0001名無しさん@毎日が日曜日2019/01/03(木) 20:22:23.66ID:UYtZt9zx
おまえらどんな本読んでるの
--__--__-___-___---__--____---__----_----_-____--___-_-__-----___--_-_-__
-_-_--_-___-_---__-_-__-___-__--_-___--_----___-_-_____--_--___----_-_---
__--__-__--_-___----___--__-___-_---_---_----_----_____--___--__-_--_-___
-_____-__-----____--_-_-___---_-_____-_--___--__-__--_--_-_-_-__---_-----
_---_-______-___-____--_-_--_---__-_____-_--___--_---_---___------_--_-_-
__-_---___-_-__--_-_-_____----__----_--______---_-_-___--___--_-_-_-----_
______--_-__-_____--_-_-_-------_--__-__--_--_-_---___--__-_-_--___----__
--___----__----__-_-_____-__-___-_-__-___--_--__--_-----__-_--_-_-__---__
--_-___--__-----_---_-_-_-_____-_-___-____--__-----_--_-____--_-__--__--_
---_-_-_-__-_--___-___--_----_-_-_-_____--_-_---_-__-_-_------______--___
_-____--_-_-_-_-___-_____-_---_----____-__--_-_-------_--_-__-_-__---__-_
-___--_-____------__-_--_-____-__-______-__-----_-__--_--_--_--__-__--_--
__--___-_-_-_-_-____----__---_--_---_-___----___--_--__-_---_-___-__-_-__
_-----__----_---__-__-___-_---____-_-___-_-_-____--------____-__-_--__-__
____--_------_---__----__-_-_---______--__-_--_--__-___-_-___-__---_--___
____-_-_-______-_-__-----_--__-_--_--_----_--_-_----_-_-__---_-_--_______
---____-__--__-__--___-_-__-___----_--_______-_-_-__-_---_------_-_--__--
__--__-___----___-____----_--_--_-_-___----_____-----__----_-___----_____
-__--_--_--___-_-____-__---___-_---__--_____--_-__-_----___-_-_-_--_-_---
--__-_______-__---____----_-_-_-_--___--_-----_-_-_-____---__-_-_----_-__
_---_-_-_--__-_-_---______--__--_---_------____--_--___--___-_-___-_-___-
_-___---_---__--_-___--_-______-_--__--__-_---_____---_--__--_-__---__---
______--___--_--___-_-__-_--____--__-_---__----__-_-___-_---__---_-_-----
---____--_____-__-__--_-_-__-_----__-_----_-__---__-_-_-__-_--__--_-_-_-_
-_-_--__----__---__-___---_-_-____----_--_-_--_--_______-_-_____---_-_-_-
--_-_---_-_-_---_--_-_-_--_--_--_____----__-___-_--___--__--_--________-_
0004名無しさん@毎日が日曜日2019/01/07(月) 08:11:35.59ID:k6+BDIvq
日本国紀
0005名無しさん@毎日が日曜日2019/01/10(木) 17:04:14.59ID:7TGWd4Dj
エンジェル倶楽部
___----_---_-_-__--_-_--___-_-__--_---___-__-_---___-_--_-_-__--_-__-__-_
_-_-___-_-_---_--_-___---___--_-___---__--_--_---_-_-_--___-___-__---_-__
-----_-__---_-__-_---______-_-__--________-_-----__----_-_--_____---___--
-_----_--_--___-_-_-___-___-__-_-----__-__--_-_--_-___-____---__---__-__-
_-_---__-___------_-__--_--__-_--__-_______--_-____--__---_-_-_--__--__--
-_-__-___-_-_---_-_---_----_-_--_-_-_-__-__-__------____-_-______--_-_-__
-_--__-_--_-_-__--_--____-_-__-__-__--_-_--_----_--__--__--__---__-_-____
-___-_---__--_--_______-__-_--__-____-_--___--__--_--_---_-_-__----_-_---
_------_--____----_-__-__-----_-____-__-_----__-_-_--_-_____---____--____
_-___--_-----_-_---_--_---_--___-_---__-___-___-_-_-___-_---___-_--_-____
_-_-_-_-_---_-____--__-_-_--____---_--__-___-__-_---_---_-__-__---_---___
--____-_---_-__---___-_-_-___-___-_-------_-_-_-___-_-__--_-__--__-__-_--
_----_-__-----_--_--_-_--___-_-__--___---_-___--___--_---__--_-___-______
___--__--_----_-___--___-----__-___-____-_--_-_--__----_-_---_-_--___-___
__---____---_--______-_--__--_--__-__----_---_--_____-__---_-_-_-__-__---
__-----_-_----_-_--______-_----__--_----_-___-_---__--____-__-_-_--______
--_-__-_--_-__-___-_-___-_--__--__----__----_--_____-_--___-_---_--_-__-_
___-_______-___-___--_-___---_--_--_-_--____-----_------______-_----_----
_--_--__-_-___-_--___-____-__--___-____-__----_------_--__--_----__-__--_
___-___-----_-_------_______---___--__--____--____--_----___-_---_-_-__--
-_----_-_-----_-__--_-___----_--_-_-____-_____-____-__-__--_--_-_---_-___
---__-__-___-___-_-_-_--_-_--_---_---_-____-_-_-_--_-__----____-__-___---
___--__----_--__-_--_--__-_-__-__-____----------______-___-_--__--__-_--_
-------____-__--______-__-_-_-__-_--___-_---__-_-__--_-____-----____-----
_--___----__-----___-___---_-___--_-___-__---_-__--__--__--_--_--__--____
--_______--_-__-___--_-__----_-_---___--____-----__--_---____----_--____-
_--__---__-_-__-_-____---_--___-_---_-_---__-__--_-----_-_-_-________--_-
-___----__--_----____------__---_--__-___--_-__-_-_-_-___-______-_----___
--__------____-____--___-______--_--------__--_--______----_-_-__---____-
-_-__-_-_----_-__-___--_-_--_-___-__-_---_--___-_--__-_____-_-__-_-_-----
__---___-------_-__-___-_-__--_----____---____---_---_--___--_-__--______
_--_--__-_--___-_---__-_-----_-_---_--_-__-__-_-___-_--_____------_______
__----_---_-_______-----------___-----___--__--___-__-__-_-__-___-___-_-_
_--____---_-_--_------_--__-_----__-__-__-____--_-__-_--_______-_----_-__
__--____-_-__-_--___-___--___----___--__--___-___-__-__----_--_----_-----
-_--____-____-_-_-----_--------__-__-____--____-----_---___--____-___-_-_
-_-_----__-__-_--__-____-__-_-__----__------__---_-__-__-_-_-_-___---____
--__----___-_-____--_---_-__-___-__----__--_-_-_-___--__--__----_-_--____
__-__--_-___-___-_-_--_---__-_______--_-_-_-_---_--____-_---------__-__--
_-___--_-___-_---_---_----_-_-_--_-_-_----___-_-____-_-_-_--_-__-__--____
_-____--__----___-_---__--_--______-__-__-__-______--_------_----_---__--
_--____---__-___-_--------_--__----_--__-___--_-___-_-_-_--__-____-__-_-_
___--_--_---__-_-____---__--------___-____-___-_------___---_-____-_--___
-_-___--_--___---_--_-----_---____---_-_--_-_--_-_-_-_-___-_--_________-_
-__--_-____-__-______-____--___-_--_-_-------_-----__-_--_--_-___-__-_---
---__-___---__----__-__-_-__-_-____--_-_--_-____--_----_--_-__-___-_--_-_
_---__--_-_-__--__---__-___-___-___--_-____--__-__--_-__-_--_---__-_-----
_--_-___--__-_-_-____-___---__-_-__-_-___--____--_--__--_---_--__---_----
_--_---_-_---______-__--_-_-_--_-_-_-___-_---_-----____--__----_-_-______
--__-_----_--__-_--__-__---_---____-___-_-___--__-____-_-__-___-----_--_-
--_-_-----__--____-_-__--_-__-_-___--__-----_--_--___--_---___-__-___-___
__--_-____-____-_-----__-__--_-------___-_-__-__--__--_--_-_-_-__---_-___
___-__________-__-----_--___--_-_--____--__--_---_-_-___---__--------_-_-
_--_---_-_-__-_-___--______-----___-___----_-_--_--_--___-_---___--__-_-_
__-_-_--__-_---__--____-_-_-----_-___--___-_----_____--_-_-__--__--_-_-_-
_--____---_-_-____--___--_-_-____--__-__-_--__-_-__-__---_-_---_--_--_---
--_-_______--_--_-_--_-----_---_---_----__--____-_-____-_--_-_-____-__-__
_-__-_____-__--_-_-_-_-----_-_---____--_-_-_--__---____-_------_-__-___-_
____-__--____-_--__--_--_---___-_--__-_-_--__---_-_-_--__---__-_---____--
--______-_-___-_-__-----_--_--_--___---_---___--____-_--_--_--_---_-_____
_-___-_---___---___-____--__---__-----___--_--_-_-_-_---___-_-__-_-_-__--
_---_---_-_-__-__--_--______-_-___--_-_-_--__-_____---_____---_--_-----_-
-_--__-____-_-_--_-_--__-_--_---__--__-----_-_----_____-__-______--_--_-_
