家のwifi、PC使うとプツプツ切れる...
■ このスレッドは過去ログ倉庫に格納されています
ソフトバンク光を使っている。
これはPCに問題があるのだろうか。 ___--_____-_____--_--_-_-_-_-___-_----__--_------_--___---_---_-__-___-_-
-_-_-_-____---_-___---_-__---__----__-____-__-_--_-_--_-_---_--___-_-_-__
--_____--__-_-_-__--_----_---_-____-___-_-_-__-_--____-_-___--_----_---_-
--__--_____--__-----_-_____-___--___----__-_---_-__--___--_-_---__-_--__-
-_---_-_-_-_--__--___--_____-__---_------_-_-__-_--____-_---_-_-_______--
_-_--_-_-_--__-----_---____-_-__-_-_--_---_______-_-__-____-_--_----___--
-____-__---__---__-______--_-_--__-_--__-_-_--_--_---__--_----______--_--
__----__-_--__--__---______-_-__-_---_---__--_-__-____-____---_--___-----
_-_-__-__---_-__-----__-_--_--____--_-____-_-__-----__-__-___--__----_-__
_-----_-__--__-__------_-_--_--___-__-___-___-_--_-_______-_--_-_--__-_--
_-__-_-_--__-_____-_-___-___-_---_-_------___---___-__-_-__--___--_------
--___-_-______-_-_-__-----_-_--_----__----_------_________--_---______-_-
______-_____-_--__--_--_--___--___--__--_--__----__-__-------_--_--___-_-
_-_--____-___-----___-_-____--__--__----____--__--_-_-____--__-_---_-----
-_----_------_-----_____-_---_-__----___-_-_--_--____--____-_-_-_________
____-__-_-__-_____-_-_-_-____--_---__---_----___-___---_-----__---_-__---
___--_--___-_--_-___-___-__-_-___--_---____-___-----_------_-___--__---_-
_-_------__-------__--__--___-__--___________-_-__-__---___-----__-_-__--
--___-_-__-__--_-_--_-_-____-_------___--_-_-__---_---___--_____----__-__
_----____--__-__-_---_-_-__-__-----__-_-_-_-_-_----_-__-_--___-___-_-__-_
--_--__--_-___---_---___-_______-__-___--_--___----_-_--_-__---_--___---_
--___--_--_---_-_-____---___-_-_--_-_-__---_--_--___--_---_-_-_____-__-__
-----_--__-_-_____-___-_--__---_--_-_---_-_______-___--_----__---_--__-__
_--__-_--_----__-_-__-__---__-_-___-_--_-___--__--_-__----_-_-___---_-___
___-_-----__--___--_-_-_-__--____-----_-__-___-_-_____---___----__--_-_--
__--__-__-_-_--__----__----__--_--_---___-__--___--_--_____----___--__-__ ___-__-____--_______--_---_----_--_-____-_----__-_-____---_-_--_------__-
---_--__--__-----_-____-_____-___-_-_____-----_--__-_-_-__--___-__----_--
--__--_-____---_--__-__-____-_--_-____-___-__-_------_---__-__--__-__----
__-_---____-___------_-____-__-----_-_-__--_-__-_-_---_-----___-_-_-_____
--__----___-____---_------___--___-__--_-___-_-__-___-_-__---___-----___-
-__-__-_-_----_-____---___--_-_---_----_---_--_-_-_-_-________---___-_-__
---_---______--__---__--__-_--_-__-_--_-__-_-__--_---_____-_-_----_-___-_
_-__-_--_-_----__--______---_--__---_--____--_--_-_-_-__---_-_-__--_____-
-___-____-_-____-__--_----___--_--_---__-____--__---_--_--__-__-_--__----
_-__---_____---_-__--_---__-_----___-_______-_-_-____--__-----___--_-----
_-_--_--_-__-_-___--_-__-_-____-__---___---__-_--____-_-----___-_-----_-_
___--_--__--_---_-------___-_-___-__-_---____-___--_--___-_---___--__-_-_
_--_-_---__-_-___-------__--__-__----___-_-____-_-__------__--_-__-______
_-___-________--_--_---_-_-----_-__-___-______----_------_-_-___-__--_---
_______-_----_---_-----__-__-_--____-___-_---___-_--____-_---_---__-__---
---__---_--_---_-_--_-_-___-__--_-_-_--_-__-_---_---__--__-____-_______-_
_---_-_----___-__--_--____-_--_-___--_-_----___-_--_-----_-____-_-_-_____
---_--____----__-__-____-__--_-_---_------_________-_-_-__-__---__---__--
__-__--_-_---_-__-_--__-____--__--_-_-_--_--_-__---_--_---_____---_-__-__
___----__--_-__-__-_-__-_--______-____-___---_-----_-_----_-_----__--_-__
---___---___-_------__-----_-_-_-___--__-_-___--__-__-___--__-_-___-__--_
_-_--__--__-__--_-_____---_-___------_---____-_-__--_--____--_-_-_-_---__
__-__-_----_____-_-_----_-___--_-_-___-_---___-_-__-___---_-_---__---_-_-
_-_-_--_--_______-_-_____---__--___-_-__--_-__-----_------__-__-_---_-_-_
--_-_-___-__-_-___-___-______-_-_--_-__--_----_-____--_---_----__----__--
---_-__--_-___----_-_______------__-----__-_-___--_-___--__--__-_____---_ ---_-__-___-_-___-_-__--____-__--_---_-_-------_-_---_-_-_-___--_______--
--_-_-_--_-_-_-________-_--_-___--_-_-_--__--__--____--_---_-_-_---_-__--
_-____---_-_---_-____--__-_--___--___-__-----_-_______--_------___-_---_-
_-_----_-_--___-_-___-_--_--_-___---___---___---___--_--___--__--_____---
_------__-_-____-_-_--_----------__-____-___-____---___---_--____-_-___-_
______-_------_-----_____--___-_---_-_-----_---____-__---____--____-__--_
_-----__---_-___-__-_--___---__-_--_-_-___---_--_-__-__-___-_-_-_--_-__-_
---_--_-----_-________-__-__--_-__-_-__-___-__---__-_--__-_-_-__----__---
____-__-_--__----_--_---_---_--_-_______---_-_---____--_-__-__--_--___-_-
___-_---_---_____-_---_-----___-____--_-_-__---__-__--_-_--_-__--_-_-__-_
_--_--___--_-_-______-_--__-___-__--_----___-__-_--___--_--___--_-----_--
_-__-_--__--_--_-----_-__-__-_-_-__--__-________----___--_-__----__-_--_-
__--__--____---___----_-_--____---__--_-_____-___-_--_--_-_-__--__--_----
---____------__--____-_--___---------_-_-_-_______--__-_-__---_-___-___-_
-_--__--_-_-_---_-____-_------_-____-___-_-_---_______--__-_--_-_---___--
-____-_-_----__----_----_--_-__--____-_-_--_--__--_-_---_____---______-__
-__-_--__--__---_----_--_---_-_---_--__-_______-_-___----_--_-__--_______
-_---_-_-_-___-___-___---____-_____--___----------__-_____-_-__-----_--_-
