-------____----_--
_----__-__-________-_-___--_-_---___-__-__--_-___-_----_--_-_----__---_--
__----____---_----_---__----__-__------_____-____--__-_-_-____---_-_-____
-_-_--___--___--_--_---_-_---__-__-_----__--_-_-_-_-_-___-_-_--_____-_-__
__-_--_----_____-_-_-_---_--_-_-__-_-_-__-_--__--_-__--__-__-_-__-_----__
--___----_---_--__------___-_-___-_______-___----_-__----_--_____-_-___--
--__-______--_-_--------__-____-_-_--_____-___---__----__-__-_--_-_---__-
-_-_____----__-__-_--__-__---__----____-__---__-_------_--__---____-___-_
-____--__--____-_-_-_-_-_---_----_-__-__-_---__-_--___---___-__--_---__-_
_-_-__-_---____-_-_-_------_-__-_-_-_-_-----_---_-__-____----_-___-______
-___-__----_---_-_--_-______---____-_-_--__--___-_-__--_-_--_-__---_-_-_-
___-_-_-__-_-_--__-____-----_-_-__----_____---__--_-_-_-__--__----___---_
_____-_--_----_____-___--_-_-_-_-_--___-__--_---_--------__--___-_____---
-___--_____-__-_---_-__-____-__--_-_--_--__-_---__--_-__-_---_--_-_--_--_
-_------_---__--___--__--_--____---_-__----_--_-_-___-____----_-_________
--_-___-__--___----_--_---_---__-_-_-_-__-___-_-___--_--___--__---___--__
-_--_-_-____--_---_-______-----____--__----_---_______--___-_----___--_--
--_-_____--___---_---_----_--__--___--_-_-____-__-_-___-----_-___--_--___
-_--__-__-_-_--__----_-_____-_----____-___-_-_---____-__-_-_-__---_----_-
--_-_-_-__--__-_-__--__----___--_--__-__---_-__-_-_-____--_-_-_-___---_-_
-__------_-__-_----_---_--___-_--_---_____---_____---_---____________---_
_-____-_----_--___----___-_-__-_---_--_--_----_--_-__-__-__--_-_-______-_
-_---_-__---________--_-___-_-__-_-__-____---__-_-_--_--__-_-----_--_--_-
_--___---_----_--_-_-_-_-__--___---___-__-_--____-___-__---__--__----__-_
_---____--------___---_-_--_-___-___---__-____-_-__-___--_-__-__--___----
-___-_-_--__---___-___-__--__----_-_-__-__-_---_-__----_-__---_--__-__-__
____-__-__-_-_-_--__-_----_-_-_-___-_---__-_-_-_----_--__-_--__--_____---
複数ブラウザを使うか、Chromeならアカウント複数作れば、それぞれ異なるログインセッションを確保できるはず
---___-_____-------__-___-_____--_-_-_-_-__------___----___---____--_-_-_
--__---______-___-_-_-___--_--_-_---__-_-__--___-_--__----__--_--_--__-_-
__-_-_-_--_-__-__--_---_--_--____--_--------______----___--_--___--______
__--_--__-_-_-_---_____--_-_______---___-_-__-_----___------___--_---__--
--__-__-____-__---_____-_-_--_-___---_-__---_-_--__-_-___-__-----___-----
-__--______-__---____---_-___--_--_-__--_____-----__-___---_--_--__--_---
_-___-_-----_-_-__--__-_----_-__-___-___----_-_-_-_--____--_-__--__-_-_-_