--__--_--_--_--_-____-----___-__-_-_---_-_-__-___--__---_---____-_--_____
--____-_-_-__-----____-___-__--__-_--____----_-_-_--__--__-_--___---_---_
_____-_--__-_-_-_-_-_--___-__--_----_-_------__-_---_----___-_-____--____
_-_-__--_-_---_-_-__-__---_----__-___-_-_-_----_---___-----________-_-___
--____-_-_____--_--_-_____-__-___----_----___--_-___--__-_--_--_-_-_-----
-_----____-_------_----__-__-__-_____-____-_--_-_--_---_--_-_-_-__--_____
___-_--___-__---_-__-__--__-_-__--_----_---_--__-_____-_--__-__----_-_-_-
___-_-________-__-____----_---_--_--__-__-__--__--_-__--_--_--_----__----
___-_--_---___-_--__-__--_---_-___---___------_-__--_-___-_-_-_--__-__-__
-----_____-_-_-____--___--_--__--_---_-__-__--____-_-__--__-___--_-----_-
-_--_-_----____--_-___-_--_-_--___-_--_-_--___-__-__--__-__-____-_----_--
----____-____--_--_-__----_--_____---_--_--_--___---_____---_-__-__--_-__
____-_---_______-__--_--__-_-_-_--_-_---____--__--_--_-_----_---___-_--_-
---_-_-___-----_-----_---_-----_-_________--__-___---____-__-_-_-_-____-_
---___--_-__--_---__-___-___---__-__---___-__---_-_-_--_-_-____-_-----___
_--___-----__--___---__-_-__------_--____-_-__---_____---__-_-____-_---__
__--__-_---_---_---_-_-_-_-__--__-___-__--___-__--_---____--__---_---____
-_-___----__-____--__---_-__-_-__-_-_-----_-_--_--____-_--_-_-___-_-_--__
___---__--____-_---_--__-_--_-__-__---_-_------_--____--___--__--_-____-_
_--__-_____-_---____-_---_-_-_______-----_-___---_-_----_____---__--_----
___--_-__-_-___--_-_--____--_-_-_-_-_--___--__-_---_--_--_--_-_--___--_-_
--__-____-__--__--------____---_-----_-___---__--__-_____-___-_-___----__
_-_-__-----_-_-____-__-__--__-____--____-_--_-____-_----__-_-_--_------_-
_-_-----_-__-_____--_--_--_-_-___-___-----_--_______-_-___-_-_--_-_---_--
___--__---_______-__-__-_--__---_---__----_---_-_---___-_-___-___-_---_--
-_---__-_-_-_-_____----___-_-__--_-__--_-_-_-__-__--__--__--__-_--_-__---
_________-_____-_--------_-_--__--_-_--_---_-___---___-____-_------_-_--_
---_-__-_--_______---_-___----___-__------_-___-_-_-__-_--_____-___------
__-_-____-----____--_-_-__--_-_-_-------__---__-________-_-___-_-_----_--
--___-_-__-___----_-------_-_-__--_-__---_-_-________-_---_--_-_-_-__-___
_--_-___--__-_---_-_--------___--____--__-_-_-_-__--_-_-______---__-_-_-_
-___--__-__-_-__-__---___-__-_-_-_-_____-----_-_---_-__----__--___---_-_-
_----___--__---__-_-----_-____--_-_---_-____-__-_-__-----__-__-____--___-
-_-_____-______--_--_--_-------___--_-----_______----__--_----__-____-__-
__-____-___-_---_---__-___-_____---__-_-_--_-_-____---_-__--_--_----_----
_---____-_--_--__-__-___-_-_---__-----__-_---_--_-__-_-___-_-_--__-__-_-_
_--__-_-____---------__-__-__--_-__---_--_-_-_-----_-____-__-______--___-
_-_____-___-___--_---__-_-_____---__---___-----____----____---___--------
_____----__-_-__----_-_-__-_____-___---_-____--__---_-___----__--_-_-----
-_-_-__--_-_-__---___-___-------_-----_----___-__-__-___--_-__-_-_-______
-_-_--_-_-__-_---_-_--_-__--__--_____------_--___--___--_-__--__-__-_-___
0010名無しさん@毎日が日曜日2019/03/06(水) 20:31:00.92ID:GBnNHZt4
秋田県における朝鮮人強制連行―証言と調査の記録
野添 憲治
--__-__--__-__-_--_------___-_-_-__--_--__---__--_-_-__---____-__--_-____
-_----------_-__-____-_---___--__-__-__-_-__--___--___-_--__--__-_--_-___
--_-_-___--__-___--__---__-____-----__--_---___-_-__-__-___------___-__--
---___--__-__--__----__-__--__-----_____--_-_-_-____---_---_-__--_-_-____
-_____--___--__-_--------_--_--_---__--_-_______--_-----__--__-_-_-______
__--___-___-----___---___-__-___---_---__---__-_---_--_-_---__-___-__--__
-_-_--_-_---_-__----__-------_-___-___--__--_-____-_-_---________-____---
--_-___-_---_----___-_----_--_________-_-__---___-_-__---_-_--___-_--__--
_-__--_--_-_____-_-_-____---_____----___--_____--_---_------___-_---_-_--
--___-__----_____---_---___--_-__-_-__----__--______----__-_-_--__---__-_
___-__---_--_--__--___--___--_--_------__--_-_-_----_____-_-______-_-_-_-
-__-___-_-___----_---__-_-__--_-__---__---__--__--_-----__-_-_-_____-_-__
-__---___-_-_-___---_--_--__-___-__--___--_--_--_-_-__--__-_-__-----_-___
__-_-__---__-___-__---__-----__-_-_-_--__----_--_-___-____--___-_--_-__--
___---___--_-___--_----_-_-__-_--__-___-___-_-_-_-----__-____--___----_--
-----__--__-__--__-_--_--___-__---__-_-_-___----__-__-__-_--_--__-_--____
_-_-_-_-_----______-___---_-_--____---_________------_----_----_--__-_-__
-____-_-__---___-__-__-_--__-_---___-__-_-__-_-----__-__-__--_----_--_-_-
-__-_--__-_-_-_-__-_-_-_---_-_-----__--_----__--___-____-__--_-___---____
_--_--__-___--_____--_--__----_-_-_--___-___-_--__-___--__-----__-_--__--
___-----_---_______-_--_____-_-----_____-_-__-___-_-_-_--_-__--_----_----
--____--_-__-______-_-__---___--__--___--___---_-_-__-_---_-----_-_---__-
--_--_-__-_------_-___--___-----_-__--__-___-___---__---__-___--_____--__
__----___-_-____----_-__--___-_____---_--_--_-__-___-___--_-_----__----_-
__-__-___--_-_--__--____-___--__-_-____---_---__----_--____--__-_-----_--
__----_--_----_--_---__-___-_-_--__-_-__---___-______--_-_-__---___-_--__
--_-___--__--_---_____-------_____--_---_-___-__---_-__---__-___---___-__
______-__--_---__----_-___-_--_--____-_--_----__----___-_--____-_-_-_---_
_--_-_-___----_-_--_-_-_-____--____--__-----_-___------_-_____-__--__-_-_
-__---__-__-------_-__--__------______-______--_--__-_-___-_-_--____----_
__-___-_____--__---__---_--_-_-_---_-_____---__-__---_--___--------___-__
-_-__-__--__-_--___---____-__----_____--___-_----__-___-_--_---___---_---
__--__---_--__-----____---_-________--__--___-_--_-----___---___----__-__
_---_-__-_---__-_---_-_-_--_-_-_--_---__-__----------____-________-______
----_-_--____--__-___--_--_-_____-__----_-----_____-----_--_-_-_______--_
-----____-_______---__-___--__--_-------_-__-_____-__--__---__--__--_--_-
---_--_--_---________-__--_--____---_-_-_-___-_-_-__--__---______-_------
_____--____-_---_--__---___---____------__----___--_-_-_-------_-________
___-____--__-__--__-____-__--_-_--__-_-_-__-_-__----_-_------_--___--_---
-_______-_--_----__-_-_--_--_-_-----_______-_-___---_-_--_--_____--_--_--
_---___-_----___--___--_--_---_-___--_-___---_-_-_--_-__--__-_-_-_--_____
____--__-___------__-_--_--__--_______-_----_----____-___------_-_-_--___
-_-_-__-----___-_---__-_-__--_-___--__-__--__-------__--_--_-_____-_-____
__--__-____-___--_-_--__----____-_-__-__---__-_---__--__-_-----__-__-_---
-_____-____-_-_--_-____-_---_--_-_--__--_---_--_--__-_-__---___-_-_--_-_-
_--__--_-_____-___-_---_-__--___----____-_--_--__--_---____-_--_--_--__--
-____-_-__-_-_----___-_-_--_--__--_-_-__---_-_-_-_-----__---________--_-_
-___-_---_--__-__-__----_-_--_--_-_--_-__--__-____-_-_--__-__-__-_--__--_
