結婚したいのに人生詰んでるから
■ このスレッドは過去ログ倉庫に格納されています
-_-_--_--_-----__-__---_--_-____-_-_--_---____--____-__-_--____---__-_-__
__-_-__-_-_-__----_-___-----__----____-_-----_______-__-___--_-_---__--_-
-___-_--_-_---_-__---__-____-____-_____----_-____-_-_--_----_--_--_--_-_-
_-__-__--____-_-___--_---__--__-___--_-_-__--_--__-__-----___---_-----___
-----__-_-_-_____-_------_---_-______----_-_-_----_-_________-__---__--__
_____-__-_--__-_--___--__--___-__---_-_-_---__-_-_-_-_-_-___--__----_----
______-_--_--_-_-__-_----__---__-___-_-_--_----__--__-___-_-_-__-_--__---
_-__--_______----___---_-_-__----____-----_-------______-__-___--__--_-_-
-____-_---__---_--_---_-_---_-__---___----__-__---___-__-_--______-__--__
_-----__---___-_-__-_--___----__-_--_---_--_--_-_-_-_-___-___-_____--__-_
__-_-_-_-_----__-_----_____-__--__----_----___-_--__-_-----___-______-_-_
-___-_-_______-___--_---_-__-_-_--__-----______---_----_-_-_---_-_---_-__
-__---_-_-_--__---_____--_-_-_--_--_-______--_--_-____-_---__-__---_---__
----___-_---_---_-____-------_--____-_-_________-____--__-___-_---_----_-
__-_----__-_---_-_-_--_-_____-___-_---__-_-__--__-----__--_-_----_____-__
_-_-_-_-__-____--_--_---_-_---_-__-_-__-____---_-__--_---__--_-_-__-__-_-
--_----___---__-__-_----__-_____-_-_---__---____--_-____-_-_---___--_--__
_-_--___---__-_----__-__-__------___-_--_-___-_-___--_-----__-_--____-___
__-_-_______-_--__-_-___-_-_-------_----_____-_-__-__-_---_-_---__---__--
-_-____----__--_--_-______--_-----__-___-_--_---___--____----_---__-_-___
---_-_---___--_-----__----__--___--___--_-__---___-__--_-_____-__--___-__
__--____-______--------__-_--_-_-______-_--_-_----__-__---_--_-___----__-
---_-_-__--_-_-___--____--_-__-_-___-_-_-_--_--_--_-_--___---_---_-___-__
-_-_---_----__-_--_--___--_-__-_-_-_-_-___--___--_-_-_-___--__--_--_-____
_---_---_-__-_---_--___-_---___-----_-_-_--_------__-__________-___--____
----__-_______-___-__-__--_---__-_-_-----__-_-__-_--___--_---_-___---__-- -___--_-_---_-__---__-_-__--_-___-__-_-___--_-__-_-_--_-_-_-_-__-_-_--_--
___--____-_______--__-_--__-___-_-_-_--_-_--___-__--_----_------_---_--_-
---_____-_--__---_--__----_-_-__-_-_-_--____---____-___-___----___-__----
--_--___-___-_-___---___-_--____-_-_--__-_-_--_-__-_-__----_--_--_-_-__--
__-__--__---_-____-____--____----_-----_-_------__-__-_-__-_-_-___-_---__
_-___------_-___---_--____-__-__--__--_---_--___----_-____--_--___-_-__-_
___---------_--_--____---__-__-_-__----____-__---__---___----____-_-_____
---_-___-_-__--__-_----___-_-_----_--_--_-___----_-____-_____--_-_-___-_-
_____-_-__-_-_-_----__-_--_---______-____-_-----____-______---_----------
__-___-___-__--_---------__-__--__-___--_-_--_-----_____-_____--___-_----
__-___-_---_-____---__----------_---_-_-__-_-__--__--___-_____---___--___
--_-__---__-_--_-___-__-___-_-_---____---___--___--__--__-_--_------_-___
__-_-___---------__-_--_______-_--_-__--___-____-_-------__-----_-___-___
__------__-----_-__--____--____-__--__-_--_--__---_--___---___-_-_-___-__
--_--__---_--__-_--_--_----_______-_-_---__-_-__-_--__-__--___--_--____-_
---_-__--_---______---_--___---_----_---_-________--_---______--_---___-_
-_-_--__-___---_-_---__----_-___----_____-_----__-______--_-____-_-__----
__--_---___-__-_--_---__--_----__________-____--_-_------__----_-_--____-
--__-_-_--___-_-_--_-__-___-__---_--_-_-__------__-__-__---__-__-_-_--___