__-_---_-____-_-__-___--_--__-_-_-_-_-___-_-_-_--_---_-____----_--_-__---
_-__-_______---____-_-____-_-_-_-___-_----__---____--_--_-----__----_----
___-_---____-_-____---__--_-_-----_-___--_-_--__---__----__--__--__--____
__--_--_-_-_-_--_---__-_-----_--____-_-___-__-_____-__-__-_-_--_----_-__-
---_-_--_--_-----_---__-_-_-_-___-____-_-__-__-_-_-__-__-__--___---__--__
-_-----_---_--_--___--_-____---_-_--__-_____-_--_-_-__-___-___--___--_--_
-__--_-----__-__--______--____-__-__-_-__-_---__----____---__--_--_--__--
_-___-_-_---_---_--_---___-__-_-___-_-__--_--__---_____-----__--_-_--____
-----_--_--___-_-___-_-__--_-_--_--_-_-_--__--__-_-_-_-_-_--__--______-__
--_-__-_----__-_---__---__-______---_____-_-__-___---_-___--_---_-__--_--
-_-_--__-__---_______-_--_--_---__-_--__--_--__-__-__-_-_-__-_--_---___--
_--_----___-_--------__--_-____-__-_--_---___---__-_--_-___-__--__-______
___--__-------__-_-___-----__-_-_-___---_---_--_-___--_--___-_--______-__
--__--_--___--___-____-_--____-_--___-___-----__----_-_--__--_-___---__--
____-------_-__-_--_--___-_-__-____--__--_--__--__-_-__-_--_---__--__-_-_
-__-_-__--_--_-__-_--__-___--_--___-_--_--__-_-__------__-______-_--__---
___---_-____-_----_-_____-_--__-----_--_--_----_-__-____---___--_-___-__-
__--__--__-_-_--___---__---___--__-____----_--___----_----_---___-___-___
__-__---_-_---_-__-_----__-_--__-_-_---__----______-----___-____-_--_-___
0010名無しさん2019/06/01(土) 04:27:53.590
てすと
-_--_-____-___-_-_-_-_--_---__-_-__-_--_-----_-_----__-_--_-________---__
---_-_---_-_---_---_---________-__--_-_-____-___-_-___-----_--_--__-__-__
_-_---_--_--__------_-_-___--__-___-__-_--_-_-___---_--__-_-__-_-___-__-_
--___---_-___-__-____---_-___----___-_--_---__----_-___-_-_--_--_-___-_-_
------___---_--___-___-__-__-__--_--___-__-_-_--______-_--_----_-_-_---__
__-_--__-_-_-_--____-__---_-_-_----____--____--_-_----_--_-_---_-_-_-____
__---_---__---_____-_----_---_-__-_-----__-__-____---___--_---__-___-____
-__-----_--_____--__-__--____-__--_-_-__--_____---_--_--_--___------__-__
__-_--__------_--_-__-----___-__-_____-__-____------_____-_-___-_-----_-_
-_-_-_---_-___-__-___--_-_----_--_--_--_____---_____--___--___-_-__----_-
___-_--_--__-_-_-__---______-__--_-_---_---_-____----__--__-___--_-__----
-____-----_-_--_-_---_-__-_-__---_-_--_____-_---__-__---_---__-___--_____
-__---__--_-__------_----__-_----__-__-___-_--_-__--________-_---_-___-__