____----__-_---__-_-_-_--_---____--------_-_--__--__--_--_-________-_-___
-_---_--___-__--_-_-__----_---__-_______--_-----_-_-__-_--___-__-__-_-_-_
___-_-_-___--___-_-----_--___---_--__-_-_-_-_--_--__-___--__--_--_---____
----__-__-_---__-_---_---___--_--___-_-_---_____-_-__----_--_--___-______
-_-__--_-___--_-_-_--____--__-__-__---_-----_____--__-_-___-__-_---_---_-
_-_-_---_-__---____-_---__--__-_----_--__-_-_-_---_----_____---____-_____
__-__------_-__-_-_-__-____-_-_---_--_--__--___--__-_-____--__--_----__-_
_-______-_-_-----_----__-_---_-___-_-__-----___-_-__-_-__--__--_-_-_--___ -_-__-__--__--____---__-_____---_--_---_---_-__-_--__-_-_--__-____-----__
_----_-_-_-_-__--__-__---_-_-_____--_---_-_----__-_____---_---___-_-___-_
_-_-_----_--_-__-___---_-___--_-_---_____---__-__--__--__--__--_-_-__-_-_
-_--__--__--------__-__-____-__-_-_______-__---__--_-_-_-__--_-_--___----
-_______--___-_--_-_-___----__-__-_--_--___--_--_-__--___--__---_--_--_--
--__-_-_--_---_-_--__-___-_-_-__-__--_--_-_-_-_--_-_-_-------________-___
____-__--___-_-----________-----__-___-__---___--_--_---_-__-_-_----__---
-______-____-_-__--_-_-----_-_-----_-__----_--____---__-__--____-_--__--_
_--_____---___-_-_---_-_------_--___-_--_----_-__---_-_-__--___-__-______
_----__-__--_-____--__-_______-__----___----________-__-----__---------_-
-_-_--_-_----__-_---_-__-----____--__-__-__--_-_____-____-_-_-_---_-_-__-
-_-_--___-_____-_-_-_---_-_---_--___-_-_-_---_----__-__-__-__-_-_--___-_-
_---___-_------___---___--_---_--___-_-_-__-____-_-___---_-_--__-__-__--_
----__-___--_-____-___--___--___-_-----__-----_-___-__--___------__-_-___
---__-_____-------_-_-____-___--_-__----__-_---__-__-_-_-_----_-___-___-_
--_--__-___--_-_-_-_-_--_____-_----_--___----_--_---__-_-_-_____-___---__
---_-__------_____-__--___---______-__--__---____-_-_----_--_--___----___
__--_-_-___--_____----_--_--_--__-__-_-------_-_-_______----___--__---___
____--____-___---____-_--_-____--_-___--_----_-_--_------_-______--_-----
_---_-_--_--__-_-____-_----_-_____-__-----__-_----_____--___---__-__---__
__--_--___----___-___-_---_-__-----__-_---__---__-__-__--_-----______-___
---__--_-__--_--_-_-_------_-_---_-_-__________-_----______-_----__-_-___
___--_-__-____-_____-_-_-_--___-___---_--___---_--_-_------_-_-___-_-----
-_-____---_______---___-___--______-_--__-__----_-___---------__----_-_--
--____-____----__-____--_-_--_---_-----_-_-_-_-_---__---_---___-_____-___
-_-_-_-_-__---_---_-_-_-_---___--____--_-_-_-_--_-_-_-________----___-_-- -_--_-__--____-_--____--_-__-___-__--_--_--___-__-_-_-_-_-__--_------__--
_-__-----__-__----___-__-_-__---___--_____--_----__--_---___-_--_-__--___
___--_---___--_----___--_-__-__-_____-___--___-__---_--__-_-_-_--__------
__-_-___-____-_--_-_-___--_-__-__--_-_----_-_--_-_-__-_---_----_-_-__-__-
___-__-_------_--______-_--_---_--___-----___-_--_---_______--_--_-_--___
__--__--_-_---_---__---___---_--_-----__-_________-__-______-__-_-_------
_---_-----_______---___--_--_-_---___-__-___---___-_-___------_--__-_-___
----___-__-_--___---__-__--_------_-__-__-____-__-_____--_------_-_____--
_--_-__----_-__--_----______-__--_--_-----__---__--_-____-____-__--_-_-__
-__-_____-__--___-----_-___--_--__-__---_-_-__--_--__-_-_---_-___---_-__-
--___-_-__-__-_-_--_-____--_____----_-______---__-_----_-__---_--___-----
---______--------___-_____-_--_____--_---___-____--__-__----_-----_---___
-_-_--__-__--__---_-__------_____--____-_---___-----________---__--_-_--_
-__-_-_-__--__-_-_----_--_--_-___-__--__---__-_---___-__-__--_-___---__-_
-_____-_---__--___----___--__---__-_--_-__--_--____-__-___-_-_--_----__--
-----_--_-___--___-_---_-___--_--___--__--__-_--_-_-_---__--___--_-______
_____--__--_----___-_--__-__--_-__-______---___-___--__-_----_-_-----_---
-__--_-___--_----_--___-_---_-_-_---_-____----___-_-____--___--__--_-_-__
------_-_-_____---__--__--__-_-____--_---_-_--__-_-_--__--_-__-_-_--_____
_---____-_-_---__-_--_----_---_-__--_-----___----_-_---__________-_-_____
----___-_-_-___---_-_-__-__--_-_-_-____--_-_-_-_--__-_-_---__------______
___--_--_---_-----_-__-___-__-___-__--____-_-_---____----__--_--_--_--___
_______-_-----_--_-___-___-_--___-_______--_--____-__---_-----_----_-----
__---_-_---_-__---__-__-__-_---_-_-_-_____-_--_-_-_----_-__-___-----_____
__--_-_____--___-----_-___-__-_-___------__-__-__-___---_-__--_-_-_---_--
-___---_-__---__---_-____--_-----_-----__-_-__--_____-___-____-__--_---__ _-___-___------__-___---__-_--_-----___-__-___-_-_----_-____--_-__--_--__
-_------_--___--__--__-_---_-_-_-_---___--___----___--___--__--____-_____
_------___--_--____----__--____-_____---___--_-_---_---_------_________-_
_--_--____-_____--___---_-__-_-_--__-__------_-_--__---_--__-_---_____--_
__--___-_--_-__-______--__-----_-_-___---___--_-_-_-_-__-_--_-_-_--__----
-___-_____-_--_--_-___--__--__---____-__-_--__-__-_-_--_----_----_-__-_--
---_---_-_---____-__-_-_--__---__--_---_---_-_-_-_---__-_______-____--___
_---_-__-___---_--_-_-_______---__-_-_-_---_--___---_-__-__--__-_---___--
-___------_-__-__-_----__________-_-_-___-___---__--_--_--___-------_-_-_
__--__--_-__---__----_--_-_____-______---_-_-__--__-_---__-_--__---__-_--
-__-------__-_--____----_-_____-_---_--_-_-__-___-__-_-----__-___-__--___
___-_-__--___--__--___-_---_____-_-_-----__---_---_--_-__--_____------___
---_-_-----___--_-___--__-___----______-_--__--___--_--_--_-__-_-_-__--__