----_--_-___-__--_-_-__--_-_-_-_-_--_--_--_--_-_--_-___--__-__-____-_-___
_-__-_----___----_____---_-_-_--_-__-____--__------_--____-____-_-_-_--_-
_____--__-_------_-_-__---__---_-__---___---_-_--___--___--_-_---__-_____
_-_-___--_-__-__-__-_----___-_--_-__-__---_____-_---_--_-_---_--_-_--_-__
--__---_-__--_-___-___--__----___-_-_---_-_--___---_---___-____--_--_-___
_____-_-------_-___-_-_-_____-_------__-_-_-------_-___-_______--_--__-_-
-___--_-_-__-__---__----__-___--__-_-_--_-_---__---___---_---______-_--__ --_-__---_--__-_-_-__---____---_-___---_-__-_-_--_-_-_---__-__-_-____--__
--___--____---_-_-______-_---_-__-_-__-_--_-__----____--_--___----_-__---
-_--_-____-____-_----__----_--_-_-_-__----___-__---_--__-----__-____-____
-__--_-_---_-__---__-_-_-__-_____---_____-_-_---_--___-__-_--__-_-__-----
_---__-_-___-____--_--_---___----_----_-___---__--_-_--_______-_--_-_--__
_--____-___----__-_-____--__-_----_--_---_____-____----_-__-_----_---___-
--_-_-______-___-----__-____------___---_-__-_--_--_-_-----__-___-___--__
-___--___--_-_-_____---_______-__-__-_-_---_-_-__-_---__-----__----_--_--
---___-_--___---_-__-____-----_--__--_---___-_-_-_-__-_---_-_----________
_____--_-----__--_-___--___---_-_-------____--_---__-____-__-_--_-_--____
_-----___-_-----____-_____---_-_----___--_-____-_-_-_----_-_-_-______--_-
--_--_-_-__---_--_--___-_-_-_-____-__-_-_-_---__--_-_-__-_-_--_-_--_____-
__-____-----___-__-_-_-_--_--__---_----_____---_---_-____-______---_--_--
____----___-_------__---__--_--_____----__-_--__-___-_--__---________----
--___---_-____--_-__-_-_-_-_________---___---_-__-_-__--__-----_------__-
____-_-----__--___-_----_-_---__--____-__----___-__-__-___-_-_-_-__--_---
----_______---_-_____---_--_--____-----_-__-___-________-__---_------_---
_____----__-_____--___--_---___--__--_--_-_---_--_---_---_-_____-_-__--_-
--_----____-__---__-_-_---_--_-_-_--____-___-_-_-__--__-_-_-__-_----_-___
-__-___-_-_____--_---_--_-___---_-_--__--_---__-__-__---_-___-_-_--_---__
_-_-_------__-____-__-__--___--__---_--_-__---___________------__-_-_----
--_-_-_-_---___-___---_--_----_--____--____-__-_-__-_---_--___--_-____--_
---_-----_--______-_-__-_--_____--_-_---_-_-__---__-____-------__-___-___
--_-_-----_-_--___-__--_-__-_---_-__--_-__-__-_-__-_-_---_-__---___-_____
-__-----__---_____-_--__-----___-__--____---_--__-___-_-_---__-_-____---_
-___-___-_----__--_-______--_-_-_-_----____---__-_--___-_------_-_-___--_ __-______--__--_--__-___-_-_-__-__-_--_-_----_-_-___-__--_-___---------_-
-___-_---_-_--____-_-___--___-__-_---__--__-____-----____---__--_--__----
___--_-_-___--___-__----_____-_--__---____-_----_______--_-----_--_--_---
--_----_-_-__-_-___--_----_--__--__---_--___--_-_-___-___---_-_-__-______
___-___--___-___-_--__-_-----___-----_-___--_-_------___-_-_-_____-_----_
--__-____----------_-__-___-_-______--__-_--_--____-___--___-----_-__-_--
--_-_---______-_-____----___--_--_-_-_-__---__---____-__-___---__---__---
___--_-___-__--_--__-_--______-____--__--_--____----_--_-_-_--_-----_--_-
-______-__-____--_-__--__-_--___-----__---__----__-_-___--_----___-_-_---
-_--___--___--_-_-_-----_-_-------_--____--______--___---_--_____--__-___
-_____-__--__--___---_-_-__-___--_-__-__--__------_____-------__-_-_-__--
_-__---_--_-__-__---_-___----__-_____--_-_----___-__---___--__---__-_--__
--__-__-_--_---____---___---___-_____-___--__----__-_--_-_--___-_---__---