__-_____-_-_-_-_-_--___--_-_-----____-__-___-__---____-_-_-__--_---------
__-__-___---_-__----____-_-__-__-_--_--_--__---__-_-__--_--_-_____----_--
-_-_--_---_-____-_-__-_-_-_--__---__-_-__------_--___---_-_-_-______-_-__
-__-___--__-___---__--____-_---___-_-_--_-_-_-___--_---_----____---_-__--
-_-----__-_-_________---____-__----_-__-_-_--__-_-----__--__-_--__-_-_--_
---____-_-_-_-__-_---____-------_____-___--_-__-_--___---_--_-___---_-_-_
--__-_____-_-__-------____--___-----_____----_-_----_-__-----_____-____-_
_---_-_--____--__--__---_----__-_-_-___-__-_-_--_--__---__-_---____--____
_-_-_---___--_-_-_---_-__-_--_-_---__-__--------_--_-__-____---__________
-_-_-_-____--____-___--_-_-_-_____-___-_----_-_-_-_-__-_-_-_--__---------
-___------____------__-_-_-_-____--__--_--__-__--_--__--___-_-_--____--__
--__-__--_-_-__---__--_--_--______-_--_--___-___--_-_--__--___-----__--__
_--______-_-_--_-_-__--__----________-----_-____--_--_-_-__-_----_-_----_
__-__-_---__-_-_--_---_-___-_-_---____-__----__--__-----__--________----_
_--_--_--_----__--____-----_----____----____-___--_--_-____---______--___
-__-----_-----___------_-_--_--__---_________----__-___-___-_-_---_______
-__--__---___---_---_---_--_---_--_-_-___-_____-__-_-_-_-__-_-_-__--_-___
-_-----_-_--__-__----__----_-_-________--_-_--_-_--_--_-_______-_----____
---_-_---__-_-___-______----______-___--_---____-___-_-__-_---_----_-----
--_-____--_-_-_---_-__-_---___----_-_----__-_--__-_-_---__-__-_-_____-___
__---__--_-___----__-______-_--__-_-__--_----___-_----__-___----___-_--_-
-_-_--__-___----___----___--_-__----__-_-_-_-__---_--_-_-___-__-_-___-__-
---____--___--_-_----_-----_--___-__--__--__-______--_--___--__-_--___--_
_-_--_---______--_-___--__-__--___--_---_-_____---_-_____-------__---__--
-___-___--__--__--__--_------___-_--_-__--__-_--_-____-_-___---_--__-_--_
__--___--_----____--___--_-_--_--___-______-_---_-____-_--__----_---_-_--
_-_____-_-____--__---_--_-_____--_----__-_---____--_-_-__----___--_---_--
-_-______-----_-__-_--_--___-_--__--_--_-_-_--_-__--__-_-_-___---_-_-_-__
___-_----____-____-___-__---_-_-__-_----__-___-_---_---_-----__-____---_-
---_--_-_-_---_-_-___-____-_-___--_-__-----____-__--_--_-_--__-_----_____
-_-__------__------__--_-____--_-___-_-__-_---__-___-__--_----_-______-__
_--__----_-_-_-_-_-___-_-___----_-____-__---__-___-___-__--__-_------__--
-___--_-__-__-___-_--_-___---__-____-_-____-------__--_--___--_-__---_---
--_-__-------_____-_-___-___-___--_-_--_-_-_-__-----___-__-_-__--__-_-_--
_-_-_-----_-_--_-_-____--_--_-_-_--___-----____-__---_-____--_-___-___--_
-_---____--__---_--____--_---___--__-___------____-_-_-__--_--_--_-__-___
__--__--____---___-_-__-___-_-__--_--_-__-_-------_____-____-_----_---_--
--------___-__---_--_--___--_-__-__--___---_--________-_-_--_--__--___-__
--__-______-_--__---_-_--_-__-___---__--_--_-__-__------_-__--___-_-_--__
_---_--__-____--__---_-_----__--_-____-_--__-__-_-_----___-----______--__
---_--_---____---___-___--_-__--_-___---_-_-_-________-__-__---_-_----_--
--_-_-___---__---_-_-_--_-______-_---_-_-_---__------_-___-_-__-_-_____-_
-_--__--_----_-_-__--__-_--_----___--_--______-_--_-_----__-____-__-_-___
--_--____-_-___-__-_____------_-______-_-__-_-___---_--_-_-_--___--------
--___-_-_-__----_____--__----_-_-_--__-_----_____---_--_-_-__--__-_____--
-_-____---___-__-___------____-___---_-__-_____-__-__----_-----__----__--
__--__--___---__-__---__---__--_-_-__-_---__----_-____--_____-__-___-----
-____----___-_-_-_-_---___-----_-__----_-_---___--__-_-_--______---____-_
-_-_-__---_-__-_-__-_--_--_-__--_--_-__-____-_-_--__--_---_--_--__-_-____
__---__---_-_--_-_---___-----___-_-_____--____-____-__--___---__-_--_----
-_-----_-___-_-__-__-_-_-----__--_-------_______-_---_-__-__--____-___-__
_--_-____-_-__-____--_-----_--_-_----_--__-___--__-______-_-___------_-_-
---___---_--_--_---_-__----__-___--__--___-_---___---____--_-__-__-___-__
_---_______--_---_--_-_--_______-__-_--_---___-_--__-----__--_---____--_-
__---_--_______-___-___----_-_____--_---_-__--_--_-__-__----_--_-_--_-_--
-___--_-_-__-_----_-----____-_______---___-_------_--__--__-_-_--__-__-__
-_--_--__-_---___--_--_-_______---__--___-__-___------__---_-_-__---_-___
_-_-_-_-_-_--___-_----_--____---__--____-_---_-__--_--__--__----___-__-__
_----__-_---__--____---____--_---___-____-_-_-__-__-----__-_-_-_--_--_-__
-__----_--__----_-_--__-_---__-__-_--___-__--__-_-_--___-__-_--_-___-_-__
_---_-___--__--_--_-__-__-_-_-_-_-__--_-_-_____--___----_-_--_-----_-____
_---_-___-_--____-_-----__-_---_-__--__-______---___---_-_--____-__---_--
-___--_-_-__-___---_-_-_____--_-_-____-----_--__--___-_--__-_----___--_--
-__-_--__-__-_-____-_-_----_______-_------_--_-_--_--__---_--__-___--_-__
_-_----_---___---___---_-_-___-__-_--_--_-_-_--___-_-____----_--_____--__
_--___-_-__--___-____-_-__--__-_-_--___-----___-_---_--__-----_----___-__
--_-_-__-_-_-_---__-_--_--_--___-_-__-__--___-__---___---___-_--___-__---
---_-_-_-----_-_-__-____-_____-----___-_-_--_--____-_-_---____--__---__-_
--___-__--___-__-_--___-_---_-----_-_-_--___---_--_____-_-_--_---___-_-__
---_--_____-__-_____---_-_-_-_--_-__-__--_--------_---__-_______-_-_--_-_
_--_-_-______-____---_--___--___--____---_-_-__-_--_--__-_--_--_--_--_---
--_--______-___-_----____---____--__-______------__--_-_-_---_---__--_-_-
-_-__--_---_---__--_-_---___--_____--______--__--__-_--_-__--_---___-__--
-----_---_-_-__-_-_-___--__--_--_-__-___--___-__-__----_--_-____---__-___
__--_-_----__---____-_-_-_--_----__-___-___--__-____-_-----____--_---_-__
___--__-___-_-_--___----_-_--____-_--_--_--__-__---_-_-___--_-_-____-----
-__-_-___--_-_-_---_______--_--_----_-_---_-_-__-___-_---__-__--___-_-_--
_-_-_--__---____----__--___-__--_--_--_______-___--_--_-_-----_---_--____
-_-_--_-__-_-______-__--__---_----__-_---_-__-_-_-_-___--_-_-----_--_____
--_-_______-------____-______-_---_--__-___--__--__---_-__--_------_-__-_
-_--_-_--__-__-__---_--_----___-___-______--____-_----__-_---_--_--__-__-
-__-_--_-_-____-_---_-_-_____--_-_____---__---_-------_______-_---__---_-
-_-_--_-_---____-__---_-__-_-__---__--__-___-_---__---__-_--__-_---_-____
-_-__----__-__-_--_-______-__-___-_---__--_----___-_---_---_-___-_--__-_-
_-----_--_-_-___--_-_--_-__-_-__-_--__-_------_--__-____---___-____-_-___
_--_-_-__-_-__-_-_--_-_-_-__---_-__--_-_-____--__----__--_-___-_--___-_--
-___-----_---__-______-_-_--_-_____----_____--___---__-__--_---__-_-_----
_-_--___-__---__-_--__-_-_-____------_-___-----__-______---____-___------
_-__-___--_-____--__--__-__-_----_-----___----__-____--_-___-__--_---__--
---__----_-------_--_--_-___-__-_--____-________----___-_-_--_____---_-__
_-_____-______-___-_--_-_---_--_-_---__-__----_--_---_-_-_--___---__---__
-_______-_--_-____---____-------___-_-_-_-_-__--_---__-__-_----_-_---_-__
_-_--__-_--__---_-_____-__--_--_-_-_-_--___-_----__-_-_-__---___---__--__