____-------___-___--------_____-__---_-__----_--__-___-_-__-___-__-___---
_--_--__----__-____----___-_-_---_--___-___-__-_-_-_-_---_-_-_-_-_--__-__
___----__----___-_-_-_-_--_---_--____-_____-_-___-_-___-___----_----_-_--
----_----__-___----__-_____-__-__-___--___-_-_____-_-_-_-_--_----_-_---_-
-_--_____--_-_--____---__----_--_-___-____-_---__-__-_---_-___-_-_--_--_-
_---__--__--_-__-_-_-__--__--____-___----___---------_-_-_-___--__-_-____
_--__--_-_--_--_-___--___--___--__-----_-_-_--_--__--__-_-_-___-__--__-__
____--__-________-___------_-_--_----_-____--_-__----_--_---_-_-__-__-_--
-_____-___-__-_---_--___------__-_-_-_--___-_-----_-__--_--___--_--___-__
_-__--____--_-_--------______-_-_-__-_-_--_--_----_____---__-_--__-_-___-
-_-___-_---_-_-_---_-__--___-__-_--_--_-----__-_____-_--_-___---_-__--___
-_-_-_-___----____-__-___---__-_--_---_-__----__--____--__-__-_--__---_-_
-----__---_-__-__--_-_---_-__-____-_---_--__-___--__-__--_--_--____--____
--~~~---~~~~~~~~--~~~---~--~---~--~~~~~-~--~~~-~---~-~~---~---~~-~~~~----
-~~---~--~--~-~--~-~-~~~--~~~~~---~--~--~-~~-~--------~~-~-~~-~~~~~~-~~~~
~-~~~~~~~-~~~~-------~-~-~~~~---~~--~~~--~~~~----~----~--~-~-~~-~~--~-~--
-~~--~-~~--~-~~--~--~~~-~--~~~~~~~-~~-~--~--~---~-~~-~---~~---~~~--~-~-~-
-~-~----~~---~----~-~~-~~-~~~~---~~---~~-~~~-~-~---~----~~-~~~~~--~~-~~~~
~-~~~~~~~~-~~~-~-~--~~~~~---~~~~---~--~---~-~~----~~~-----~~-~-~~-~------
-~~~-~--~~----~~~-~---~~~~---~~---~~~-~~--~-~~~~-~---~-~~~~-~-~-~------~~
-~~-~~-----~~-~-~----~~---~~-~-~----~~-~~~-~----~-~-~~-~~~-~~---~~~~-~~~~
---~~----~-~~----~~~-~~~-~-~~--~~~~-~~~--~~~-~~-~---~-~-~---~--~~--~~--~~
-~--~~~---~---~~--~~~~-~~---~------~-~~~~-~-~---~~-~--~~~---~~~-~~--~~~~~
~-~~-~~--~~~~-~~----~~~---~---~~~--~~-~-~-~~-~-~---~--~~~--~~~-~-~-~-~---
------~~~~~-~--~-~-~-~~~-~-~--~-~-~-~~--~~-~---~-~----~~~~~~~~~~----~-~~-
~--~~-----~~~--~~--~~~-~----~-~~-~~~~~--~-~~-~---~-~--~~-~----~-~-~~~~-~~
--~-------~~~~~-~~-~--~-~~--~~~~-~~~~-~~-~~---~~~~--~-~-~-~~~-----~--~-~-
~-~-------~~~~--~~-~~~--~--~~-~~-~~~~~--~---~--~~~~-~~-~-~-~---~-~--~--~~
~--~-~~--~--~-~~-~--~-~-~~~--~-~--~----~~~---~-~~---~~--~-~-~-~~--~~~~~~~
~~-~--~~-~-~~~-~~-------~---~--~~~~-~~~----~~~~--~---~---~~~-~~~~~--~--~~
~-~-~----~~-------~~~-~--~-~-~-~-----~~~~-~--~-~-~~~-~~~~~-~-~-~-~~~~-~-~
~~~~~----~-~~-~--~~---~-~~--~~~~-~-~~~~~--~~-----~-~~~-~----~--~--~~-~~--
~~~-~-----~---~~~~~~-~----~~~~~~~~-~----~~~-------~-~~~~-~~--~-~~---~~~--
~----~---~-~~-~~-----~---~~~-~--~~~~~---~~~~~-~~~~~-~--~--~-~-~---~-~~-~~