-___--_-_--___--_------_____----____-_-__--_--_-_-____-_--_--_---___-___-
-----_--_--_-----_---_-__--___-__-___-___-__--___--_-__--_--______--__-__
-_--_---_--_-__-___-----_-___---_--________--___--_-_____----_---___-_--_
-_-_--___--__-_--_-___---_--_-_-_____----______----___-__-_--__-_-_---_--
__-____-__-_---_--___-_-_-______---__---_-----__--_----__-_-___-___--_---
_-___---_--_--_----__-___---_-_-----__-_-_______--_--____----___--_-_-___
-____---_____-___--_-_--_----__-__---_------_--_____---__-_-_-_--_-__-___
_---_-_____-_--__----------_--_-_____-_-_-_-_-_----_______-__--_--_-___-_
-_____-_-__---__-_---_----___-____---__---__-_-___-_-_-__-_--_--__---__--
___-____--___-_-__--__---_----__--_-_-____--_---_-_---_--____------__-___
___-_____-_--_-__--_-_---___--__--_-_----__----___--__-_-_-___--_-_---__-
___-__-____---_---__-___--__--_----_-_-_--_____----__-_________----------
---_---_-_-___-___--____-_--_-_----__-__-_----_-_-_-_-_--___-_--___--____ 53 さきまにあ0512(sakimania0512) -_---_-_----_--_--__---__-___-__-____-__-___-__-_---___----_____--_-_--_-
__-___----_--_-__--__-__--_---_-___----__--_---------_____-_-_-___-______
__-_-_-___-_--_----_-------__----_----_-___-____-_____--__-____-_-_---___
-------___-___---__-____--_--__-__--_--__--__-__-___----_-__-_---_--_____
_--_-_-_--__--___-_---____-_-_----_--_-_______---___-_--_--___-_-__-_----
_--------__--__--____--_-_-__-___--_--__---_-_--__-_-_--__---___-______-_
_-__---_-__-___-----__--__-_-_-_-__---------__-____-__-__-_-_-_-_-_--____
--__--__-_--_-___-_--__--_____-___------_-___-_-_--____----__---__-_-__--
-__-_-__----__-__--_---______-_-__-_-___---___-_--_-_--___--_--___--_----
-_--_----_--__-_-___--_--__-__-_-_-___-_--_-_--_-_-___---___---___-_--___
-___-_-------___--__-_-__-__-__--__--___-_-____---_-_-__---__--_-_-_--__-
____----_--_-___-_-__-_--_-___--____-_-__--_--_-_-____---__--_-----_-__--
--___--__---__---__-__-__-__--__-_--_-_-____--__----__--_-_-__-_-___---_-
-____-__-__-__----_--___--_-_--_-_-_-_-----____--_-___-__-_-_-_--_--__-_-
_-_-_--__-___---_-_-_------_-_-____---_-_-__--_--___--_--_-_-__-_--______
___-___-__------_-__---____-____-_-----_-___-_--_--_-__-_---_--_--__--___
--_-__----___-_--__--___--_-___--__-___--_---____-___-_---_--_--___--__--
___----_--_-___---_--_-_--__-_-_-_-_---_-__----_-_--_-___--__--_-________
_-_--_--__----_--_-----__--_-__-_-__-_-_____-_------_-___-_-_____--_-____
-__--___-__-____-_-_-_-__---___-_--_-__-____-__-_-___-_--------_-__------
____--___-_-____--__-_--___----__-_-_--_-_-_---____---_-_---_-_-_-_-_---_
--_---__-______-_-----__-_---___--__----__--_____-__---__---_--__-__-_-__
---_-_-_-____-_---____-_-_-___--__-__-_-_-_--_-_--__----_--_--__-_-_-_-__
-__-___---__---_-----____-___-__----_-_----___-___----_-__-_--___--_-____
___-______----_----_-___-____----__-_--_--_--_-____--__-__--_--_-_-__----
_-_---------______-____-_--_____--_-_---__----____---___-_-_-__----_--___ __----_---__--__---_-__-__----__--_-_____--______--___-___------_---____-
--_-_-__--_-___-_---_--_______-_-__-_-_-_---_-_-_--_--_-__-_-___-----___-
-----__-_----__--_-_________---___-----__--_------_---____-__--_____-____
-_---_-_______---___-_-_-_-_-__-__--_---____-____---_--_-_-_-----___---_-
--_-_______---_-__-__----_--_---__-_----_----_-__---_-_____-___---_-_____
------___-____--__-_____-_--_---___---___-__-__--_-__-__---_---_-_-_-_--_
--_-_---___---__-_-_---_-_---_---_---____--_-_____-____-___--_--__--_-___