--__--_-___-__---___----_---_-____-___-_--_-_-___-_---_-_-_--_-_-_-____--
_-__---___---_-_----_-__-_--_--_--_--_-_---__-__-___--_--__-__-__-_____-_
--_-_--_--__-___-----_-________-_---_-___--__-_---_--__-___-___-_----__--
----__-__-__-_-_-_---__-______-__------___--_-__-__---_--_-___-____--_---
-----__-_--_-_--___-_____-__--_--_-_---____--_--_--_--__-__--___-_-_-__-_
---__-_--_-__--__----_---__----___---_____-___-__--_____--_--__-___---_-_
-__-_-__-_----__-_----_-__---_---_-___-____---___--__--------________-___
__--_-_____----_---__----_____-_-----_-____----___-___-____---__--__--_--
__--__-_-_----_---___-__-_--__---__-__--_-_---_--_--__-_-___---___-__-___
__-__-__-_-__--__-_-----_------__-___--___--_--__--_--_--_----___-_______
__---_-____-_--__--_---_-__---_--____------______----_-_----_____-_-__-__
_-_____-_-___-_-_--_-_-____---_-___---__--_--_-_-__-_--_--__-__-__-------
-----_----_--_-___--_--____-_-_____--___---___---_____----_-_-_-_-__--___ ____-_--_-_____-_--__-----_-_-__--_--_--_-_---__-_-_-_-__-__-___---__--_-
__-____-_----__--__-___-_--____--__-_--__-__--___--_-__---_-_--__-_------
______-_----___-----_-_-_-_---_________-_-__-__----__-__---___-_----_----
-__---___-_---_-_-____----___-__--_-__-_-__---______--_-_----_-___-_-_---
_--__--_-__----_--_---__-_-__-___--_---__--_-_-__-_-___---__-__-___--_-__
----__--_-_-----_-_--____---__--____-_---_--_-_-_-__-__-__-___-___-_-__-_
______--_-__-_---_-_----__-_-_--_---____-__-_-_-_----_-__-_-___-__--_-_--
__----_-_-__-_-_--_--___-_---_-_-__-__--_-__-_-__-__-_____-__-__----_----
------_-__----___--___-------__-__---___-_-_-_-_________----_-_-___--____
_--___---_---__---_-______--------__-__----_-__--_--__--___-_-__-__-_____
-_---_--_-____-_-_-__-__--_-_------__-_____-_-____----__-_______---_-----
___---_-___-___-_-__-_---_-______-------_-______--__-__--_---_--_-_-_----
-__-_-___-___-_-__---_-_-_--__--__-----_____-_-_-----_-____------_____-_-
__--__-_____-_-----_-_-___-_-_--_-_--_------__-_-______--__-__-_--_-__---
-_------_--___-__------_-------__-____------____-____-_-_-___-_-_________
___-_-__---_-_-__-_--__-___---_-_--_-_____--_-__-___-_-___-_-----_-----_-
--__--__-_-__----_-___-____-___-_--____-_--_-___--_-___--_---__------__--
_-__---_-___-__-____-_--_---__---___-_---__--__--_----___-_--_-_--__--___
_-____----_----__--__----___---__--_-______-__-_--_-_--_-__--__-__--___--
_-_-_-___-__-___-------__-_--__-_-_---_____-_--____-----__-_--__-___-_---
--_--_______--____----___--_-___---____---__---__-____-__-_-_-----_-_----
-__--_--__---_-___---_-___-___-____---__--___-_--_____------__--_-__---_-
--_--__-___-___-----____-___------___--_--___--_--___-_-_---_-_--_-_-____
---__-____-_----____-_-__-_-__----_----_-__-_-__--__--_--__--_-__-_--____
-__-__------___--_--_____----___-__-__-_------_-__--_--__---__-____--____
-___--__--__-_-----__-_-_-_-_-_-__--_---___----_---_--__-_-_-_________--_ -_---___---__--_--___-_-_-__-______-____---___--____-_-----_-__----__----
-__-_-_--_--__--_--_-__-------_-_____--_-_-_-____-___--__-_---__--_--____
-_-__-__-____---__---_--__--_--_-_-_-----_---_-_---______---__--____-____
-_-________-___-_--_---_--___-_-___-__--_--__---_-_--____--__-_----_-----
__-_-_-_-___-_---_-__---_-__---_-___------___-_---_-__________-----_---__
-_-__-____-----_-_-_-_--____--___--__________-___----_--_-------_---_-_-_
-___-___-------_-_-__-_--_-__--____--_-_-___--_-______-_-_----_--___--_--
-_-_-__---_-_---__-_---_---___-___-___---_-_---___-_--___-_-__-_-__---___
_-_-____-___--__-______------_-----__--__----__-___-_--__--__-__--_-__---
_____-_----_-___---_---_----_-_---_____-_-__--_---__--_-_--_--_-_-_______
-__------___----___--____-___--_____--_----___--_---_-__---__-__-___-__--
---_-_-___--_--_-__--_--___--___-___-_-_--_----_-___--_-____----_--___-__
--__-__--__--_--_______--_-_------_--_____----_--__-____-_-_-----____-_-_
-_----_--____-__--_-____--__--___--_--____---__--_____-__-_-__----_-_----
--__-__-_--__-_-----___--____---_-___-----_-----_____-_--_----______-____
-_-__--_---___-____---__-__-__--__-__-_------_--__-_____-___-----_--_-__-
-__-__-_--___-_---_--_--_-_-_-----___-_____--_-_-_-_--_--___--_-_-__-__-_
--__--_--___-_---_-_--_-__-_---_-____--___--__-__-----_-_-_-____---__-___
_-___--__--_-___-_-______-___----_----__------_--_____-__---____-_--_----
-_-_______-___-____-_-_-___----_----_-_-__--_--_-_--___--_------__-__-_--
___-----_____--____-_----__-___--_-_-----__-----____-_-_-_-_-__-____---_-
_--_----____-_-___-_-_----_-_----_---_--_-_____-______--_-_---__-____---_
_-___-___--_--_-_-_--_--_---_--_-_______-_--------____--_____-_--_----___
-____-_-__--___-_-_--_--------___-_-___-_--__--____-__-_-----__-_-__--__-
____--_---___---_____--_--_--__-_--_-__--__-_---__----____----_----______
______-_---___-__-__-------_-_----____---____-__-__-_---__--_-_----_--___ _-_--_----__---___--___-_-____--__----_--__----_--_-___--__-__---______-_
_--__-__-_-__-_---_----__---__------____--__--_-_____--_-__-__-__-_-_-__-
-___-____-_-__---____--_______---__--__-_-------__--_--_---___---___---_-
__---_--__-_----________-------_--__------_----___--_________--_-___-_-__
-------_-_-___-_----_--__--__-__--__-_______---_---____---__-___-_-___--_
_-_----____-_-____--____-_---__-___-_-__-_---_---------___-__-_--_-_-_-__