~~~--~~-~~--~~~~~-~----~~~--~~~-~~-~-~~--~-~~-~~-------~~---~---~-~~-~~--
~~~~~--~~-~~~-~-~--~~--~~~~-~~-~--~~---~-----~~---~-~~~~--~-----~~~~--~--
~~~-~~~----------~-~~~~~~~~--~---~~-~-~~---~~~-----~--~-~~-~~~--~--~~-~~~
~~-~~~~~-~-~-~~-~----~~~---~--~----~~-~~-~-~-----~-~~---~-~-~~~~--~-~-~~~
~~-~-~--~---~~-~-~~~~~-~--~~---~-~--~~-~-----~~--~-~~~~~~~-~--~----~-~~-~
-~--~-~~-~-~-~~~--~--~~~~~~--~-~-~~-~-----~~~~-~-~--~-~~~~--~-~~----~~---
~~~--~--~-~~~~--~--~--~-~--~-~~~~--~---~--~~------~-~--~~-~~~~-~-~~~--~~~
--~~-~-~~~~--~--~~~-~~-~~~---~~--~-----~--~~~-~~~~~~-~---~~-~~-~--~---~--
--~--~~~~~--~~~------~-~--~~~--~~----~-~-~~----~--~~~---~~~---~~-~~~~~~~~
~~~~-~~--~----~~~-~-~-~~~--~-~-~~~~-~~---~~-~------~-~----~~~-~-~~~~-~---
-~~~--~---~-~-~-~--~~~--~~-~-~~--~-~----~-~~-~~-~~--~~-~--~-~~-~---~~-~~~
--~-~~-~-~~-~~-~~-~~~---~~-~---~~--~~~-~--~-~----~~--~~-~-~~~-~-~-~---~-~
~---~~-~--~~---~~~~~~--~~~----~~--~~-~------~-~--~-~~-~-~~~~~~--~~--~-~~-
-----~~~~----~~---~-~~-~--~---~~--~-~-~~-~-~~--~-~-~~~-~~~~-~~---~-~~~-~~
-~-~--~~---~~~--~--~-~~---~-~~-~~-~~--~~--~-~---~-~~~~~~~--~~-~~--~~----~
~-~~~-~---~-~-~~--~--~--~~------~~~-~-~~--~~--~~~~---~-----~~-~~--~~~~~~~
------~-~~--~~-~~-~-~~--~~-~-~~-~-~-~-~~~-~-~--~~---~~--~-~~~-~~--~~---~~
~-~~-~-~~~~--~---~-~-~~~~~---~~-~----~~~~-~-~-~~~--~-~--~~--~----~-~~-~--
~-~--~~-~~---~~---~-~~~--~~-~---~-~-~-~---~----~-~~~-~~-~~--~~~~-~-~~~--~
-~-~---~-~---~-~~--~-~-~~-~-~~-~--~~~~~-----~-~~-~~--~~--~--~~~~~-~---~~~
--~-------~~--~~~-~~~--~~-~-~~---~~~~~~--~-~~-~~-~--~~--~~~-~~~--~--~~---
~--~~--~~--~-~-~~-~---~~-~~-~~~--~-~----~~-~~~-~~----~-----~~-~~~~-~~~--~
~~-----~~--~~~--~-------~~~-~~---~~-~~~-~~~-~--~~~--~~~--~~~-~--~~---~~~-
--~--~---~--~--~~~-~-~~-~-~~~-~-~-~~~~-~~~--~~~-----~--~-~--~~~-~~-~~-~--
~~~-----~~-~-~-~-~-~---~--~--~--~~----~~~-~~~-~~~~~-~~-~~--~-~~-----~~~-~
~~~-~~~~~---~~----~-~------~~~~~~~~~~-~-~--~~~~-~----~-~--~--~~------~-~~
~---~~-----~~--~~~~-~--~-~--~~--~~~-~--~~~~---~~----~----~~~~-~~-~~--~~~~
~-~~-----~~---~-~--~~~~~~~~~------~--~~----~~~~--~-~-~~-~-~~-~-~~-~-~~-~-
-~~~~-~-~-~--~-~---~~~--~-~~~~~~~~~-~--~~~---~-~-~~~-~----~~~~----------~
~~-~----~-~--~--~-~-~-~~~~-~--~~~~~~~~-------~~~~-~~~~~--~~---~---~~~----
~-~~~--~~-~------~-~~~~-~~~~~~--~-~-~-~~--~--~-~~--~~-~--~~--~~----~~-~--
~-~--~--~~~-~--~~---~~-~~-~~-~-~~------~~--~-~~~~~~-~-----~--~~--~--~~~~~
~----~~~--~~~-~-----~~~-~-~-~--~--~-~-----~--~-~~~-~---~~~--~~~~~~~~~-~-~
---~~~~-~~-~---~~~~~~~-~-~~--~--~~~~-~~~--~~-~--~--~---~~-~~-~~~---------