-----__---_---_-__--__--___-__-___------_--___--_--____-________---_-__-_
-____-___---_-_-----_-_-___-_--_-_______-_-------______-_-_--_-____------
----_--_-_--__--____---_--____--_-_---_--_-_-_______---_--__--__-___-_-__
____----__--_-__-__-_-__---___-_-_---___--_-_-_-____-___-----_-_---_--__-
---_---_-___-__-__--__-_____-----______-_--_-_--_-_---___-_-__----_-_-_-_
__-__---_-_-__---_-------_-____-_-_-___-_--_-__-_____--------____-___--__
-_--___---__--_--____-__-_-------__---__-__--_--__-__-_-__---_-___-__-___
_-__-__-_-___----_---__-----________-__------_-______-__-___--_-_---_----
--_-___--____-____----_-----___-__-----_-__----__--_--__-_-__-_-__-_-____
----____----_-_-_--__--_____-----__-__--_-----_______---_--____-_-_-_-___
___-_-__--_--_-_--__-----__-__-__-___-_-_-_-__-------__-__-_--_-_-_-_-___
_-_---____-____-______-__-_-_--__--__--_---_____-___-----__-_------_-----
_---_---__-_-__-_-_---_____--__---_---_-_--_-_-_-_-_-_____-_--__---____-_
----_---____--___-_-_--_-_------_-____--__-___----_-_--__--__-_________--
----___--_---____-___-_--_-_-_-_-____-_-__----_-___---___---_--_____-_---
_----_-_-_-_-_----_-_------__-_-_--_--_-_--___-___--_________-_--__-_-___
---______-_--_-__---___-_-__---_---__---__--__-_____-__---__-__--_-_-_---
-----_-_---_--_-__--__----___-______-__---__-_--_-_-_---_-___--_-____-___
_---_--___-_-_-_--_---__-_----___-_-_-_--___-_---______--_-___-_----___-_
--------___--__-__-____----__-----__--__-__-__-_-_-_-____-_--_--______--_
__------_---_____-___------_-__--__-_----_____------_---__________-_-___-
_-_-_-__-_--_--_--_____---____----_-___--_---_---_-_____---___-__--_-__--
_-_-_-__--_-_--___-_-_-_-______-_--___---_-----_-----_-_-_____-_-___-_---
_---_-_-_--__--_-__-_____-_-_--_-----__-____---__--__-__-_-_----__--___-_
___-__-___--_-_-_--___-_---___--____-_---___-_-_-__-___----_--_----_---_-
____--_---_---_-__-___---__---_-_-_--_-_--___-___-_--_-_--_--_______--_--
___-_-_-__---__--__-____-__---_--___--__--__-_-__-_--__--_-_-___-_-------
-----_---_--___--_________-_--__-___-__-____-----_--_---_-_-_-__--___---_
-__-___--___-_-_-___----_---_-___--_-----___-_--__-___---_-__-__-_-_--_-_
_---__--_--_--_____-_____----------___-__---__-_---__-_--____-_-_-__--___
_-_---__-__-_----__--_-----____---_----___--_-__-_-___-____-__-___-_---__
___-_-_-_-_-__-____--_----_--__--_-__-_-__-__-_--_-___--__-___-__--------
_-_--_-__-_----_--_--_-__---__-__-___--_-_-_-___-_-____--__--__-___-_----
-_-_-__-_-___--__--__-------_-------_-_-_-__---___--___-_-___-_____-_-___
-_-_--_---__---_-_-__-_-__----____-_---_-__----____--___-__-_-______---_-
-__-----_-_-_--_____-_---_-__-_---___-__--_--_---__-_-_-___---_--_____-__
--_----__--_--______--__-------_--_--__--_--__--_--____-___--_________--_
_--_--_--_-_---_-_-___________--_--__-_-----___-_--__-_-_---__-__-_--__--
_-_-_-_-__--_-----________---_-_--__--__--_-_---_--_-__--___-_-___-_--_-_
---_-____--_-___-_-_____--___-----_---__-_---_-___-----____--__-_---____-
--__-_---___--------__--__-____-___-___--___-__---__-_--___----_-_-___-_-
0020名無しさん@毎日が日曜日2019/05/10(金) 22:38:56.59ID:rTT7OWju
ホウヤと山頭火
あと…
砂嵐辞めろ
___---__-_---__--_-__-_-_-----_____-_--__-----_-__---______----_-_-__-___
__--__-_-_---_-___-__---__-_-_-_-__---_---__-_-_---_-------____-___-_____
__-____---_-_--__-__-___------_-_-__-_-__---_--______-___-_--_-__-_------
_-----_---_-___-__--__-_-______-__-____----_____----_----_---_____-_-_---
-_---___-_-_--____--__---___---___-__---___-----__---_____----___-_--_-__
-_----_-__-_-_--__-_--_-__---__--_--_-_---__-_-__--_-_-_____-_--_____--__
-_-___-_--_-_____-_---___---_-___----___-----_-----____---___---___--____
---__-___---_-_--_-_--__-_-__-_-__--__-----_-___---_-_-___--__-_-__-__-__
__-_--_-__-__-_____-___-----_--_-----_-_---_--___--__--_-__-__--__-_-_-__
-__-______-----___---___--_-_-----_____--_--_--__--_---_-__--__-_--__-___
-_-__----_-__-__-_----__--___--_--_-__-__--__--___--_--__-__-_---___--___
_-----___---______-___---_-____-_-____--__-___--__--___-----___-----_----
__--___---_--_--__-___-__----_----__-_____-_-_-_---_------__-_____--_-___
-_--_-_____-_---_---__-__----____-__-_---_-___-_-_-_-_----___-__----___-_
_-______-___--__--_---___-__---_-___-_----_---_-_---_-_------________--_-
_-_-__------_-_-_-_--____---_--___-_--_---_-___-__-__-_-_-_-_-_-_--____-_
______-_---___-_-_--_---_---__-_-___-_--______-__--__-_-_-_-__--_--------
_-__-__-_--___-___----_-___-_-_-_----_-__-_-_---____-________----_-------
____-_--_--__-______---_--_----_-__-_-__-___-_---_-___-_--_-_--------____
----_---____--__--__--____---__--_-__-_-_-__-___--_----_-__-__--______---
-_-_-----_--____---__-_-_-____--_---__---__--__-_-_____--_-_--_-__--___-_
-_____---__--__-__--_--__-----_-_---__----__--___---_-__-__-_--_____--___
-__-__--_-_-_----__-____---____-__--___--__----_--__--__--_--__-__-_--_-_
_--__-_-----____-_-__------_--_---___-__--_---__-_--_--____-________-_-_-
__--__--__----_---____--__--_--__---_--__-__-__--_____---__-__---_-___--_
_-__--__-_---_--___-_-_----__---_--____-_-_-_-__-_--___-__-_-___---_--__-
__-_-__-_-__-__-_-__-___----_--__--_---____--_-_____--_---_-_-__--__-----
---__-_----_-_-__-__-____-__-_-_-----_-__-___-_-___--_----____----_-___-_
-__--------_---_-____-__--__--__--_-___-_-_---_-_--___-__-__---__-__-____
---_-_---_---------___--___-_--_-_-__-_-___-__-_--____-_--_____-_-__-__-_
___--_-_-----__---_---_____--____---_______-_---___-_--__-----__---_--___
---_-__-__-------_---__-__-_--______--___-_-----_-___----__-__-____-____-
--_---______-____-------_-_____-_-__----_--_----_-_--_--____-___-__-_-__-
---_____-____----_-_---__-_-__-_---_--_--_-___--___-____--__--____-----_-
_---_--____-__--_---____-_--_-__-___---_-_----_----___--_-_-_-___-_--____
_----___--_--___-___-_-__-__--__-__---_--_-___-__---_-_-_--_--__-_--___--
____-________-_-_--_--_-___--_-----_---___--_-__----_-__-_-_-__---_-__---
_-___-____----____-_--__----_--__---_____-_--_-_----__--_--__-__-_-__--_-
-__---__-_--__---__-_---__-__-___---_---_-_-_---_-____--_-_--_-_-______-_
-__-_________-------__-_-------_--___-_----__--___---___--_-_-__-__--____
---_---___-_-_-_-_--__-____--_---_---_-__-__-__-_---_-__-_-_---___--_____
_-____--_---_-______--__________---_---_-_------_--_--_-_-_--_-__-_-_-_--
-__--_-__--_--_-__-___-----_-____-__-____-_-___-_--------__-_-____---_-_-
-_-___-_-__-__--_--__-_-----____--__------_-__-____--_____-_--____--_----
--__-_----_-_-_-__--_-_--____-__--_--_--_-_-_-___--___-__--_-_-_-_-__-_-_
_--_--___----_____--_-__--__---_-_____---_----_-_-__-___----_-_-___--__-_
-__--_--__-___----__-_--_-____-___----_-_--_-___--__-_---___-__-__----__-
---_-_-__-_____-_---_---__--__--__-----_-_--____--______-_-_-_--_-__-__--
____---_---_-__--___-__-__-_--_----_--___-__-_-_-___-_-_---__-__-__----_-
____---_--_------__-_-_-_--_-___-_----__-_-__-_-__-_-_-__-__-__---_-__-__
---_--___--_---__--__-______---________-_-___-_--_--_----____--_---_-_---