-_-__--__-__----____-__-__-_--_-____--_-_-_-__----_---_--____-_---__-__--
-----_-___-___--_---_-_--__-_-----_-__--____-_--__---____--_---_____-____
___---____--__-----__---_-_-_----__--___--__--_----_-_-_-__-____-_-___-__
-___--______----_--__-_--_--_-----__--__-_____-___-__---_-_-_--__---_--__
-_--_-_-_--___---__---__-_----_--____--___-_-_-____----_______--_--_---__
_--_-__-----_-_---__-__---___-__--_-__-____---_-______------_-__-_-____--
__-_--------_____-_-__--_-____-_-____-_-_-____--__--__---_----_-_--_--__-
---_________-_-_--_--___-----__----__-_--___-__-____-___-__----__-----_--
____--___-___-_--_____------_--_-__----__--_-___-_-_-_---_-___----____---
_-__--_--__-----------_--__--_-_-____--_--____---_____-___-__-_-_---_____
-__-_-_-__--_--_-__-___------__-_-__--__----_-_--_---__--_--__-___-______
-_---__----__-__---___-_-_--_-_--_--_--_____--_---______--_-----______-__
_-_-__------_-____-_--_-______-----_-_-_--___-_--_______-__-__----_--_---
-____---_-_-_----_-_-___---_-__-__-__----____---_---___-_-_____----____--
---_____-____---_---__----__-_--__-_----_---_-___----__-______-_---__-___
-----______-_---_---__-_-__-_-_-__--_-__--_---_-____--_-____---_---_-____
_-__-___-----_-___--____----_-______-__--____--__--___--_-----__-----__--
--___-_--______-_---__-_--__-_--__-__-_----___------_-___--__--__--_--___
_---____--_-----___-_____--_-_-_---____-_-_-_-_--_-__-__---__-__-__---_--
_---___-__-_-_____--_-__----_-_____---__-__--__--_-_-__---_____------_--- __-_---__-_--__-__-_------_---_-___---_-__-__-_-__-___-__-___-_--_-_---__
----_-______-_-_----____--_--_-__------__-_-______---__-_----___-_--_-___
-____-_----__--___----_-----_----_____-_-_--___-___-__-__-__-_--____--_--
__----_---_-_-__-__--__-__-__--__-__-_--__-______-_---__-----____----__--
_----___----___-_-__------_-_--_--_--___---_-___--____----_-_-_____-_____
__-_----_---__-__----____--_----__-__-__--___--_---__--_--__-__-_--______
_-_-_-__---_---____-__--___--_-___---_----___-_---_----__-___--_____---__
_----____--___--__-_-_____--_-_--____-___-----__--_--_____-_----_-_---_--
----__----_-_-_-__-_-____-___--____--_-----_-----_--______-___-___----___
-_-___------_-__-__----__--__---___--_-_-____-_-_-__--__-_______-----_--_
-_--_-_-_--___------_----__-_-____--_--__-_--_----___-__-_-_-_-_____-____
__--_------____--___---_--_-_______-_--_---____---_______----__-_--__----
__------_----_--------___--___-_--_-_--_________-_--__---_____--__-_-____
-_-____-_-__---_---------_-__----_-____----_-_____-___-_---___-__-____-_-
-_-___--__-_--_-__---_-_-_--__-_-_----_--_--_-___-__-_____---_-_-_--___-_
--__-_--_-__-___-____----__-_--__-__-------_--_---__--_-_-____--_-____-__
-_-_--------_-_-_____----_-_-_-_--____--_____-____-_----_--_-__-__-___--_
-__--__--_-___-__----__-__-___-__----_--__--_-__---______--____--_--_----
--_-_-_---_-_--__-_-_--__--__-__--__-_-__--__-__-_--__--_-_---_____-__--_
-_-_-_-_---_---___--___---_-_-_-___--___--__--_-__-__---_--__-_____-_---_
-_______--_-____---__---__-----_-___-__----_-----__-__-_--_---___-_-__-__
---_____-__-_-----_--___-----_--_--_-__-__-___-_--___--___-___--__-_---__
_--___----_-____-_-____---_---_-_--__-----__-_-__-_----_____--_-_-___-_-_
_--_--_-__-_---_-_--__--_-_-___--_____--_--_--_____-_----_--__-__-_--_-__
___-__--_-_-__-_----___-_-___---__-_____-__-____-__---_--__----__--------
_-_--___---_--_____--_--_-____-_-_---______-_-_---_-_----___-_---__-__--- __-_-----_--_-____---_-_____-_---_----_--__-___--_--___-__-__---__-_-_-__
_-____-_--__----_______-_-----___-______-----_-_--___---___-_-_-__-------
--_-_____-_---_-____--__-_-__-_------____-__-__-__--___---__---_---_-_-_-
-__-__-___--_---___-___---_--_----___---___----_____________------_---_--
_-__-__--_--__--__--__----_--__--__---_-_--_---_-_-___--____-___--_-__-__
__-----__-___--____-_----__--_----__-_--_-_--_--__-___-_--___--___--_-___
__-----_--_-__-_-____-__--_--____-__---_---_-_-___-_-___-__-_--__--__----
__------_-___--_-__--__--_----__--_-___--_--_---__-__-_____--_----_______
---__-_--__---_--__-----_--_-_-_____-___-_-_____-_-___--_-_-_----_____---
_-_____--____--__--_----_-_-_-----_-_--__--_--__-___-__---__-_-_--__-___-
_--_____-_--___--___--___-__-_--__--__--_----_--__--_-_---_-_--_-____--_-
---__--___-_-__-_-__--_-_-_-_-___---__--__-____-__---_---__--_---_-_--___
_-__-_---_--_-_-_-___-____---_--_____---_-__-_--_-__--_---_-___--_--__--_
-_-___-__-_---_--_--____-__-__--_-_---_-__-_-__--_--___-____-__---_---_--
_--_--___-_-_--_-____-_____---_-_-__-__-__--_--__----_-_-_--_---___-_-_--
-__----__------___-__--__---_--_--__-_-___---__---__-_--_____-___-__--___
___-_----__--__-_-___-_---_-_____-_-___----_--_---_-_---___--___-__----__
_-_--_-_-_---_-__----_-_-__-----__-_-___-___-_-__---_____--__-----_-_____
__--_--_-_____-_-__-------______--_-_---_____---__--__---_-____--_---_-_-
___-__-_-____-_-__-_----____--_-___--_-_---____----_---___----___----__--
_-__-_-----_____-__-__--_--_-_-_____--_---___--___-_-----_-__-____---_---
-__-_-_-_-_--_--___--_-_-__---___-___-_-_-_--_-___---__-__-__---_-_----__
--__-_-__--_-_-__-__--_-___--_---_--__-__-_-_-_-_--_--_-_-_-_-______----_
_--__-__---_-_-_---_--_____--_---____--_-_---__---___-_-__-_-___-_---_-__
---_-_____--___---___--_-_----_-__--_--____---_-____-_-----_-_-_--_-_____