~---~-~-~-~~---~~-~-~-~-~-~-~~---~--~~-~-~~--~~-~~-~~~~~~--~~--~~--~~----
~-~~~-~~-~~-~-~-~-~~~--~~~~-~~-~-~--~-~-~~~----~-~~-~-~-~---~--~~---~----
~~~~-~~-~--~~--~~--~~------~-~--~-~~-~~~~---~~---~-~-~~--~~~-~-~-~~-~~---
--~~------~~-~-~~~-~~----~~--~---~~---~~~~---~~-~~-~-~-~~~~-~~~~--~--~~-~
---~-~~~~-~~-~---~-~----~-~--~-~~--~----~--~~-~~~~--~~-~~-~~-~~-~~---~~~~
~~-~--~~~~--~-~~~~----~--~-~~~~~~--~~~~-~--~-~-~--------~-~~~-~-~--~~--~-
-~~------~~~~---~----~~~~--~~~-~--~~-~~---~~~~------~-~~-~~~-~---~~~~~-~~
--~~-~~-~-~~-~~-~~~--~-~-~----~-~~~-~~~~~~-~-~----~-~~----~~~~~--~--~----
~---~~~-~~~~--~-~---~--~---~--~~~~--~---~~-~~-~~-~-~-----~~~---~--~~~~~~~
~-~-~~~----~-~--~~-~~--~~-~-~~~----~--~--~~~~------~----~~~~~~~--~-~~~-~~
~~~~-~--~~-~-~~-~-~~--~---~~~~-~---~~~~~--~-~~--~--~-~--~~-~-~---~--~--~-
----------~-~~--~-~~~-~~-~~~--~~--~--~-~~-~-~~~-~-~-~~~--~-~--~~-~~~~-~-~
~-~~-~-~-~-----~-~~~~~---~~-~~~-~~--~~~~~-~-------~~~-~------~~--~-~~-~~~
~~~-~~~--~---~~~~-~~~-~~-~--~~~~---~~~~--~-~-~---~--------~---~~-~~~--~~-
~--~~--~----~~~~~~--~----~-~~-----~-~~-~-~~~--~~~~-~--~~~-~-~-~--~-~~~-~-
~~~-~--~~~~~-----~-~~---~--~---~~~---~-~~~----~~~-~-----~~~~--~~~-~~~~--~
~-~----~~~-~~~~~-~~~~-~--~-~~-~----~~-~~~-~~~~~--~-~--~-~--~-----~---~~--
~-~~--~~---~--~-~~~-~-~---~~-~~-~----~----~~-~~--~~--~~-----~~-~~~~~~-~~~
~~~~-~-~~~-~--~-~-~--~-~~~--~-~~~~~~-~-~-~~--~----~~---~-----~-~~~~~-----
---~~~----~~-~~~-~~-------~---~~~-~---~-~~~~~~--~--~-~~--~~~~-~--~~~~--~~
~-~-~----~--~~~-~~~~~-~--~~---~--~~-~~~--~~~~----~~-~~---~-~~~~~~------~-
~--~--~--~~--~~~-~--~~-------~---~~----~~~~~~~~-~-~~---~-~~~~-~-~-~-~-~~~
-~~~~~~~--~-~---~----~-~~~~-~-~---~------~~~~~---~~~~~--~~------~-~~~-~~~
---~~~~-~---~-~--~-------~~~--~---~--~-~-~~~~-~~~---~~~~-~-~~-~~~-~~-~~-~
~-~--~~--~-~~~~~~~~-~~--~~~------~-~-~--~~~-~-~~----~~---~-~-~-~~-~-~--~-
~---~~~-~--~-~~-~~~~~--~-~~--~~---~--~~--~~-~~---~~----~~~---~~~~~~---~--
--~-~-~~~--~--~~~-~~~~~---~-~~~-~~~-----~~-~~---~~~~---~~~~--~~--~----~--
~--~~~~~-~~~-----~~-~~~--~------~---~~~---~-~~-~~~-~--~-~~~~-~-~~-~--~~--
~-------~-~~~~~~-~~~~--~-----~~-~~~~-~~-~~-~--~-~-~-~-~-~--~--~----~~~-~~
--~~--~---~-~~--~~~---~~-~-~~~-~~~~-~--~~~--~--~----~~--~~~~-~~-~~---~--~
-~~------~~~~~-~~~--~-~~~~-~~--~~--~~-~-~-~~---~-~-~~--~~---~-~~~--~-~---
--~-----~~-~~----~~~~-~~~~~~~--~---~~-~~~~~-~~-~~-~~~---~----~--~-~~--~--
----~---~~~--~~~-~~~-~~----~~--~~--~-~~~-~----~-~~-~-~--~~-~~-~-~~-~~--~~
--~---~---~~---~-~-~-~~-~~-~~~-~~~~---~~~~--~-~---~~~--~~---~~~~~~-----~~