_--_-____--____---__-___-____--__-___-_-_-__----_-_-_-__---_-__----_-----
----_-__-__--__-_-_--_-_--____-_-__-_--_-__-__-___-__------____---_--_-__
-_--_-__--__---_-_-_---__--___-----___----___-_--__--_-__-_-______-_-__-_
__------____---_--___--_-___-__-__-_--_----_______---__-__--__--__----_-_
_-__-_--__---_____-----_--___---__-___-__--_-_--_-__-__-----_--______-_--
_--_--__-__--___-_-_-_-_-____--__---__---_-___--______-_---_-_---_---__--
_-___--__-_---__-_-___--_-__--_--__-___-_-_-_-_--_---__-___-_---__--_-_--
-____--_--___-___--_-_-__-_-_-__---_-___-_----____--__--_-_-----_-___-_--
__-____---_-_--_-_-__-_-_______-_______--------__----_---__--__----__-_--
-__-_-_--__-___-_--_-----__--____-_-_--___---_--_--__--__--________--_---
__-_-__--_-____---_------____---______-----___-__-_-___--__-_--_-__-----_
__--___--__--_-_-_-_____-____--_--_--_-_-----_--_--__-__-___----_-_-_-__-
_-___-__-___-_-----_-__--_-___-__-_----__--_-__--___-----__-__-_--____---
_--__--_--_-__----__-_____-_-__-__--_-___---__--_-_-_-__--__--_--_---_-__
_-_-_-----___-__-___---_----__-_--____-__--_-__-____-_____-_-_--_-_------
___-__-_-____-----_-_-_---_---____-_-___-_--______--_----__-_--___----_--
-___---_----_--____---_-_-_--_--____--_--_--__-___--__-______-_____------
-_-__----__--__-----___-_--__--_--____-___----_-____---__---_-__-____--__
--_--_-__-_---___---_--__-_-__--__--_--_--_____-_--_-__-_----__-_-__-____
___-_-__-----___-_-___-_---_--___---____---___---_-__-----__-__----_-____
_----____-___-_----_-__-_-__-__--__---___-_-___--__-_--___-_--__--_---_--
___--__--______-_---_-_--_-_----__--_-__-_--_--_--____----_--__-_-__--___
_-__----_______--__-_---_-----_-----_-___-_--__-_--_-_-____--_-_-___--___
-__--_-_____-___-_--_--_-_-__--_-__-_-___-_--___--_-__-__----___------_--
__-_-_-_--_-_---__-_____-__--_-___-___-__-_-___--__-_--_-_-------_-_--_--
__--___--__---_---_---____---__--_-__-__-__-___-_--_---_--__--_-_____-_--
__--_--_---____-___-_-__-__-_-_-_---_--_---__-__----_-_-___-__---_-_-__-_
---~--~~~~~~---~-~~~~~--~-------~--~~-~-~-~~-~~~~~-~-~-~~-~~------~~--~~~
~-~-~~-~~-~-~-~---~-~---~-~~~~~--~--~-~~~~~-~~~--~---~--~~~--~~----~~~---
~~~-~-~-~~-~~~-~~~--~~-----~-~-~--~-~-~---~-~-~-~--~~~-~--~~~--~-~---~~~-
--~~~~-~-~-~~~~---~~-~---~---~~-~-~~-~--~~-~-----~~-~---~~~--~-~~-~--~~~~
~~~~~~----~-~----~-~~-~-~~~----~~-~~--~~~-~-~-~~~~~-~~--~---~----~~~~----
-----~~-~----~~-~~--~~--~-~~-----~~~-~-~~~-~-~-~~-~~~--~-~----~~~~-~~~-~~
~~--~-~-~-~~--~~-~-~-~--~--~~--~~--~-----~-~-~~~~~~--~---~~~~~--~----~~~~
~~-~-----~-~-~-~--~~~~-~~-~---~~~-~~~-~---~-~-~~---~-~~--~-~---~~-~~~-~-~
--~--~~~~~--~~~--~~~-~--~-~--~--~----~~--~~~~-~-~-~-~-~--~~-~~--~-~~-~~--
~-~---~---~-~~---~~----~~~-~~-~-~~--~~--~---~~---~-~-~~-~~~~~~-~~~-~~--~-
--~~-~~~-~~-~~~~--~--~-------~-~~~-~-~-~---~~-~~~--~~-~---~-~~--~-~~~--~~
~~~-~~-~--~~~~~--~-----~-~-~~~~-~--~---~~~~~~~-~--~--~-~~--~-~~--~~------
-~~~-~------~--~-~----~---~~~--~~-~-~-~~~~--~-~~-~--~~~-~~-~~~~---~~~~--~
~~------~~~-~-~~--~--~-~~~-~~~~~~--~~~-~~----~~-~~~-~~-~---~---~-~-----~~
-~~~~~-~---~-~--~---~----~--~~~-~-~~~-~~-~-~-~~~~~~-~-~-~~~--~~~-----~---
~---~~~~-~~~--~-~-~---~~---~~---~~~~-~~--~-~--~-~--~~-~~--~-~~~~~~---~---
-~~~-~-~~~~~~~~--~-~~------~~--~~-~~--~~-~~--~-~----~---~-~-~--~~~~-~~---
~~-~~~-~-~-~--~--~--~~~---~--~~----~-~~~-------~-~-~~~--~--~~-~~~~--~~~~~
-~~--~~----~-----~-~-~~-~~-~~-~-~---~-~-~-~-~~~-~~---~~-~--~-~~~~~---~~~~
~~-~-----~--~~~~-~-~-~~~--~~~--~~~~-~---~~~~~-----~~--~~~-~---~~-~--~-~--
-~--~--~~~~-~~~-~-~~-~~~--~~~~~------~-~-~~~-~-~~--~--~-~-~--~~~~~-------
-~~-~--~~~--~~~~-~~-~~~~-~--~--~~-~~~~-~----~-~~-----~------~~~~----~-~~~
~~~--~~~-~~-~~~~~-~-~-~-~-~~----~~~--~-~~----~~-~---~--~--~~--~~~---~--~-
~--~~~~~---~---~-~----~----~~~---~~~~--~-~-----~~-~~-~-~~~~---~~~~-~-~~~~
-~~~-~---~~~--~~~-~-~~------~~-~~~~-~--~~~~-~~---~~~~--~---~~--~-~~~-----
~-~---~-~-~-~~~----~----~-~-----~--~--~~~~--~~~~-~~~~~~~-~~~-~-~-~-~-~--~
-~--~~~--~-~--~--~~---~---~~~~----~~-~~~~~~-~---~~~~~~--~--~~-~--~-~--~--
-~~~--~~~--~---~~~---~~----~~~-~~-~~-~---~~~~---------~-~~--~-~-~~~~--~~~
~----~--~-~~~-~-------~~~--~-~~-~-~~--~~~-~-~~~---~~-~-~~-~-~--~-~-~~--~~
---~~-~-~~~---~~--~~~~-~-----~--~~-~~-~-~~------~--~----~--~~~~~-~~~~-~~~
~~-~~--~~-~~~-~~-~-~--~~~~---~~-~~-~----~~---~~--~-~~-~--~-~~~---~-~-----
-~~~-~~~~~-~--~---~~-~~~--~~-~~---~~-~~-~~~-~--~--~---~----~~---~~-~-~---
~---~~--~-~-~~--~-~~~~~-~---~~-------~-~~~--~-~-~--~---~~~~---~~~~--~~-~~
~~~---~-~~~~~-~~--~-~--~-~---~--~---~----~~--~-~-~~~~-~---~~---~-~~-~~-~~
~~---~~~~~~-------~-----~~~~~-~~----~-~~-~-~~---~~~--~-~~-~~~-~~--~--~~--
-~--~~~-~--~~~---~~-~-~-~~~~-~--~--~~~-~--~-~--~~~~-~~-~----~--~--~--~-~-
~--~--~----~-~----~-~-~~~~-~-~-~---~-~--~~-~--~~~-~-~--~-~~~~---~~~-~-~~~
~--~----~-~~-~-~--~~-~-~~~-~~~-~-~-~~~-~~-~-~~~~-----~~-------~-~-~~~~---
~-~-~~-~-~~~~-~----~---~-~~-~--~--------~~----~-~-~--~-~-~~~~~-~~-~~~-~~~
-~~------~--~~~~-~~~----~-~--~~~-~---~--~~~-~~~~-~-~~-~~~~-~--~-~~--~----
~~~--~------~~-~~-~~~--~~--~--~------~~--~-~--~--~~--~-~---~~~~~~-~~~~~-~
-~-~--~~~-~~~~-~-~-~-~--~~~--~~~~--~~-~~--~---~~~~-~-----~--~--~~----~~--
~---~~---~--~--~~-~--~~~-~-~~--~-~~-~~~--~~---~--~~-~-~-~~-~~-~----~-~-~~
~----~~~~~~~--~-~~~-~~~~~-~--~--~--~-~-~~-~~-~~~--~~----~--~--------~~-~-
~~-~~~~~~----~-~~--~--~~~~--~~~-~-~-~--~-~--~~~~-~---~-~~-~--~-~-~-------
~~~-~~~~~~-----~--~-~-~--~~--~--~~---~-~~~~~-~-~-~~~--~~--~--~~---~--~---
~----~--~--~-~-~~--~~---~-~-~--~~-~-~~~-~~-~--~--~-~~-~~-~~---~~~--~~~--~
-~-~~~--~-~---~~~~----~-~-~~~~~~~-~~~~---~~~~-~~-~-~-----~-~-~-----~~----
-~~~-~-~---~-~-~-~--~-~--~~-~-~-~~~~~~~--~~~-~~--~-~~-~-~----------~~~-~-
~--~~~~~---~--~~~~~--~--~-~--~~~~-~-~----~~-------~~-----~-~~~~-~~~-~~--~
~-----~----~~~~--~--~~~--~-~~~--~-~-~~~-~-~~~---~---~~-~~-~---~~-~--~-~~~
~-~~------~--~--~~---~-~~~~~-~~~-~~--~~~~~~~--~---~~-~--~~----~~~~----~--
~~--~-~~~-~---~--~~-~--~--~--~~~-~~-~~~--~--~-~--~~-~---~~--~~~~~~--~--~-
---~-~~--~~~~--~~~~~--~-~~-~-~~-~~~~--~-~~----~~--~---~~-~-~-~~--~--~~---
-~~~-~-~~---~-~~~~-~~--~~~~~~~~-~----~~-~~~~--~--~----~~~---~----~~---~--
-~~~---~~~---~~~~----~-~~~--~-~~----~---~-~~~~~~~-~---~--~-~~~--~-~--~~-~
~-----~-~-~-~~~~----~~-~--~~~-~-~-~~-~~~-~~~~~~-~--~~--~-~-~~~~--~-------
~~--~~--~-~~-~-~~-~---~-~~--~----~~----~-~~~--~-~~~-~--~-~-~~~~~~---~~--~
-~-~~~-~-~~----~--~--~-----~~-~-~~--~--~~~~~-~-~--~~-----~-~~~~~-~~~~-~-~
----~~~~~~-~--~~--~~~~~~--~--~-~~-~-~-~~--~-~----~~~---~--~~~-----~~~~-~-
~~-~~-~-~-~~-~~~~-~-~~~---~---~-~~---~-~~---~-~~-~~-~---~~~~~---~-~~-----
--~--~~~-------~--~~~~--~~---~-~--~-~-~--~-~~~~~~-~---~~~-~-~--~--~~~~~~~
---~~-~~--------~~--~~~--~~~--~-~-~~~---~~-~-~-~~~---~~~~~~-~~-~-~-~-~~--