---____-_--_----__-__-___--___-_--__----_-____---_-___-_--_-_-_-_-_---___ _-___---_--__-_---____----_____-__-_--__-_---_-___--_---_--__---_--___-__
---_-----_-_---____-_-_-_-___----_---_-___--_-___-__-__--____--__-__--___
-__---__---____-__-_-_--__-__---__---_-__-___-_---_-_-____---_----___-__-
-___-___-___----_-____--_____-----__--___---__-_-__----___-__--_---_-_---
____-_--__---_-_--___-_-_---_-___---_--__-__---___--__-----_-______----__
---_-_-__--______-_-----_-__---_---_-_--___-_-----___-__-_--______-_-_-__
_-____-_-_-_-_--___---__-_-_-__--_----_--_-_-__---__-__--_---__-_-_-__-__
___---_____-_-_-_____---_-_----__-_--_-___--------_---___-___-_-__-__-_--
___--_-_-_-_-___-___--___--__---_---_-_-_-_--_---_--_--_-_--___--__-___-_
-_--_-______-_-__-_-__----_--_------____--_-__-_-_-__---___--__----__-___
-_-_-__---____-__-----_---___----___-__--_---__-_--__--___--___-_---_____
-_____-___-_--___---____-_-_-___--___--_---__-_--_-_--______----------_--
_-_-_-_-----_-_-_-____-_--_-__---__-___-____-_---__----__---__-__-___--_-
_---_-__--_---_-_-__-_____---___----_---__-_--__--_--___-_--__-__-_-___-_
__-__--__-___-_---____---_--_-_--___-_-___---_-_---_-_-_-____-__-_-_-----
__-___-____---___-_-_-__--__-_-_-____---___-_-__-_-----_-___-_-----_-----
_--__--____--__--__--_-_--__-_-_-_-___--__--_-_-----__--__-__---_-___-_-_
-_-___-__----_--__-____--_--__---__---_---___-__---_---__---__-__-___-___
--__--_--_-__-_--_-_--_-_--_-----__--_-_-_---_-__-_______-_--_-_--_______
-_-_--_----_-____-__-__-__-_-_-_--__---_---_--___--_--_-___--__--__--____
_-____---_--__-___-_-__--_____-__-_-----_-________-----_----_----_--___--
-_-_--_---_-_____---__-__-_-_---_--_-_-_____-------_-_-_---______--___-__
____--_---___-___----___-------_-_-_-____-___-_-----__-____-_-_-_-_--_--_
__-__-____--__-----___-___-_-_-_-_-__--_--_----__--_--_-_----____--____--
___-_-_------___--_--____--__--___-__-___-_--_----__-_-_-___-__----_--__-
__---__-__-_----__-_-__-_-_-_-__--_--------_-_____--___-_-_-__--_---_____ ____-__--_----__-_---_---___--_-_____-__-_-_--__-_------___-_-_---___-__-
--____----_-___--_-_---__--_--________---___---_-_------___-__---_-__-___
--_-__-_-_-______-__-__---_--_--_--__------_-____---___--____-__--___----
___-_---------_-__--__--_-_--__-__-__--_--_______--___---____---_-____---
---_-_---___-_--___-_____--______----_-__---_____--_-_-------_____--_-_--
__-_--__---___---_---_------------______-_--_----__-________--___-__-____
-_-___--__-__---__-____-_--_-__--_----_-___----_____-__-__--_-----_-_-_-_
--__-_-_---__-__---_---_-_-----__-_----__-___-__-______--____-_-_--_-_-__
_-__--_-____--_-_-_-----_---_____-_--_--__----_--__--___---_---_____-____
-__-_-__-__-_--__-___--_-_--____--__-_-___------__-_---_-_-_-__-__--_-_--
__-___--__-_-----__---________--__-___-_-_-__-__-_--__--_-----_-__--_----
---_---_____--_--_-_-__--___----_----_-_-_----_-___-___--___-_-_____-__-_
___--_-----____-__-_-_-_-_-_--_____-_---_-__---_--_---____-_____---_--_--
---_--_-_-____----_-_-_-_____-_--_-__-_-_---_--___-_--___-____-__-_----_-
--_---____-__--_-----_______--_________----__---_-__--_-_--_-_--_-_-__---
-__----__-_-_--_-_---__--__-____-_-_---__--____--____--_-----____-__-_--_
_-_-__-___--____--_-_--_-____--_--_-_-_-_--_--_-__--_-__--_____------__--
--__----------__-_______-_-------____-__-___----___--_____-__-_--_-_-_-__
____-_---------_----_-___-__-___---_______-__-__-___-_--__--_--_-__---_--
-_---_---_____--_____---_-_-_------__-____-----___-----_____---_-______-_
----__---__---_-____----__-_--_-____--____-___--_-___--_--_-____-----__-_
-___-____-____-_-__--_-_--_--__--_-__-__-_-_--__---_-----__--_-___-_--_--
_--_--__---_-__-____-----__-___---_-___-__--____---_-_-__---___-__-_-_---
---__-__-_______---_-_-_--____-------___--_--____--_---___-___--__-__----
__--__-____-_----_-__-_---___--____--_--_-_---_---_-__-_--_-____-__-_-_--
----__-__--__----___---__-_---___-_____--__-_-_-_---_-_-__---_-_-_-_-____ __--_-_--_----_----__--____----___--____---__--__----_-__-__-_-_--_______
_--_-_-__-_______---__-________--_-_-_-__-__-_---_--_-_-_------_-__------
_-_--__-----__-_____------_-_-_--_----__-_-----____-__-_--___--__-_______
----_-___-_-__---_---_-_-_-___-__-__--_--____--__-_--__-----____---_-____
-_--___-_--_-__--__--_--_----_-__--_--_-_--____--_--__-___-__---___-_-___
_-__-___----_____-----__------___-___-_-_--___-_-_____---__--------_-____
-_____--__----__-__--------__-__-___---_---__---_-____-_-__-_--__---_____
--_-_-----_----__-_-______------_--___---_--_-____-____-_-__-___--____-_-
__-__--_--_-__---___--_--_-__-_____-_-__--____-------___-_-_____-_-------
__-_---___--_--__--_-_-___-_-__-___-_--______--_---____--__--_-_-------_-
_-____-_--__-_-___-__----__-_-__-_-_-__-__-----_--_-__-_-___------__--__-
__--_--____---___-___--_-__-___-_-__-__--_----____-___-_---_---_--_--_---
___----__-_-_-__---_-----_-___--_-_-_____-----___-__-_-_-__--___-__---_-_
__-_-_------____-__--___--_--_-_-_-____----_-_-_____-_---_--_-_----_____-
--_------_---_---_--__-____-__-___-_--__-_--_____-__---__-_____---___---_
_--_--____---_--___----_-__--_-___-_--_-_----___-------_-__--____-_______
__---_-_-_--_-____-_____--__-----_-____-_---_--__--__---_-_-_-___-_-_--_-
__-____---_-_-___----_-_----__---___-_-__----_____-_---___-__--_-_--___--
__-_-_--_______-___---------_-_-_-__----_-_-__-_____-__---_--_------_____
_-__-____--_--__-____-_--______-__-_-_--__-_----_-------___--_--_--___---