~~~~---~--~~-~~~~~~--------~~~~-~~~~-~~~-----~-~~~~-~---~----~~-~~~-~----
---~-~~~~~--~~~-~~-~~~~~-----~~--~~-~~~--~~~-~---~-~---~~~~~-------~-~-~-
-~-~~-~~----~------~~~-~~~~~-~-~-~-~~~~-~~~~-~~~~~--~-~~---~-~-----~---~-
~~--~~-~-~--~-~-~~~~--~~-~~---~~---~-~~~-~~---~~~~~--~~---~~-~~-~-~------
-~-----~~---~~-------~~~~~---~~~~~-~~~--~---~~~-~~~~~~~~-~-~---~~--~~---~
~--~~~~--~~~~-~-~-~-~~----~--~~-~~-~~---~~~-------~-------~~~~-~~~~-~~-~~
~~~~-~--~~~~--~-~--~~~~-~-~~---~~--~--~--~~~-~-----~~-~----~~-~~---~~-~~-
-~-~~~~~~~--~~~-~~-~~--~---~---~-~~~~~-~--~--~---~~-~~-~~----~~--~--~~---
-~~~-~---~-~~~~--~----~-~~~-~~-~-~-------~--~~-~~~-~~~~-~-~------~~~-~~~~
~~----~~-~-~~~--~--~~-~--~-~~~~~-~-~~~~---~~~~-~----~~-~-----~~---~~~-~--
~--~~~-~-----~~----~~-~-~-~~-~~-~~-~-~----~~--~~-----~---~~~~~~-~~~~~--~~
-~--~--~~~-~-~--~-~--~----~~-----~~---~~-~--~~~~~-~-~~~~-~---~~~~--~~~-~~
---~~~~---~~~~--~-~-~~---~~-~~-~---~-~~---~--~--~--~-~~-~-~~~---~~--~~~~~
~----~~-~-~~---~~~~-~~-------~~~--~~--~--~~~-~-~~-~--~~~~-~--~~~-~--~~~--
~~-~~-~~~~~~~----~--~--~-~~---~~~~~~~~--~--~~---~~~~-~--------~~--~~--~--
-~---~--~--~~-~--~-~~--~--~~-~---~-~~~~~---~---~--~~~-~~~-~-~-~-~~~-~~~-~
~---~--~-~~~~~-~--~--~~---~~---~-~----~-~--~-~---~~--~~-~-~~~~--~~-~~~~~~
~-~~~~-~~-------~---~-~-~-~-~-~--~---~-~~--~--~~~-~-~-~~--~~~-~~~~~-~~--~
~~~-------~~~~~---~--~~--~~~~~-~~-~-~~~~~---~---~---~~-~-~----~~--~-~~-~~
~~~----~~---~~----~--~---~~~----~~-~~~-~~---~-~----~~-~-~~~~~~-~~~~~~-~--
---~~~-~-~~-----~~~~-~-~~-~~~~~-~~~~~-~--~~-~~----~-~~-~----~-~~~---~----
~~~~~~~-~-~--~-~--~~-~-~-~--~---~-~-~--~-~~-~~-~--~~--~--~~-~-~------~~~~
~--~~----~~~-~-~-~-~--~-~~~~~-~--~-~-~--~~-~~-----~--~~---~~~~-~-~--~-~~~
-~~-~-~-~-~-----~-~~-~--~~~-~~~~~~~~~~-~~~~-~-~~~~---~---------~~~----~--
~~~-------~-~-~-~~~~-~-~--~~-~----~~~-----~~~~-~~-~~-~--~--~~~~--~~~~-~--
~~--~-~-~~~~-~~-~--~~--~~~--~----~~-~~-~~~~-~-~~~~~~----~---~--~------~~-
-~~~-~~~------~---~~-~-~-~--~~~-~-----~-~~--~~~-~~~--~~--~---~~~~~~--~-~~
~-~--~-~~~~-~~-~~-~----~-~~~-~-~-~~--~~---~~~~----~~~-~~---~-~-~-----~~~-
--~-----~-----~~~---~~~----~-~~-~~~--~~-~-~~-~-~-~-~---~~-~~~~~~-~~--~~~~
~~~---~-~~--~~~~--~~--------~-~~~~~~~--~--~~------~---~-~-~-~~~~~~~~--~-~
-----~-~--~~--~~~~~~~--~~-~--~~-~~-~--~--~~-~---~~-----~~-~~~~-~-~~~-~--~
~---~-~-~--~-~~-~~-~~--~~--~--~~--~-~-~~~-~--~-~~~-~~-~-~--~~--~---~~-~~-
~----~~~----------~~----~~~~-~---~~-~~~--~~~~-~-~~~~~~-~--~---~~~~---~~~~