-~~~~~-~-~~~-~~--~~-~~~~-----~~---~-~~~--~-~-~-~--------~-~~-~~-~~-~~-~--
~~~~~------~-~~--~-~--~~~~--~~-~~~~~-~~---~~~~~~~--~-------~~-~~~-~------
-~--~~--~~---~--~--~-~-~~-~~--~-~~-~~~~-~--~--~~----~~~~~-~~---~~~--~--~~
-----~~---~~---~--~-~~-~~---~-~-----~~-~~-~~~-~~----~-~~-~~~~-~~--~~~~~~~
~~--~~-~----~-~-~-~-~---~-~--~-~-~--~~-~~~-~-~~-~~-~---~--~~~--~--~~-~~~~
~~---~--~~~~-~~~~----~-~-~---~~-~-----~-~~-~--~~~~~~-~~-~-~--~~~~---~~---
~~--~----~-~~-~---~~-~----~-~~---~~~~--~~-~~--~~~--~-~-~~-~-~~---~~~~-~-~
---~~-~-~~-~--~-~~~~-~~-~~~~--~~--~---~~-~-~----~-~~~-~~~~~~------~-~-~--
~---~--~-~-~-~-~~~~-~--~~-~~~------~~---~~-~~~-~~----~-~~~~~~-~---~-~--~~
---~~~--~~---~~~----~-~--~~~~--~~---~~~~-~~-----~------~~~~~~~~--~-~~-~~~
-~~--~--~~-~-~~-~---~~~~--~-~--~~--~-~--~~-~~-~~--~~~---~~--~--~~-~~~~---
~---~-~--~~---~-~~-~~~-~~----~-~~~-~--~-~-~----~~-~-~~-~-~----~-~~~~-~~~~
~-~~-~--~~~-~-~--~~-~-~~~-~-~~--~-~-~~---~~------~--~-~~---~~-~-~~~~~---~
--~~~~~~-~~-~---~-~-~~-~~~~----~--~--~--~~~~~~~~---~---~-~--~~~---~~--~--
-----~-~---~-~~-~---~~~~-~---~~~--~~~~-~~~-~~~-~~~-~--~~-~-~~-~~-~----~--
--~~~--~~~~----~--~--~--~-~~-~~~~---~~-~~-~--~---~~~~~---~~--~-~~-~~~--~-
~-~~---~~-~--~-~~~-~-~---~~~---~-~-~~~----~~--~-~~-~~~~~---~~---~--~~-~~-
-~-~~~--~--~--~--~--~~-~--~-~---~-~~~~---~~-~~~~-~--~~--~-~~-~~~~-~--~--~
~--~~~-~--~-~~--~-~~~--~~-~-~---~-~-----~~--~~---~~--~~-~~~~-~-~--~~-~~-~
~---~-~-~---~~~~--------~~--~~--~-~~-~~--~-~-~~~-~--~~~~~--~-~-~-~-~-~~~~
-~~~-~--~~----~-~--~-~---~~~-~-~~~~---~-~~~-~-~-----~~-~--~~~~~-~-~-~~--~
~-~---~----~~~-~~-~~-~~~-~-~----~--~~~~~~~~--~~-~~~~----~~~~~--~-------~-
~~-~-~~----~~---~~~~~-~~~-~--~----~----~--~~~---~-~~-~----~~~--~~~~~~~-~-
--~~~~--~-~-~-----~~~~~~----~--~-~~~--~~~~-~~~~-~-~~-----~--~~~-~~~--~---
-~~--~-~~---~-~-~~~--~-~---~-~-~-----~~~-~~-~-~-~---~~~~-~~~~~~~~--~-~---
~---~-~~~~~~~-~~~~~~~~-~-~--~-~-~~~-----~--~--~-~~--~--~-~~------~-~--~-~
--~--~-~~~-~~~~-~-~~-~-~-----~~~--~~~---~~~---~-~-~-----~~-~-~~--~~~--~~~
~-----~---~--~-~-~--~--~--~--~~~-~~-~~-~-~~~~~----~--~~--~-~~~~~-~~~-~-~~
~-~~----~~-~---~~~----~~~~~~~~-~-~~------~~-~~~~~--~-~-~---~~~~~-~----~--
-~-~-~---~~~~~-~~-~--~-~~~-~~--~--~~~---------~~~---~~~--~-~-~~---~-~~~~~
-~-~~-~--~~-~--~~--~~~~---~~-~~~~~-----~--~~-~~--~~--~~~--~-~--~~-~~--~--
~~~--~~-~---~--~-~~~----~~---~--~-~~~---~~-~~--~~~~-~-~~-----~~-~-~~-~~-~
~~~----~---~-~~~---~~-~-~~~--~~~-~~--~~~~--~-~~~~-----~-~~--~~----~-~--~~
~~~--~~~~-~--~---~~~-~~~----~~--~~-~~~-----~-~-~~-~~---~--~~---~~~~--~~--
---~~~~~~-~~~~-~--~---~~~-~--~-~---~~-~-----~~~---~~~---~~---~~~~----~~~~
-~~~---~~-~~---~~~~-~-~~~--~~~-~~~-~~--~-~~----~-~---~---~--~~~--~~-~~---
~~---~~-~~~~~--~-----~~--~-~~-~-~~----~-~~~--~~-~--~-~-~~--~~--~~--~-~-~~
--~---~~-~~~--~--~-~~~-~~~~----~--~~--~~-~~~~~~-~~---~-~~~-~--~---~-~---~
----~-~-~~~-~--~~----~-~~~--~-~-~----~-~~-~~-~~-~-~-----~~~~~-~~~~~-~--~~
--~--~~-~~~--~~-~~-~----~---~~~-~~-----~~~~--~-~~-~~~-~--~--~--~-~~~~-~-~
~~--~--~~-~~~~~-~~-~~-~~--~~---~~-~~~~----~~-~~--~--~--~~----~-~-~-~-~---
-~~-~~-~--~~-~~-~---~--~~~~--~----~~-~-~-~~~~-~~----~~--~~~~~--~-~~----~-
--~~----~~~--~~~--~-~---~--~~--~~-~-~~--~--~~~--~~----~-~~~~~-~-~~~~~~---
~~~~----~~--~---~---~~--~~--~----~-~~~~~-~~~~~~~~~--~-~~~~---~-~--~~-----
~~~~~~~~-~~-~~-~~-~--~~---~----~~----~--~--~~-~-~-~-----~~~-~~--~~-~~-~--
~------~-~~--~--~~-~---~-~-~~~--~--~--~~--~-~~-~~--~--~--~-~~~~~~-~~~~-~~
~~----~-~-~~---~~-----~~~~--~---~~----~~~--~~-~---~-~-~~-~~~~-~-~-~~~~-~~
~-~----~~~~-~~-~~~--~~~~~~~--~~--~----~~-----~~-~~~--~-~~-------~--~~~~-~
~~-~-~~-~~-~-~~~-~~~~~~~-~--~~~-~--~---~-~~-~~~-~-------~~~~-~----~------
--~------~~~---~~-~~~--~----~~~~~-~---~-~-~~----~~~--~~--~~~~~-~~~~-~--~~
---~--~-~-~---~~--~~~-~--~-~~--~~--~--~~-~-~-~-~-~~~~--~-~~-~--~~-~~-~~-~
~-~~~-~~~------~-~------~---~~-~-~--~~--~~-~-~-~~-~-~~--~-~~-~~-~~-~~~-~~
--~-~~-~~~~--~--~----~~-~~~~-~-~~~--~--~~---~~~~---~-~~--~~-~---~--~-~-~~
~~---~-~~~-~--~---~-~-~-~~--~-~-~--~~---~--~~~~--~~~--~----~~--~~~-~~-~~~
~~-----~-~~--~-~~-~-~--~--------~~~--~-~~---~~-~~~~-~-~~-~--~-~~~~~~--~~~
-~-~~~---~~------~~~---~---~---~~--~~-~~---~-~~---~-~~~~~--~~--~-~~~~~~~~
~------~~~~-~~~~~~--~~-~-~-~--~---~-~-----~~-~-----~-~-~--~~--~~~~~~~~-~~
------~~~~~---~~~~-~~--~~~~~~-~-~~-----~-~-~---~-~--~~~-~~-~~----~-~~-~-~
-~~~-~---~~-~~---~-~-----~~----~~~-~~~~~-~-~--~--~--~-~~~~--~--~~~~-~--~~
~~~---~--~-~--~~~~--~--~~---~~---~--~~~---~--~-~-~~~~~~-~~~--~----~-~-~~~
~---~~-~-~~-~~--~~~~~~--~~~~-~-~-~--~~~~~~------~~~~~-~----------~-~-~~--
---~-~----~~-~~~---~--~~-~-~~-~~---~~-~~--~~-~----~-~~-~~-~~~~-~~-~~~---~
~-~-~--~~~-~~-~~-~~--~~-~-~----~~~~~~~--~-~-~~~~---~~~-~~-~~--------~----
~-~---~-~-~-~----~~-~~--~--~~--~-~~-~-~-~~~~~~--~-~~--~~~--~~~---~--~~-~-
--~--~~----~~~~-~~~-~~-~~~-~~~~-~~~~-~-~---~-~----~~---~----~~~~--~~~----
---~~~~~---~~-~~-~~-~--~-~-~------~~-~~--~~~--~~--~-~--~~~---~-~~~~~~-~--
~~--~~~--~-~-----~~~~~~~-~-~~---~~-~~--~-~~-~--~--~----~--~~~-~-~~--~--~~
-~~~-~~-~-~----~~~------~~--~-~-~~----~~--~~-~-~-~-~~--~--~~-~-~~~~~--~~~
~~-~-~~~~~--~---~----~-~~~--~~--~-~--~-~~~~-~~--~--~~~~~----~~---~~--~-~-
~~----~~~~--~~-----~~-~--~---~---~~~~~~~--~~~---~----~-~-~~~-~--~-~~-~~~~
-~-~~------~~--~~~~-~-----~--~-~-~---~~-~-~~~-~~--~~~~~--~~----~-~~~-~~~~
---~-~~----~-~~---~-~-~~--~--~---~--~~~~-~~~~~-~-~-~~~-~~--~--~~---~-~~~~
-----~~--~---~~-~-~~-~~~~-~-~~~-~--~---~~-~--~--~~~~~---~--~~~~--~~~~--~-
~~--~-~-----~----~~~~-~-~~--~~---~~~--~~~--~~--~-~~--~--~~~~--~~-~-~~--~~
~~---~~~-~----~---~~~~-~-~~~~-~----~--~-~-~-~-----~-~~-~~~--~-~~~~-~--~~~
---~~~--~---~~-~~~-~----~~~--~-~---~~-~~~~-~~~~~~----~~----~-~--~-~~--~~~
----~--~~~~~--~~-~~~-----~~~~~~--~-~-~-~~----~~~~~~--~---~--~--~~----~~~~
~~~---~-------~-~---~---~~-~-~~~~~-~~-~~-----~~~~-~~--~~-~~-~-~~~--~-~~-~
-~~-~~~--~~-~--~-~---~-~~--~~-~~~--~---~-~-~----~~~-~----~--~~~--~~~~~-~~
~~~~~~-~-~~~~~--~~-~---~-~--~--~-~~~---~~---~~-~-~--~~~--~~---~-~--~-~---
---~~-----~--~~-~--~~~--~~~~~----~~---~-~---~-~~-~-~--~~~~--~~~-~~--~~~~~
-~-~~~-~--~-~-~~~~----~~-~-~~-~-------~~-----~~~~-~~~~--~-~-~-~-~~-~~~~--
~-~---~~-~~~~~~~~--~~~-~~~----~-~~--~--~----~~-~-~--~~-~-~--~-~-~~~---~--
--~~--~~~~-~-~~~---~~-~~-~-~~-~~~~---~-~-~~-----~-~~~~~-~-~--~----~~---~-
~--~~~---~~~-~------~~~----~~~--~~-----~~--~-~~~--~~~-~~~~--~~--~~---~~~~
--~~-~~~~--~~~--~~---~~~~~~~-~----~~~-~-~-~~-~~~---~----~--~~--~-~---~-~-
~---~~-~~-~--~-~--~~~~-~~~--~~~~--------~-~-~--~~-~--~~~~---~~-~~-~--~~-~
~--~-~------~~~-~~--~~-~-~~~~-------~~~~-~--~~-~~--~~---~~-~~-~--~-~-~~~~
~-~-~~---~~--~----~-~~~~~~-~~~-~~~-~~~-~-~-~--~~~~-~-~~-~-~---~---~------
~--~~~~----~~---~-~~~--~~~~--~-~--~-~----~-~~-~--~~~~---~-~~-~~-----~~~~~
--~--~~-~-~~-~~--~~~~~~~---~~---~--~-~---~---~~---~~~-~~-~~-~~~-~~----~-~
-~~~-~~~~~~~-~~---~~~----~~-~-~~---~~-~~~-~~-~-~~~-~----~--~~-----~~-----