___--__-__-___---_--_--_---_-----__-__-___--_--__---__-_--_____-__-_--_-_
_----__-------_-_-___-___-___--_-_-________-_---_---___-_-----__-__-_-__-
_-__-___--____----__-_--____--_---____----__--_----____--__---_---_--____
-_____--__---___--__-_-_---___-_--_-_--_--------__-__--_--_--___--_______
_-_-_--__--_--_-__-_--_-__-__-__--_--___-_-_-___-_-_--___--_---___---_-_-
-_-_-__----_----__-__-_-_-___-___-_--_____-_--_-_-__-__---__---_--_--_-__ --~-~~-~--~-~~~~-~-~~---~---~~-~~~----~------~~-~-~~--~-~~~~~--~-~~-~~~-~
-~--~~---~-~----~~-~~~~~--~-~~-~---~---~~~~~~-~~---~--~~-~------~~~~-~~~~
-~-~-~~-~-~~~-~~~~~~--~--~~-~--~~~~-~-~--~-----~~~~--~-~-~~~--~------~~--
~-~~--~~-~-~~~~-~~~~--~~~-~-~--~~-~-~--~~-~~-~---~-~~~~------~~~--~------
~~~~~~-~~~~~~--~~~-~~~---~~-----~--~---~----~~-~-~~~~-~-~-----~~--~----~~
-~-~~------~-----~-~~~-~~~~~~--~~-~-~~----~~--~-~~~~-~~-~~--~~-~~~--~~---
-~------~--~~~-~~~-~~~-~~--~~~-~---~~~~~-~--~~-~--~-----~-~-~-~~-~-~~-~-~
--~~-~----~-~~~--~----~--~~~~~-~~~~~~-~~~----~~~~~----~---~~~-~~~~----~--
-~~---~-----~~-~-~--~-~~--~----~~~~--~--~-~~---~-~~-~-~~-~~-~--~~~~~~~~-~
~~~~~--~------~~--~--~-~~~---~---~~~~--~-~~--~~--~-~~--~~-~-~-~---~~-~~~~
-~~-~~~~~-~~----~~-~-~~-~~~~-~~~-~-~----~-~-~-----~~~-~~---~~-~~-~----~--
---~----~--~~~-~~~~~--~~-~~~--~~~~~-~~~-~~~--~---~-~--~~-~~-~~---~----~--
~-~~-~----~-~--~~~~-~~--~~~~~-~--~~~-~~~-~~---~~~---~~--~---~-~~--~---~--
--~~~~-~~-~~---~~~--~~-~~-~--~~~~--~-~-~~~~------~~--~~--~~-~-~~~--~-----
~--~-~--~-~-~----~~--~-~~~~--~---~--~~~--~--~-~~~~-~~--~~~~--~~~~~--~--~-
~~-~--~~~~~~-~~~~-----------~-~~-~---~~-~--~-~---~--~~~--~~-~~~~~~-~~--~-
~~-----~~-~~--~~~~---~-~~-~---~-----~~~~~-~~--~-~-----~~--~-~-~~~-~~~~~-~
~----~~-~~~~--~~~--~~--~~---~-~~-~~---~~-~-~~~~~~~--~~~---~---~----~-~~--
~---~~~-~~-----~~------~~~---~~-~~~~~-~-~---~~----~-~-~~~-~~---~~-~-~~~~~
~-~--~-~~~-~~~--~~~~~~~~----~--~-----~---~~--~~~~--~-~-~-~-~-~~--~~~~----
-------~-----~-~--~-~~~---~~~~~-~~~~--~-~~---~-~-~-~-~-~~~-~~-~~-~~--~~~~
-~------~~~-~~-~~~-~-~~~~-~--~~-~--~-~-~-~~---~~~~~-~--~~--~~~--~-~-~----
--~-~-~---~~~~~~~---~--~-~-~~~~-~~~--~~---~~-~-~~~----~~~--~~~~--~-~-----
---~~~~~-~-~-~~--~---~-~~-~--~----~~~~-~-~~~-~-~~~----~~-~-~-~-~---~-~-~~
~-~--~-~-~-~--~~-~~-~~--~-~-~--~--~-~---~~~-~~~~~~-~-~~~-~-~--~~~------~-
~--~~~~-~~~~~~-----~~----~-~--~~-~-~-~~~-~-~~-~~~~--~--~~-~--~---~~----~- ~-~--~~~~~---~-~~~-~~--~-~-~~-~-~~~-~~-~---~~---~-----~-~--~-~-----~~~-~~
~~~--~~----~~-~---~-~-~-~---~-~-~---~--~~--~--~-~~~~-~-~~~--~-~--~~-~~~-~
~--~---~-~--~----~---~-~-~~--~-~~---~~~~--~~~~~~~~-~~~-~~---~----~-~--~~~
~-~--~~--~~-~~~--~~-~-~~-~~~~---~~~~~--~---~--~-~~--~--~~-~--~---~~~-----
-~~~-~----~--~----~~----~~---~--~~~----~--~~-~~-~~~~---~~~~-~-~~--~~~-~~~
~-~-~~~-~~---~---~~---~----~---~--~~-------~---~~~~~~-~~~~~~--~~-~~--~~~~
--~~----~-~---~~~---~-~--~~---~-----~-~-~~~~~~~~~--~---~~~-~~~~~--~-~~--~
~---~------~~~----~---~~~--~--~-~~~~~-~-~--~~~~---~~~-~---~~--~~-~--~~~~~
--~~~---~~~---~-~-~-~----~------~~~-~-~~----~-~~-~~~-~~-~-~~-~~~--~~~--~~
~~~~-~-~--~----~~-~--~--~~-~---~~--~-~~~~---~---~~~~-~---~-~~~--~-~-~-~~-
-~~~~-----~----~~-~-~---~~---~---~~~~---~-~~~~----~~~~-~----~~~~~~~-~~--~
~~---~~-~---~~~~~~~---~---~-~~~--~~~~--~~-------~-~~~--~~~---~--~~--~-~~-
~---~-~~~~~-~--~~---~-----~~--~~-~-~-~-~-~~~~-~-~-~---~--~~--~~~-~~---~~-
-~-~-~-~-~~~--~-~-~---~~~--~-~~~--~~~~~~-~---~--~---~-~~--~-~~~-~---~~---
~~~~--~------------~~~--~~~~~~-~~-~-~~--~~-------~~~-~~-~---~~~-~~~~---~~
--~-~-~~~~-~-~~~---~-~~~----~~-~~~---~--~~-~~-~~~----~~~~-~~-~--~----~---
-~~-~~-~---~--~~~~-~-~~~~---~~--~~-~~-~~~--~-~-~~----~--~---~-~~~----~-~-
-~~----~--~-~--~---~~-~~~--~--~~~~-~---~~~--~~~~~-~--~~--~~-~---~~~-~-~--
-~-~----~-~-~~~~~--~-~~---~~--~~~~-~~~~-~~--~---~--~-~~~---~---~~-~~--~--
-~~~~-~~-~---~~---~~---~~---~~~-~~------~~~~-~-~-~~---~~~--~--~-~~-~-~~--
~-~~~~--~~----~~~~-~-~~~~---~~~~~~~~~-~-~-~~~-~~-------~-~----~-----~----
--~~-~~--~-~--~-~~~~~--~-~-~-~-----~~-~~-~~-~~~---~~----~~~~-~-~-~--~~---
~~-~~~~~~~--~~--------~~~--~~-~--~-~~~~~----~~~~--~--~-~~-~--~-~---~-~---
~-~~~~~~~~--~-~~~-~~---~----~~~~----~-~~~-~-~-~~---~--~---~-~-----~~~-~--
-~--~-~~~~~-~~--~---~~~--~--~---~~-~~~~-~~-~--~---~~~~------~-~-~~~~--~--
-~~-~---~----~-----~~~~-~~---~--~-~~-~~~~~--~~--~-~-~~~-~--~--~--~~-~~-~~ ~----~~~-~------~~~~~~~~~-~--~~~~~---~~~-~-----~~-~-~-~~---~-~~-~--~---~~
--~-~-~-~~~---~--~-~---~~~~~~-~~~-~~--~-~---~----~--~-~--~~--~~--~-~~~~~~
----~~~~~----~~-~--~~~~--~-~~~~~~~-~--~~-~--~~~~----~-~---~~-----~~~-~-~-
---~~-~----~-----~--~-~-~----~~~-~~-----~~~~---~~~~-~~--~~~~~~~-~~~--~~~~
-~-~------~~----~-~---~--~~~-~~-~-~~~-~~~~~-~---~~----~~--~~~~~~~--~-~-~~
-~~~~-~~--~-~~~--~~~~--~~--~----~---~-~~~-~~~--~--~-~~~---~~~----~-~~--~-
-----~~~-~----~~-~---~~---~~--~--~~~~~---~-~~~-~-~-~~--~-~~~-~-~~~~-~--~~
~--~~--~-~-~--~~~~---~~~~~-~~--~~--~~~~-~-~----~~~--~---~~~-~----~--~~-~-
~~-~---~---~--~~-~----~----~--~~~-~~~~~---~-~~~~~~~-~~----~~~--~~~----~~~
~~--~~-~~-~~---~~---~~~~--~~-~-~~~~----~--~-~~-~~~-~~~-~-----~~-~-~---~--
-~-~-~-~~~~---~--~~~~~~-~~~~-~--~--~-~-~~-~--~~--~~---~--~---~--~~~--~-~-
--~~-~-~~-~~-~---~~---~-------~~-~-~-~-~~~~~-~--~~~--~~----~~~-~-~-~~~-~~
-~--~~~~~------~-~-~--~--~~~~~-~-~-~~~-~-~~~~--~----~~~~-~~--~-~~~--~----