~-~-~--~-----~----~~~-~~~~~~-~~--~~~~--~~---~~~~---~~----~--~-~~~-~~~--~-
~--~---~-~-~-~~~--~~--~~-~-~-~~~~---~---~--~~~--~~~~~~-~~---~-~-~--~-~-~-
---~~-~-~~~--~~~-~-~--~----~-~~~~--~~~~~-~~----~-~----~~~~-~-~-~-~-~~-~--
~-~~~-~~----~-------~~---~-~~~-~---~-~-~~~---~-~-~~~~-~~~--~~--~~~~---~~~
-~~~--~~~~~-------~--~~~-~~-~~-~-~-~~--~~~-~--~-~~-~-~-~--~---~-~~~-~~---
~~~~~--~-~-~~--~--~---~~~~~~--~~-~~----~~-~~-~---~---~--~-~~-~-~--~~--~~-
---~-~----~~----~--~~~~~~--~~-~-~-~~--~-~~~~-~~--~--~~-~--~~-~--~~--~~~-~
~----~--~~-~~-~-~~---~~---~---~~~---~~~~~----~~~~-~-~~~-~--~--~-~-~~--~~~
--~~-~~---~~~~~~~~~--~~~--~--~~~--~---~~-~~~~--~~~~-~~--------~---~~-~---
---~~~~~~-~------~---~-~--~~---~--~-~-~~~---~-~~---~~~~~~~~~-~-~~--~-~-~~
~~~-~~~--~~~~-~-~~-~~--~-~-~~~--~--~----~~~~-~--~-~----~-~--~-~~-~~~-----
~~--~-~---~~-~-~-~------~~~~~~--~-~~--~~--~~---~-~~~~-----~~~~-~-~~-~--~~
~--~--~--~~~~~----~~-~~--~----~--~--~-~~~~~~-~-~-~--~~~~~~~~~-----~----~~
~~~~--~~~--~------~--~~--~~-~~~~-~----~-~~~~---~--~~~~-~~~-----~~~----~~~
~~~~~~-~------~---~-~~---~~~~~----~-~~--~~----~~~~--~~--~--~--~~~-~-~~-~~
~~-~~~--~~--~---~~~~~-~----~---~~-~~~~--~--~~~---~~~~---~~-~-~~-~-----~-~
-~~-~~~~~~--~--~---~~~---~~~~----~-~~-~~---~-~-~-~~~---~-~~--~-~~-~-~~---
-~~---~~--~-~~-~---~-~---~~-~~-~--~-~~--~-~--~--~-~-~-~~~~--~--~-~-~~~~~~
-~-~~-~~----~--~-------~-~~~-~~-~---~-~~~---~-~-~~--~-~-~~~-~~~~~~-~--~~~
-~~~-~~~~---~---~----~-~~~--~~~~~--~-~~--~-~--~~~--~---~~~~----~~-~-~--~~
~----~-~~~-~-~~~~-----~~-~~~~------~~~-~-~~~--~--~--~-~~~--~~~--~~~~-~---
-~--~~~---~----~--~-~--~~~----~-~~-~--~-~~~~--~~---~-~-~-~~~~~~~--~~--~~~
---~~~-~-------~-~--~-~---~~--~~----~---~~--~-~~--~-~~~~-~--~~~~~~~~~~~~~
--~~-----~-~--~-~--~~~-~~~-~-~~--~~-~~----~-~~-~~-~-~-~~~--~~~--~----~~~~
~-~~-----~~---~~~~-~-~-------~~~~--~~~~~~~-~~--~----~-~~-~~-~---~--~~~-~~
~~~-----~~-~~---~~~-~-~~~~~~~-~~--~~--~~~~------~-~~~~-----~-~-~~--~---~-
-~-~~-~--~~----~-~------~~~~~~--~--~~-~~-~~---~~~~-~-~~--~-~~---~-~~~--~~
----~--~-~--~~~-~~~-~~~~-~~~~--~-~~--~-~~~~---~-~--~-~~-~-~--~--~----~-~~
~~~--~~~~~~~~-~~~-------~~--~~~~-~~~~-~~---~--~---~~~~-~-~--~--~---~-----
-~~----~~~~~~----~~~~----~~--~~~~~~--~-~--~--~~~~~--~-~~-----~---~-~-~-~~
-~~~~-~~-~--~~---~~~~~-~---~-~--~---~~~~--~--~-~~~-~~---~~-~-~--~~-~-~---
---~~~--~~-~~~-~--~~~--~-~~--~--~~~~---~---~~-~~-~-~-~~~-~~~-~-----~-~-~-
~~-~~-~-~~~---~~-~--~-~-~-~-~-~~---~~~-~----~~~~-~~---~-~~~---~~--~-~-~--
~~-~~--~-~-~~-----~~-~~~-~-~~----~-----~-~~--~~~~~~-~-~-~~~------~--~~~~~