~--~-~~~~-~~~~~~-~~---~---~~~~~~-~~-~-~--~-~-~~-~--~---~-~------~~~-~----
----~~-~~-~--~~~~~--~-~~~~-~-~~~---~~~----~~~---~~-~-~-~----~-~-~-~-~~-~-
~~~~-~~-----~~~--~~-~~~~-~-~~-~~~----~----~-~--~~----~~-~-~~-~--~~--~~~--
~-----~---~~---~~-~~---~-~----~-~~--~~~~~~~-~~----~~~-~~~-~-~~-~-~-~-~~-~
~-~~~--~--~~----~~-~~~-~~---~-~~~-~--~-~-~-~~~----~--~~-~~-~~---~--~-~-~~
~---~~-~-~~~~--~~--~~~----~----~-~~-~-~~--~-~~--~~~-~~~--~~-~-~-~-~-~-~--
~-~--~--~--~~--~---~--~-~~~---~~~~~---~---~~--~~~~---~---~~-~~~-~~~~-~-~~
----~~--~~~----~~~~~~--~--~---~-~~-~~~---~~~~~~~~-~--~-~~~-------~--~~-~~
~------~~~~--~-~~-~~~~-~~-~-~-~--~~~~~--~-~~~~-~--~~~-~-~---~-~---~--~---
~--~~~-~~---~-~~~~~~~~-~--~~~-~----~--~--~-~~~~~-~-~--~---~~~~-~-----~---
--~~~~~~~~--~~-~~-~-------~~---~~-~--~~~-~~--~~~~--~----~~----~~-~-~-~~-~
~--------~~~-~~~--~~~~-~~~--~~~-~~~-~-~~~-~-~-~-~-~---~~~--~~--~~-----~--
---~-----~--~~-~~--~~~~-~~~-~-~--~-~~~~~~~---~--~~~-~-~-~~-~-~-~-----~-~~
-~~~--~~-~~~~---~----~-~~-~~-~-~-~-~~-~---~~-~-~--~--~~----~~~~-~~----~~~
~---~~~-~-~-~-~~--~------~----~-~~~-~~~-~~--~-~~~~--~~~~--~-~----~~~-~-~~
--~--~~---~~~--~--~--~~-~--~-~~-~~-~~---~~~~-~~--~~-~-~--~~----~-~~~~-~~-
-~~--~-~~------~-~--~--~~---~-~-~--~~-~~~~~---~---~-~~~~~~--~~-~~~~-~--~~
-~~-~---~-~-~~-~~~~--~-~~-~~~~-~-~~~~--~---~~--~---~~-~-~~----~~----~-~~-
--~~~--~-~-~---~~---~---~--~-~~-~~~-~-~-~-~-~-~-~-~--~-~--~-~~-~~~-~-~~~~
~-~~-~-~~--~~-~~~-~~-~~-~~~~----~----~~~-~--~---~~---~~-~~-----~~~--~-~~-
--~~~~---~-~~--~---~--~~~~~--~~--~-~--~-~--~~------~-~~-~~-~~~-~-~~--~~~~
------~~-~-~~~-~-~~~~-~~----~-~-~~---~~~-~---~-~~-~~-~---~-~-~~-~-~~~-~-~
--~~~-~-~--~~---~--~-~---~-~~---~-~-~~~~-~~~-----~-~~-~~-~~-~~-~~~-~--~-~
-~----~--~~~~~~-~~~~~--~~--~~~~-~---~---~~~~~~~-~--~---~~-~-~--~---~--~--
~--~~--~-~-~-~~-~~-~-~--~-~----~--~~-~---~~-~~-~-~~-~-~----~-~~~-~~--~~~~
~~~~-~--~~--~-~~-----~~~~~--~~--~-~~-----~~~~~~~~--~~---~~~--~~-~----~---
-~--~-~-~~~~--~-~----~~~-~~-~-~~~~~~------~~-~~-~-~-----~-~-~~--~~--~~-~~
~-~~~---~~~~~--~~~--~-~--~~~-~~~-------~----~~~~-~~~-~-~-~-----~~--~~-~-~
--~~-~-~--~---~-~~~~-~---~--~~~-~~~~-~--~-~~--------~~----~~-~~-~~~~-~~~~
~~-------~~~~-~-~---~-~--~~~----~--~-~-~~~---~~~~~~--~-~~-~~~~~---~--~~~-
-~-~----~~-------~-~--~~~---~~~--~~~-~-~~-~--~-~~---~~--~~-~~--~~~-~~~~~~
-~-~---~---~~-~~~~-~~-~~~~~~~~~-~---~--~---~--~--~~-~~~~~~---~-----~--~~-
-~-~~~~--~-~-----~~~~~~~~-~--~-~--~~---~-~~-~~~~~-~-~~-~~-~---~~--~------
~~~--~~~~---~~~---~-----~---~----~-~----~-~~~---~~~~~---~-~~~-~~~~~~--~~~
-~--~-~-~--~-~~~---~--~~~~-~~~~~-~~~~-~-~~---~-~--~---~---~--~~~-~~~----~
---~~~-~-~-~-~---~~--~-~~~--~~----~~-~-~~~~-~~--~-~-~~-~---~--~~--~~--~~~
-~~~-~~--~~~~-~~~---~~-~-~~-~---~--~---~-~--~--~--~--~-~~~-~~-~-~---~~~-~
~-~~-~~~--~-~-~~-~--~-~-~~-~---~-~~~~~-~-~~--~---~~~-~-----~-~~--~~---~~-
~~~~~~~~~--~--~~~-~~-~~~--~----~-~--~~--~---~--~--~-~--~~~---~-~-~--~--~~
-~~~~~~-~----~-------~-~~--~----~~~~-~~~-~-~~~--~--~~~-~-~~~--~---~-~-~~~
-~-~~~~-~~-~~~-~-----~-~~--~-----~~~-~-~-~-~~~~~~-~-~---~-~-~---~~~-~---~
~--~~-~-~~~~-~-~---~-~----~~~~~-~---~~~~--~~-~-~~---~-~~----~~~---~-~--~~
~~~---~~----~----~-~-~-~~~~-~-~~--~--~~~~-~~~~-~~~~-~-~-~------~~-~~-~---
-~~~~-~--~-~~~-~~---~~~-~----~~~---~-~~~-----~-~~-~--~-~~~-~-~~--~~~---~-
~--~~~~~~--~---~---~~-~~--~~~----~-~~----~--~~~-~~~~-~--~~~~~~--~--~---~-
-~-~~~----~~~~~-~~~-~--~~-~-~~~---~-~~~~-~-~--~--~~~-~--~~-~-~~-~--------
~~-~-----~~-~~~~--~-~-~~-----~--~~~----~~----~~--~~~~~--~~-~-~-~~-~~--~~~
~~~~--~~~--~~~~~~~~~~-~--~-----~-~-------~-~~-~--~~-~~--~~~-----~--~~-~-~
~-~~--~-~~---~--~~~-~~--~-~-~--~-~--~~~-~~---~-~~-~~~-~~--~~--~--~~~--~--
---~-------~~--~-~~-~--~-----~~~-~~~-~-~~~-~~-~~-~~~~-~--~~~----~~~~--~~~
~--~~~--~~-~--~---~------~~-~-~~~-~~~~~--~~~~---~-~--~~-~-~~~-~-----~~~~-
~~~~~-~----~~---~~~~--~----~-~~-~~---~-~--~---~~---~-~-~~~--~~~~-~-~~~-~-
---~~-~-~~~~~~~-~-~~---~-~----~-~--~~-~-~--~~~-~~--~~~~-~---~-~~-~-~----~
---~~~-~~---~-~-~~-~~-~~---~~~~~-~-~---~-~~~----~-~~-~-----~~---~~--~~~~~
--~--~~-~----~~~~-~----~~--~-~---~-~~~-~--~~-~~~~---~-~~-~-~---~~-~~~-~~~
-~-~~-~~~~-~-~-~~~---~~---~--~~~~-----~-~~-~~~-~~~~-~~~~~-----~-~-----~--
~-~~~--~-~~---~----~~~~~-~--~~--~--~~~~~---~--~~~~--~~--~---~-~~-~-~-~--~
~-----~-~-~--~~---~---~--~~--~~~---~-~~~~~-~-~--~~-~-~-~~-~--~~---~~~~~~~
~-~---~--~~~-~~-~-~-~~~--~-~~~~~~~~-----~---~-~~-~~~-~~---~---~-~~---~~--
~~--~~-~-~~-~---~~~-~-~~~--~~--~~-~-~--~---~-----~-~~--~~~-~~~--~~-~~-~--
~~--~~~-~~~~~~--~~~~~~---~-------~~~----~~-~~-~~--~~~~-------~~-----~~-~~
~-~---~~~----~-~-----~-~~-~~-~-~~--~~-~---~-~-~~-~~-~~-~~~~-~~--~~~----~~
~---~~~~~-~~~---~-~----~--~----~-~~~~-~~~~~~-~~-~---~--~--~----~~~~---~~~
-~~~---~-~--~~~-~-~~~--~-~------~~~~-~~-~~~-~~~-~--~-------~~~-~---~-~~~~
~--~-~-~~-~~~-~~~~~~-~-~----~~-~---~---~-~~------~---~~-~~~-~~-~~~---~~-~
~~~~--~~-~~~~~--~~~-~~----~-~-~~~~~-----~-~--~~---~~-----~-----~--~~~~~~-
~----~~--~~--~-~--~---~-~------~-~--~~-~~-~~~-~~~~--~~~~~~~---~-~~~-~--~~
-~-~~~-~~-~~-~---~-~~--~~~~~----~---~--~~~--~------~~-~--~-~-~~~~-~~--~~~
---~-~~--~~-~---~~-~-~-~-~~~---~~-~~~-~~~---~~---~~~--~--~~-~----~~--~~~~
--~~~-~~~--~-----~---~~~~-~~~-~~-~~----~~~---~-~~~~~-~-~~------~~~~-~~---
~-~~-~~~-~~~~~--~-~---~-~---~~-~~--~--~--~---~~~----~~--~-~~--~~-~--~~~~-
~---~--~~~~~--~-~~-~--~--~-~~~~~~---~~~~-~-~-~~-~~~---~~---~~-~-~~-------
-~~-~~--~~-~~~-~--~--~~~~-~~~~---~--~-~----~~---~----~-~~-~~-----~~-~~~~~
-~~-~-~~--~---~----~-----~~--~~~--~--~~-~-~~~-~---~~--~~~~~--~--~~-~~~~~~
~~~-~~~~-~---~~~~~--~~~-~--~--~~~----~-~----~-~-~---~~----~-~~-~--~-~~~~-
---~-~~-~-~~~-~~-~-~-~~~-~~--~~~---~~~~-~---~~~---~--~-~-~--~~~~---~---~-
---~--~----~-~~-------~~-~-~--~-~--~~~--~~~~~~----~-~~~~~~--~~~~-~~~--~~~
--~~~--~~~--~-~~~---~~-~~----~---~-----~~~--~~-~--~~~--~~~~--~--~~--~~~~~
~~-~---~-~~-~-~-~-----~---~--~--~----~---~---~~~~-~~-~-~~~~~~~-~--~~~~~~~
-~~--~-~~-~------~~--~~~-~~-~~--~~~~----~~~--~--~~-~~~-~~-~~---~~--~~~---
-~-~-~-~-~~-~----~-~~--~-~---~----~~~------~~~~-~~--~~-~--~~~~~~~~-~-~~-~
~----------~~~~-~-~--~~--~~---~-~~-~--~~-~~~-~~~~--~~-~--~~---~~---~~~~~~
~--~--~~~-~-~---~-~-~~~-~~-~~-~~--~--~~----~-~~~-~~--~~~-~~~-~~-~-~------
~~----~~-----~~---~--~~--~----~~~~~~~------~--~~~-~-~~~~~~--~~-~--~~-~~~~
-~-~~~--~---~-~~----~--~~~~~-~~--~~-~-~-~~-~-~~~-~-----~~-~----~~-~~~-~~-
--~-~-~~~~-~~---~~--~~~~~-~---~-~~~~~~-----~~~----~~----~~--~~-~---~-~-~~
~-~-~-~~---~-~~~-~~~-~~--~~-~~~~~--~~~-~~~~--~~---~--~~~----~---~~-------
--~--~~-~~~--~~~---~~----~-~~~-~-~~-~----~-------~~~~~~~--~-~-~~~~~~---~~
~------~~~~~---~~~--~--~---~--~-~~-----~---~~~~-~~~~~-~--~-~-~~-~~-~~~-~~
~~~~~~~--~~~~~--~---~-~-~-~--~-~-~-~--~-~-~----~~-~-~--~~-~-~~-~-~-~--~--
--~~~~~~~~-----~~-~~~--~~--~~~--~--~~---~-----~---~~~~--~~-~~~~~--~-~--~-