-~~~~-~-~~---~--~---~~-~~~--~--~-~--~~~~--~~~~~----~-~~--~--~~~-~~--~--~-
--~~~~-----~--~~-~~~--~-~-~-~~~~~~~-~--~---~~~---~~-~~-~~-~~-----~~~--~--
-~-------~-~---~~~-~~-~-~~~---~----~-~-~-~~~-~-~~---~-~-~~--~-~-~~~~~~~~~
-~~-~~-~~~-~~-~~--~-~--~-~~---~~~-~---~~~--~--~-~~--~-~~~~--~--~~---~~---
~----~-~~~-~--~-~---~-~~~~~~-~~~-~~~----~------~~-~----~-~-~~-~~-~~~~-~-~
~---~--~----~--~~--~-~~-~~-~~~~~-~---~~~~--~~--~~-~-~~---~-~~--~--~-~-~~~
~~-~-~---~~-~~~~---~-~~-~---~~---~~~--~-~~~-~--~-----~~--~-~----~~~~~~-~~
~~~-~-~-~~-~~~--~----~---~-~~-~--~-~-~~~~~-~-~~~-~-~-~---~~---~---~~--~-~
----~-~~~-~~~~~~~---~~----~~~~~--~--~-----~--~~~~-~--~~--~---~~~-~~--~~-~
--~~-~~-~-~--~-~-~---~~~~~~---~~~~~---~~--~~~~--~~-~-~---~-~~--~--~----~~
~------~--~~--~~~~~-~------~~--~-~~--~--~-~~~--~~~-~-~~~~-~-~--~~--~~~~-~
~--~~-~~-~~---~-----~~-~~~--~---~-~~--~----~-~~~~-~~-~~-~--~~~~---~~~-~-~
~--~-~~----~-~-~~-~--~~-~--~--~~~~~--~~~-~-~~~~~~-~~~~~-------~-~--~---~- ~---~~-~-~~-~--~--~-~-~-~---~-~~--~~-~-~----~-~~---~~-~~~~-~--~~--~~~~~-~
-~-~~-~~~-----~~-~~~~~-~-~~~~-~--~-~~-~-~-~~-~-~-~--~-~-~--~~~~------~---
~-~--~--~-~-~--~-~~--~~~~~~---~~--~--~---~--~-~~~----~~~~~-~~-~-~~~~-~---
-~~----~~~~-~-~------~-~~~~~~---~~~~~-~~-~--~~--~~-~--~~---~---~-~-~-~-~~
-~-~~~-~--~~-~--~~~---~~~~--~-~---~-~~---~~--~~~--~---~-~-~-~-~-~~-~~--~~
---~~-~~~~-~~-~--~-~~----~~-~-----~-~~~-~~-----~---~--~~-~~~~~~~~---~~~~-
~-~~-----~~--~~~~---~-~-~-----~-~~-~~~-~-~-~~~-~~-~~~-----~-~---~~-~-~~~~
-~-~---~~~~~--~-~--~-~---~-~--~--~~~---~~---~~-~~~~~-~--~-~---~~~~-~~--~~
--~~~~~~-~--~~~~-~~-~~-~--~----~-~~---~-~~-~--~~~~-~~--~--~----~--~-~~-~-
---~--~--~-~~~~~-------~-~--~-~~-~~~~~-~-~-~--~~-~-~~-~~~-~-~~~~--~-~~---
~-~-~-~~--~-~~-~--~--~~-~~-~~~~~~-------~~~--~~~-~~-~-~~--~~--~--~--~~---
~~-~~~~---~---~-~~~--~~~--~--~----~~-~~-~---~---~~~-~--~-~~~~-~-~-~-~--~~
--~~-~-~~~-~-~~~---~~--~--~~~~~---~~---~-~~-~--~~~-~--~-----~--~-~~~~--~~
~~~~--~~~--~~~~~~~---~~~--~~---~~-----~---~~--~~~--~---~----~-~~-~~-~~--~
------~--~~~---~-~~-~-~--~-~-~---~-~~~~~~~---~----~~~-~~~--~~~~-~~-~~--~~
--~~~-~~--~~~---~~--~~~-~-~~~--~-~~--~~~-~~~-~~--~-~~~~-----~~--~---~----
-~-~---~--~~-~~~~~-~-~~~~-~~~~-~~---~~~~-~~~-~--~---------~~~-~-~~---~---
--~-~-~~--~~~~~~--~-~~--~-~~--~~--~-~~--~~~---~-~--~-~-~-~-----~~~~-~~-~-
~--~--~~~~~-~~~--~--~-----~~-~-~~-~-~-~~~--~~--~--~-~-~~-~~~-~~-~-~--~---
-~-~~~~-~-~~~----~~~-~-----~~~~~~-~~~-~-~---~~~-~-~~-~~--~-----~~--~-~---
~----~-~-~-~~~~~~~~------~-~~-~--~~-~--~-~~---~~-~~--~--~~-~~-~-~--~-~~-~
---~-~~-~-~~--~~-~~-~~-~~----~~---~~~~~--~~-~--~--~---~~---~--~~-~-~-~~~~
----~~---~~~~~~--~~~-----~-~~-~~~~~~-~-~~-~~~-~------~~--~-~~~~~~-~------
~-~--~~~--~~--~~~~-~~~--~-~-~~~-~~~-~~---~~~~~-~--~--~-~~-~---------~-~--
~~------~~-~---~~-~~-~~~-~----~-~--~~~~~~~~~--~-~--~~-~--~~-~~-------~~~~
--~~~-----~---~-~~~--~-~~--~~~-~~~--~~----~~~--~~~~~-~~-~~---~~--~~---~-~ ~-~--~--~~--~-~~~-~~~~-~-~~~~~---~~-~-----~~-~--~-~~--~~---~---~~~--~-~~-
~~---~~--~~~-~--~~~-~~-~-~--~~~~--~~-~-~-~~----~----~-~~-~~---~-~~-~-~~--
--~-~----~~-~---~~~----~~---~~~-~~~---~--~-~--~-~-~--~~~-~~-~-~~-~~~-~~~~
~----~~~~-~---~-~-~-~~--~~~-~~~--~-~~-~--~~---~~-~~--~-~--~~~~-----~~-~~-
~--~-~~~-~-~~-~~-~--~~~-~---~~--~~~~~--~~--~-~--~---~--~~~~----~~--~~---~
---~--~~-----~~-~-~~--~~---~-~~~-~-~-~---~~~-~--~~---~~~~-~-~~~-~-~-~~~~-
--~----~~-~~~~~~-~~~-~-~-~~~-~---~--~-~---~-~-~~~~~--~~--~--~--~-~~-~--~-
-~~-~-~~---~--~~-----~-~~-~~--~~~-~-~~~-~-~~~--~--~-~~-~--~~-~~-~~-~---~-
--~--~-~-~~---~~~---~~~-~~-~--~~~~-~--~--~~~-~~~~~--~~----~~---~---~~~-~-
----~---~---~~~~~~---~~~--~~~------~-~---~~~--~~~-~-~~~~~--~~--~~-~~--~~~
~~-~~--~~~-~~~~~~~-~~~-~--~--~-~---~-~~~-----~~-~-~----~--~---~-~-~~--~~-
~-~---~~~~~-~-~~~-----~-~~~-~-~--~~~~-~-~-~~~~-~-~-~~--~~~~---~---~------
~~---~--~~-~------~~--~-~~~~--~~-~~--~-~--~~--~-~~-~-~-~-~~~~---~~---~~~~
-~~--~~~~-~~--~-~-~~-~~-----~-~---~-~-----~~~-~~~~~-~--~-~-~~-~--~-~--~~~
~~~~-~~~-~~~~~-~~-~----~~----~~~~~-~-~~-~~--~-~---------~-~~--~--~-~~~---
~--~--~~-~-----~~--~--~~~-----~-~-~~~~~-~--~--~~~~-~--~~~-~~~-~-~-~-~-~-~
--~~-~-~-----~--~----~~-~---~~~--~~~-~~-~~-~~~~-----~~---~~-~~--~-~~~~~~~
~~~~--~-~-~~~--~-~-----~-~-~-~~----~-~-~-~----~~~~~-~-~-~~-~~--~--~--~~~~
~~--~~~~----~~--~~-~~~~-~~-~~~--~~-~~~-~-~~------~-~~---~~-~~---~----~~--
~---~-~~--~~--~~~~~~--~~~-~~-~~-----~-~-~~~-~~--~-~--~-~-~~---~---~~~--~-
----~--~-~-~~--~-~~~-~--~-~~~~~~-~------~~~~~~--~-~--~~-~--~--~-~~~-~~~--
---~---~~~~--~~~--~~~~~~-~-~~----~---~~~-~-~-~~~--~---~-~--~~~~~---~~-~--
-~~-~-~--~~--~~--~~~~-~--~-----~-~~~--~--~-~~-~~~~~-~~~~---~---~--~~--~-~
-~~~--~-~~~-~~~-~~----~~~~~-~~-----~--~--~~~---~--~--~~~~~~~~--~~---~----
-~-~~~--~~---~~~---~----~-~--~-~~--~~-~~-----~~---~~--~~~~~--~~~~~--~-~~~
--~------~~~~~~~~~-~~~--~-~~-~-~~-~~--~-~-~--~~~~--~--~-~~--~--~--~---~~- ~-~--~~~~---~--~~-~-~~---~-~~~-~~---~~--~-~---~--~-~~~-~-~--~--~~--~~-~~~
~~~----~~------------~-~~-~~-~-~-~~~~~-~--~~~~~~--~~-~-----~~--~~~-~~~~-~
---~---~~-~--~--~------~-~-~~----~~~~-~~~-~-~-~~~~~~~~~--~-~--~-~-~~--~~~
~--~~-~~~---~-~~--~--~~~~-~--~--~--~~~--~-~--~------~-~~~---~~~~-~~~~--~~
~-~-~~~~~~-----~~~~--~~--~~~------~~-~----~~-~~--~-~~~--~-~~-~--~-~--~~-~
----~----~~--~-~--~-~--~-~--~-~-~~~---~~-~-~----~~~-~-~~~-~-~~~~~~-~~-~~~
~~-~-~--~--~----~~~~~--~-~~-~~-~~~~---~--~~-~~~---~---~~~~~~-----~-~~--~-