-_--__-_--____---____--_-__-_--_-----_-__-__--_-_----___-_--______-_---__
-_--_----_-_-_--_---___-__-_-_-__-_---____-_---_----___---____-_--_______
--__--_-_--_---_____-_--___-_---_--_____-_-_-_---_---__-_-__--_-____--__-
----______-_-_-__-_---_-___-_-___--_----_-_-_-_---_-_-____-_---_-__-_-_-_
_-_____--_--___--_----___-_-_-_---_--_-____-___-----____--___-_---_-__---
_-_-_-_----__-__-_-__-_-___-____-__--__-__---_-_-______--_----_-_------_-
_---__-___-_----___--_-_-_-___-_-_----___-______-_-___-___------_--_----_
-__-_______-__--_--_---_--_-__-_______--_--_-_--_-----____-_-_-__-----_--
-_-_--_______------_-_--___-_--__-__--_--_-____-____-___-_--_--__--_-----
__--____---_-----__-_--______---_---__-______--___-_-__---__-_---___-----
__--_-__-_-______----__--___----___-_-___-__--__---_-__-__----___-_------
-_-_-____--_--_--__--__---_-_----___--_-__---__-_____-_--__--_-_--__--___
---_--_______-__---__---____--_-______-_-----__----_--_-_____-_----_-__--
__-_-_____-____-_-_-____-_---_-__--__-__-----_--_----_-_-_-___----__--_--
-__-__---_-___---_--______-__-____---_-_-_-_-__----__---------_-_____-_-_
--------_-_--_-_-_-___-_--_-__-__-__--__-__-_-__--_---________----_-__-__
___-_--_--_----_----_----_----__-__-___-__-____--___--____-_---__-__--___
--_-_-_-______-_-_-_----_--____--____--__---------__----___-___--__-_-___
---__--_-__--_-___---__--__-_-___-_-__------_____---_---_-_____--__-_-__- _----_---_---_-_-_---_-__-__---_-__-_----____-____--_-____---___-_--_____
__--_--__---_----_-____-______-_----__---_---__-__-___-__-___-_-_-_---_--
_--____---_---___--_---__-____-_--_---_----_-__-_---__-__---_-__-___-____
-__-___--_-___-_----___-_-___-_----_----__--_-_---_--_-____-____--_--_-__
_--_--_---___-___---_------_--___-_-________-_-----__-_--__--__-_-_-_-___
---_-_-___--__-_____----____-_----___-___--___-__--_-_-_--_----_-_-_--__-
-_-_---_-____-___-_--_-____--___-----_-___---_-__---__---____---__-__---_
-_-_-_-____--_--_-_-_----_--_____---____--_--__--_--__-__-_-___-__----_-_
__-___------------_____---_-_---_----____--__-_-___-_--_____-____-_-_-_-_
--_--___-_---____-_---__--_-__-_-_-_-_-_-__-_-_-_-__-_-_-__-__-_-_----_-_
_-__---_----_--__-___--__--_-_--____--_-_--____________-_-_----_---_-_---
_--_____-----_-_-----_________--_--_----_--__-__-__---_--__--_-____-_-_-_
----__---_-____---_----_---_---_--_-__-___--__-__-_-____---_-_____-___-__
_----_--__-_-__--__--_--_------___--_---___--_-___-_--_-__--___-___-_____
_--_--_----_--__--_-___-__-_--_--_-____--_-__-_-----__-____-_-____---___-
__-___------_--____-_----___--__-_-_-_----__---__--_--_-___-___--___-__-_
___---_-_-_-_--_--_-_--_-_---_--_____-__-______-___-_-----__-__--__-_----
__--_-____----_____-_-___-_-_-___-_---_-__---_--_--__----_---_----__-____
_---__-_-___-__-__--------__---___-----__-_---___----______-_-__-_-____-_
_-----_____---__-___--__-_-_-__--_-_-__---_--____-______----_--_-----___-
____----__--_____--___--__--___---_---_---___-_-_-__-_-__-_-----__-_-_-_-
____-___--_---__-_--_----__--_-_--_---_-__--_________--_---_----_____-_--
_-_--_----_---___-_-_-______-_--__-_____---____--_-_---_-____--__------_-
__-_----_-_----______--__-_----_-__---_--____-_--_____--_-_-___---_--_-__
__-_--_--__--___--___--___-_-___-____----_-_-_-______----__-_-_------_---
-__-_--______-___---______--_-___-_____-_----------_-__-__-__-----__----- ■ このスレッドは過去ログ倉庫に格納されています