---~------~~~~-~-~--~~-~------~-~~~---~~~~~~~~~---~-~--~~-~~--~-~~~~~~~--
~--~-----~-----~~--~~~~--~--~~~~~~~----~~~~~~~~--~~~----~-~--~~~~---~-~-~
~~-~~~~-~--~---~~~-~~------~-~-~~~~~-~--~-~--~-~-~--~~--~~~~~----~~--~-~-
--~~-------~-~~~-~-~~----~~-~-~-~~--~--~~-~~~-~~--~~--~~-~-~~~-~~-~~~--~-
--~--~~--~~~~~---~~~~~~~----~~-----~------~~~~--~~-~--~~~-~--~~-~-~~~--~~
-~-~~~-~---~-~~--~~~------~~-~-~~~~~--~-~~~-~~~-~~-~~------~~~--~--~~-~--
----~~~~-~~-~~~-~~~~~-~-~~~~-~---~~~~-~~~~----~--~~-~---------~~-~--~-~--
--~~--~--~-~~-~~-~~--~~-~--~--~~~~-~----~-~~~~~---~~--~-~~~~~~~-~----~---
--~~---~--~--~-~-~-~~~~~----~~--~~-~-~---~~---~~--~~~-~~--~~~-~~-~--~~-~~
~-~----~~~-~~~---~--~~-~~~-~----~-~~-~-~~~-~~-~-~~~~~~~~~---~--~--~------
-~~~-~~------~~~-~--~~~-~--~~~~~~---~--~~~~--~-~-~~-~~----~~--~~-~~--~---
~----~--~~-~--~-~~~~-~--~-~~~~--~-~-~~-~-~---~~--~-~~-~~~--~-~~~---~~~---
~~~---~---------~~-----~--~~--~~~-~----~~---~-~~-~~-~~-~~~-~~~~~~~~~-~~-~
~-~---~~~--~~~~~-~~-~~-----~-~--~---~-~-~~~~~--~-~-~--~-~~-~~~-~-----~~-~
~~~-~-~---~-~~-~--~~-~--~-~~-~---~--------~~--~~-~~~~~--~-~~---~~~~-~~-~~
~-~-------~~------~-----~~~~~-~~-~~--~-~~~-~-~~~~~~~~~----~~~~~----~~--~~
~--~--~~~~~~---~~--~--~-~~~-~~---~-------~~--~--~~~-~~-~~-~-~-~~~~~--~--~
~~~~-~~~~-~-~-~--~-~~-----------~-~-~~--~---~-~~~~~~------~~~-~~-~~-~-~~~
~~-~~~--~-~~-~---~--~~--~~-~~-~--~-~----~--~---~-~~~~~-~~~~---~--~-~-~~-~
~~~--~~----~-~~--~-~---~~-~~-~~-~--~~~-~~-~~~-~~------~-~-~~--~-~~---~-~~
~---~~~~~--~~~-----~~~--~--~~--~~~--~~---~~----~-~-~---~-~-~-~~~-~~-~~-~~
~~--~~~~~~~~---~~--~~---~~--~~~~~~-~--~-~~~--~-~-----~~~~-~~--~----~-----
---~~~--~~~-~~~~-~---~~-~---~-~~~~~--~~~-~~~-~~--~-----~---~~-~-~~---~-~-
-~~--~~~~~---~~~--~~-~--~-~-~-~--~-~--~~-~~~-----~~~-~--~~~--~-~-~-~-~-~-
~-~~-~~~--~-----~~-~~~--~~-~-~~~~~~~~-~~-----~------~--~~~-~~----~~~-~~--
-~~-~~~~-~~-~-~--~-~--~-~~~-~--~~~~---~----~~~--~~~--~~--~~-~-~--~--~--~-
~~~--~~~~-~~-~~-~~-~---~--~-~~---~~-~~--~~---~~--~~-~--~~~-~--~-~--~-~---
------~-~-~~~-~-~~~-~-~~~~---~--~~-~-~~~~-~--~-~~-~~---~-~-~~-----~--~~~~
~-~---~-~~~-~~--~-~---~~~-~--~--~---~-~~--~-~~-~~-~~~~~-~~~-~~~---~-~----
~~------~-~~~~---~~-~--~~-~~-~--~-~-~-~~~--~~~~-~--~---~~~~-~~-~-~--~---~
--~--~~--~~-~--~-~--~-----~~-~~-~~~-----~~~~~~-~~-~-~-~~----~~~~~~~-~-~--
~-~~~------~-~~----~~~~--~--~~~~~~-~~~-~-~~-----~~--~-~~--~~~~-~-~--~~---
~--~~-~--~---~--~~------~~~~~~-~~-~-~--~~----~~~~~-~----~~--~~~---~-~~~~~
-~--~~~-~~-~~--~~-~---~--~-~-~--~---~-~~~~~~--~~-~-~-~~~~-~-~---~~~---~--
-~----~~~--~~~~~~~------~~~-~~~-~~~-~--~--~~-~-~--~~~-~-~~~-~~-~--~------
~~--~~-~--~---~~----~-~~~~-~-~--~~~~--~~~~--~~-~--~---~~---~~~-~~~-~~----
~-~~~~~--~~-~~~----~~-~-~-~~----~~---~~-~-~~~-~~-~-~~---~~------~--~-~~~-
~~----~--~~-~~--~--~~--~--~~~~-~~~-~-~----~~~~~~-~~-~~---~~~---~~--~---~-
~---~----~--~~~-~-~~--~~-~---~~~----~-~--~--~~~~----~~~-~~~-~~~-~--~~~-~~
-~---~-----~-~~~~~-~-~~~---~--~-~~~~~~~-~-~--------~-~-~~~~---~~~---~~~~~
~~----~-~--~--~-~-~-~~~~~-~~~-----~~-~--~~-~-~--~~~-----~-~~--~-~~-~~~~~-
-~-----~-~--~---~~~~~~~--~~~-~~-~---~~~-~~--~--~~-~-~~--~-~~~~~~--~-~----
----~~-~--~~-~~-~--~-~-~~-~----~~-~-~~~----~--~~--~-~--~~-~-~~-~~~-~~-~~~
~-~--~~-~-~-~~-~------~--~~-~--~~~-~~~-~~~~-~--~-~-~--~~---~~~-~~--~---~~
---~-~~~-~~~--~~~------~-~-~~~-~---~---~-~~----~-~~~-~~~--~~~----~~~-~~~~
~--~----~~-~-~~~~~~-~~--~~~~~--~--~~-~-~-~--~~--~---~-~---~~~--~~~-~~----
~---~~-~~~~-~~-~--~--~--~~~----~~~---~~~-~-~~-~~-~-~~--~~~-----~-~~-~-~--
-~----~~~-~--~~---~-~--~~-~--~-~~-~---~-~~~--~~--~~-~~-~-~--~-~~~-~-~~~-~
~~~~--~--~-~~~~~~---~-~----~~~---~--~--~~~~~-~-~~-~-----~~-------~~~~-~~~
--~-~~-~----~~--~-~~-~~-~~~-~--------~-~--~~~~-~~~~-~---~~~~~-~~~-~-~~---
~~~---~~~-~-~-~---~----~-~~-~-~----~~-~~~-~~~-~~-~-~~~---~-~-~-~~--~~--~-
-~~~~~~----~-~--~-~-~~~~--~--~~~~~-~-~----~~~----------~--~~~-~~~~-~-~-~~
~~-~~~-~~~--~~--~~~~-~-~~--~~~--~-~-~~~--~-~-~-~-~~-~---~---~--~~---~----
---~~--~--~--~--~~~~~~~~~~--~~--~~~~---~--~-~----~~~-~-~~~~---~---~~~-~--
-~~~--~~--~-~~~--~-~~--~~-~~~--~~---~~--~~~~--~--~---~-~-~---~-~~~--~-~-~
--~-~--~~~-~---~~~~-~------~~--~~--~-~--~~~~~~-----~-~~~--~~~~~---~~~--~~
~---~~~~~---~~~-~-~-~~--~-~--~~~--~--~~~------~---~-~--~~-~-~~-~---~~~~~~
--~~~~~~~~~---~~~-~-~-----~~~---~~~---~~~~~--~~--~-~~-~----~-~~~--~-~----
~~-----~---~---~~~~~-~-~~-~~-~----~~-~--~~-~~~-~---~---~--~~~~~~-~---~~~~
~~~~~~--~~~----~-~---~-~~---~-----~~---~--~~~~~---~-~--~~--~~~~---~-~~~~~
~~~~----~~-~-----~~~---~~-~~-~~~~~-~-----~~-~----~~-~-~~---~--~~--~~~-~~~
----~-~~~-~-~-~~~--~---~-~~----~-~~~-~~--~----~-~~~-~---~~~~~-~---~~~-~~~
~----~~~---~----~-~~--~~~~~-~~-~-~--~~-~-~-~-~~----~~-~--~---~~~~~~--~~-~
-----~~--~--~-~~~~~~--~-~~-~~-~--~~~~~~-~~~--~~-~-~--~----~-~~-~-~--~~---
-~-~--~--~~-~~-~--~~-~~~~-~~--~~~-~-~~~---~~~-~--~----~-------~~~~~--~~~-
---~~~~~--~-~---~~--------~~--~~--~-~--~~~-~~-~-~~-~~--~--~~~-~-~-~~-~~~~
~-~--~--~----~---~~--~~--~---~-~~-~~-~--~~-~--~~~-~~~~~-~~~-~---~~--~-~~~
~~~~-~~~--~~~--~~~~~-~----~--~-~--~~-~~-~--~-~---~~--~-~--~~-~---~-~-~-~-
~--~---~~--~~~--~-~-~~~--~~~~~-~-~-----~-~~~~-------~-----~~~~-~~--~~~~~~
~-~~---~-~~~~~----~~~-----~--~~---~~~~-~---~-~-~-~~--~-~~~~-~~-~----~~-~~
~~-----~-~~~~---~-~-~-~--~~-~~~-~----~----~~~-~~-----~--~~~-~-~~~~-~~~-~~
-~~~~~-~~--~~~~~~-~~-~~~~~~--~---~-~----~~----~~-------~~~~~---~~--~---~-
-~~--~----~~~~~-~~---~~~-~~~~-~---~-~-~-~--~~--~-~-~~~-~~~---~~------~~-~
~~~~~--~~~~~--~~~------~--~-~~~---~-~-~--~~--~----~~~~--~~~~~-~~~----~---
~~-~---~--~-~~~-~-----~--~~~--~~~~~~--~----~~----~-~--~~~~-~~---~~~-~-~~~
~--~~~--~~~~~~-~~-~-~~~-~--~---~-~--~~~~~--~~~--~~~~---------~~~-~----~--
--~-~-~-~~-~~--~-~~-~~-~-----~~--~-~~~~~~---~-~-~-~~-~----~--~-~~~--~~-~~
-~~-~-~~~-~--~~-~--~------~--~~--~~---~---~-~-~-~~~~--~~--~-~-~~~-~~~~~-~
~--~~~--~-~~-~-------~~~~~~-~-~---~-~~~~-~--~~---~-~----~~--~-~--~~~~~~-~
~---~~-~~~--~~~~-~-~~~-~---~-----~--~--~-~--~-~~~---~~~~-~~-~-~---~-~~~-~
-~-~-~~---------~--~~~--~~~~~------~~~~----~~--~~--~~~--~~-~~-~~-~~~~~-~~
~~~----~~-~-~~-~--~~-~-~-~--~-~~-~--~~---~~~-~--~~~~~~--~-~--~~--~~---~--
---~-~--~~~-~-~-~--~--~-~-~~~~~~~~--~--~~~~--~-~~---------~~-~-~~-~~--~~~
~-~~---~-~---~--~~--~~~--~~~-~~---~~~----~~~~~~~-~~~~-~--~----~~~-~----~-
-~-~-~--~-------~~~~-~-~~~-~~~~~----~--~-~~-~--~--~~~-~-~~--~-~~~~-~--~-~
-~--~~-~~~---~---~-~---~~~~~-~-~~--~-~~~---~---~~~~~~----~--~~~-~~--~-~-~
~~~--~-~~~~~----~---~~-~~-~--~~~-~--~-~-~---~~-~--~---~~~~-----~~~--~~~~-
~~~~-~~~~~-~----~~~~~-~~--~~~-~-~~---~~--~---------~-~----~~-~---~~~~--~~
-~--~~-~-~----~~~----~--~-~---~-~-~~--~-~~-~-~~~-~-~---~~--~~~~--~~~-~~~~
~~---~-~~---~~~-~-~-~~~~~~~~~-~-~-~~~~~--~-~-~----~------~~--~-~-~--~~---
~~--~-~~-~~~~~~~~--~~~-~~-~~~--~--~~-~--~-~~~-----~--~~~--------~-~~----~
--~~~~~-~-~~~~~~~--~--~----~-~~~~~-~~~---~-~---~~~----~~------~~-~---~~-~