~-~-~-~~~-~-~~~--~~--~-~-------~-~-~~~~~~--~~~~~~~~----~~~~~--~-~--------
~~---~-~~~--~-~~~~-~~----~~-~-~~-~-~-~-~-~-~-~~~~--~----~-~------~~~~-~-~
-~-----~~-~~~~~~--~~-~-------~~--~-~~~-~~~~~---~~---~~~~~--~~--~~---~-~-~
-~~~~--~~~~~--~-~--~~---~--~~~~~~--~~---~~-~~-~~~---~-~---~-~--~~-~--~---
~~~-~-----~~-~--~--~-~~~~---~--~~-~~~~~---~~-~~---~-~~~----~--~-~~~--~-~~
--~~~~-~~-~~~~~~--~~~~~~-~----~--~--~-~~~---~--~~~~----~~~-~--~~-~-------
----~~~--~-~--~-~~---~~--~~~-~-~--~-~-~~~--~-~--~--~-~-~~-~-~--~~~-~~~-~~
-~~~----------~-~----~~-~---~-~~-~-~~~~~~~--~-~-~-~--~-~~-~~~--~-~~~-~~~~
---~~----~~-~-~~~~~~-~--~-~-~------~-~~~--~-~~--~-~~~~~---~--~-~~~~-~~--~
~--~-~--~~~-~~-~--~~~~~~---~-~~---~~-~---~---~--~~-~-~~~--~~~--~~~--~~---
~~-~--~~~~~-~~~-~~-~~-~~~~---~~--~~-~-~~~---~~~~~~--~-----~-~-----~------
~--~~-~-~~~-~~--~--~~~-~~~~~---~~-~---~-~~~--~~-~~~----~--~--~~-~--~~----
---~~-~---~~~-~~-~-~~-~----~-~~~~~~~~--~-~~-~-~-~---~-~-~~~~---~-~-~~----
~~--~----~-~-~~-~~---~--~~~~~----~~~-~-~-~-~---~-~-~-~-~~~-~~~--~~----~~~
----~--~-~-~~-~~---~--~--~-~~~~-~~~~-~-~-~-~~-~~---~----~~~~-~-~~-~~-~--~
~~-~~~~~~-~--~-----~-~-~~-~~-~-~---~-~-~-------~~~~---~-~--~-~~~~-~~-~~-~
--~~~~~---~---~-~--~--~---~-~~~~-~~~~~~-~~~------~-~~--~~-~~~-~~~~-~-----
-~--~-~~~-~~-----~~--~~~-~~----~~~~~~--~----~----~--~~~-~---~~~-~~~~~~~--
-~-~-~~~~--~~~~-------~---~~~----~~--~~-~~~-~-~-~-~-~~~~~-~~--~~----~~-~- ~-~----~-~~~-~----~-~~-~~~---~--~~~~~~~~--~---~-~~~~---~-~---~-~-~~--~~~-
~---~~~~~~-~----~~~~~-~-~-~~~-~~-~---~~-~-~-~~---~~-~----~-~~--~~--~--~--
--~~-~--~~~-~~~~~~--~-~--~--~--~-~~~~~~-~~------~-~---~----~~--~--~~~~~-~
-~-~~~~~~-~~-~-~-~-~-~-~-~-------~~--~~--~~~----~~~~-~---~--~~--~~~---~~~
--~~---~~--~-~~-~~~~--~----~~-~-~-~~--~~~--~-~--~~~--~-~----~~~~---~-~~~~
--~-~---~-~~~---~~-~-~---~~-~~~---~---~~~--~---~~~-~~-~~~--~-~--~-~~~~~-~
~~~-----~~-~~~--~~--~~~-~~---~~~--~~-~---~--~-~~~~----~~--~-~~-~--~---~~~
--~~-~~-~~~~-----~~~~~--~~---~~-------~~--~--~~-~-~~~-~~~~~--~~~~-~----~-
~~~-~-~~~-~~~~~--~-~-~~~~-~~~~~--------~---~~-~--~---~-~----~--~-~~~-~--~
~---~-~~-~~---~~---~~-~~-~-~---~~--~~~~~-~~~---~-~~~-~---~--~-~~~-~~~----
--~-~--~~--~~~-~-~~-~~~------~-~--~~-~-~~~-~-~---~-~~~~-~~~~~--~-~~----~-
~~~-~-~-~--~~-~~-~--~--~-~--~--~-~-~---~---~-~~~-~-~~~~---~-~~-~~~-~-~~--
-~---~~~~~---~~-~-~~--~~~--~-~-~-~~~-~-~-----~~--~~~~-~--~~-~~~--~-~---~-
--~~-~~~--~------~-~-~---~~-~~------~--~~-~~-~-~~~-~~-~~~~~--~~~~~----~~~
-~-~----~~~~~~~-~~-~-~~~~~-~----~--~--~---~-----~-~~~--~--~~~--~~~~--~~-~
---~--~------~~--~~~--~~-~-~~~--~--~~~-~~~~~----~~~-~-~~~~-~~--~-----~~~~
~---~--~--~----~~~~~--~---~-~--~---~-~-~~--~~~~-~~-~-~~~~--~-~~~--~~~~--~
-~~-~~~~--~--~~~~--~--~--~-~--~~~-~--~-----~~-~~-~-~-~~~-~--~-~-~~~~~----
~~-~-~~-~------~-~~~~--~~--~~~-~~~~~~------~~------~-~-~~~~~--~--~~--~~-~
-~~~~-~-~-~~-~-~-~-~-~~~--~--~-~~--~-----~----~-~-~~~~-~-~~~~--~~~----~~-
--~-~-~~-~~-~--~-~~-~~--~~-~~-~--~~~-~-~~-~~----~--~~-~-~~-~~----~~~--~--
--~-~~~~~~-~~-----~-------~--~~~~~~~-~~--~~--~----~-~~~~~~~--~-~~--~~--~-
~-~---~--~-~~-~--~---~--~-~-~~~--~-~-~~~--~~--~-~-~~--~--~~~-~--~~-~~~-~~
---~~----~--~--~-----~~-~~~~~~~-~~-~~---~~-----~---~~-~~-----~~~~~~~~~~~~
~-~----~~~~--~~~----~~--~~~~~~---~-~-------~~---~~~------~--~~~~~~-~~~~~~
~~~~~--~~-~~~-~--~--~~-~---~~~-~~----~~---~~-~~----~-~-~~-~-~-~~~-~~----- ~--~----~~--~~-----~~-~~--~-~~~~~~-~-~--~-~~-~~--~~~---~~--~~----~--~~~~~
~~~-~--~~~~~-~---~~~-~---~-~~-~~-~~-~~~-~~~-~~------~--~---~-~---~-~~--~-
~-~~-~-~-~--~~~~~~-~~--~--~--~~-~~-~-~~-~--~--~----~-~--~-~~---~~---~-~~~
--~-~~~~-~~---~-~~--~~-~~~-~~~~-----~~-~---~---~-~--~~--~~~~-~~~~--~-~---
--~~-~~-~-~-~-~-~~-~--~~-~------~~-~~~~--~--~~-~~--~~~~-~-----~-~~~---~~~
~-~~~~~---~~--~~~-~~~---~~~-~-----~~-~~-~~--~--~--~~-~~-~~-~--~--~~~-----
-~~~~-~~-~--~-~~--~-~~--~~~-~----~-~--~-~-~-~~----~~~-~-~-~~~~-~~--~-~---
-~~~-~-----~~~~--~-~~~-----~-~-~-~~---~-~~~~~-~~~~~---~~--~~~~-~~--~-----
~~-~-~~~-~~-----~~-~-~--~-~~~~~-~-~-~-----~---~-~~~-~-~~-~~-~--~---~--~~~
-~~-~~~~-~~----~-~~~~~~--~-~---~~--~-~--~-~~~~~~-~~--~~~--~---~----~---~-
~~~~~~~---~~~-~-----~-~~~-----~-~~~-~~~-~-~~--~-~~-~--~~-~-------~-~-~~-~
-~-~-~---~~~~~--~------~-~~-~-~-~-~-~--~~-~--~~--~~~-~---~-~~~-~~--~~~~-~
~-~~~-~--~~~~~--~-~----~--~~----~~-~~-~-~---~-~~~~~~--~---~~--~-~-~~---~~
-~-~~~~-~-~--~~~~-~---~--~---~~-~-~~~~~-~--~~--~-~-~~~--~--~~~-~--~----~-
~~~-----~-~-~~~--~---~~~--~-~~~~~~~-~-~-~-----~------~~-~--~~--~-~~~-~~~~
~~-----~~~~~-~~~---~-~-~~----~~~-~~~---~---~---~-~~-~---~--~~--~~~~~~--~~
-~--~~~~~----~-~~~---~---~-~-~~~--~--~~~~--~-~-~---~~-~~~~~-~-----~-~~~-~
-~----~~--~~--~~~~-~~--~---~~---~--~-~---~~~-~~-----~~-~~~~~~~~-~--~~-~-~
~-~----~~~~~--~~~~----~-----~~~-~~~---~-~~~-~--~-~-~-~--~---~-~~-~--~~~~~
-~-~-----~-~~~~-~~----~~-~-~~~---~~-~-~~----~-~----~~~~-~~~--~~~---~~~-~~
-~~~---~~~------~~---~-~~----~-~-~--~---~---~~-~~~~-~-~-~~~~----~~~~~~~~~
--~---~~~~---~--~~--~---~~-~~--~~----~--~~~-~~~~--~~--~~~-~-~~----~~~-~~~
~-~--~~~-~~~~~---~~--~~-~-~-~-~-~-~-~~~~---~-~~-~~~~------~---~--~~-~~---
~-~-~-~-~-~---~---~~~~~~~-~--~-~~----~--~--~--~--~~~-~-~~~~~--~~-~-~-~~--
~-~---~--~-~~--~-~~~~~---~~--~~-~~~-~----~-~-~-~-~--~-~~--~~~~----~~~~-~-
-~-------~~~--~~--~~-~-~-----~-~-~~-~~~~~--~-~~--~~~--~-~-~----~~-~~~~~~~ ■ このスレッドは過去ログ倉庫に格納されています