RTX2080ti........
-_----____-_--_---_---__--_-_-_-__-_----_-____--_---_-_____---_____-__-__
_--__-___--_-------_-__---_--___-____-__-___----_-_-______-__-----_-_-_-_
__--_-----__----_--__--_____--__---____-----_-______-_-_-_-__--__--___--_
-__--_-_-__-___-___-_-_____--___---_--_-_--__---_-_-_---__-_--_--__--_-_-
-_-__-__--__--_-__--___-----__--__----_-_--_----___-_--____----_-________
__-_-__--_-_--__-_-_---___-__--_____-------_-__-____--_-_------__--__-___
--__-__--_--___--------__-________-__-_--_-_-__-_-----_--__--_______-_---
_-__-_____--_--__-_-__--_-__-_-__----_--__----___-__-___--_--_-__----__--
-___---_-___--_-_-_-____-_--_-__-_--_-----_-_-__-___--_-__----_______----
_-_-__--__-__-_---_-___---__----_-___--___---_--__-____-_--_-_--__-__--_-
__-----_-_-_-_-_-_____-___-_-__---__-_-__-_--_----__-_--_--___---__-_--__
_---_--_-----_-__--_--__---___--_-_--__-_-_-__-__-_-_________--_-_--_-__-
__-___-_--_____---_-__-__---_-_----_---___-_--__--__-____-__---_--__---_-
-_-_---____-_--_---___-__-__-_--_-_--_--__--___-______--_-____----_-_----
-------__-___--__---_-____-___---__---__--___-__---_-_--__---__-__-__-___
__-__---_--__-___----_-______--__--__-_--_-_-__----_-----_-______---__-_-
_--___-___--____---_-__--_-_--__--__-----____-----___-_-___---_-___---_-_
-____-__--_---__-____--__---__--_-__-____-__-__-----_--_-___---_--___----
-__-__-_--____--__-__---_-___---_-_-_______-----__--_-_-_-____----_---_--
_____-_----___-_-___-_---_-___-__-__--__--___----_-_-_---___---___-----_-
--__---_-_---__----_-__-_--__-_-_--___--__--_-_-_--__--_-_-_-_______-_-__
_________--__-_--_____-__---__----___-___--_---__--___--_--_-------_----_
__-_____---_--_-_-_-_--_--_---_____--_---_---_--_---___--____-__---_-____
--_-__--_----____----_-____--_-_---_----___-__---_____-_____--_---_-___-_
_----_-_---___-_____-__-__-_--_--__--_-_-__-_-_-___-__----_-_---___--__--
-_-_-_-___---_____-----_--___-_--__-__---__-___--_-___----___----_--_-___ -----_---_-_____--_____-_--___-___-__-_---__-_-_----_-_--____-_--__---__-
---_-------__--_--____--_-__--_-_-____---_-___-__--___-_-_-__---_-___-___
_____--_-___----__-----______-_-_--_--_------__---__--_____-----_-_____-_
__--__-_-_----_-_-____-_----_-_-__--_-_--_---_--___-__-_-__-___--_-__--__
--________-_-__--_-__-_-__--__-----_--_-_----_-_--____--__--_----_-___-__
__-__------__--______-_-_--_--__-___-_-_--__-__-__--_--_--__--_--__--_-_-
__--_---_------__--___-_______-_--_--_--___-____-_-----_---__-_-_____--_-
_-___-_---_----_-_-__-_-___--_-_----__--_--__--__--__-_____-_---____--__-
___--_-----__--____-_-_______----__-_-_--__--___-__-_--_----__--_----__-_
-_--__-__--_-__----__-_-_---_---_-----_____---_-__________-____-_--__----
-----__-____---_-__-_____-__-_-__-___--__-__---__-_----__--_---_-_-_---__
_-_----_-----__-__-___-----_____--__-----------____-__--____-_______-__-_
--____---____---_-__-_---_--____-__--__----__----__-_-__-___-----___--___
--___-_-_--_----__---__-_________--------____-_-_-__--_-__-__---__----___
_-_-__-_--__-_--__-___--_-__--__-__---_-_--____--___---_-_-__----__-__---
_---____---_-_-__-----_--__-_-_-___----___-___--__-_---___-_---_--_____-_
--___-_-_-_____----___-_-_-___--_--_--_-_--_---__---__--_-___-_-__-_---__
__--__-----_-__-___---_--___-___--_--_-_---___--__-_-_-__--_-_-_--_-_-___
____---____---_--__-__-___---__----_-_--____-___-------_-_-__---_---_____
________-_-----_-___---___---__--_-_____-_--_----___---_--_-__-__-_-_----
-___-_-_____-__---__-----___---_-___--______---_----_---_-___-__-__----_-
_-_-__--__---_------__--__---_-_--_-___--____-_-_-___-__-___-_--__----___
-_-_____-------_-_---_--_--_--_____-____----_-___-___-__-_-_---_-__---___
______--___--__-----_-_-__-_--_--__-_--__--_-__-_-_--_-----___-__-_--__-_
-_---__-___--_----__-__-__--___-_-____---__-_____-___--_----_---_-_-_-_--
____-_-_------___-_----____--_-__-_-__--_-___-_-_---___----_-__--_--___-_ _-_____--_---__-__-___-_--_--_---_-_-_____----_-----__-_-_---_-__--___-__
___-__-__---_--_-_-_---___--__---_______--___---____--_---___---__-_-----
-_-__-_----__---_--_-__-__-_-_--____---___-__---_---_--_-_-_____-_-_--___
-_-__-___--__-___----_--_--_----__--___--_____--__------_-_____-__-_---__
-___---_-_--_-___----__--__-_---_--______--_--_-__--_-_----_---______-___
--__-____---_____-------___-_-_-_--_-__-_-_-_---___-_--_--_-___--_-_-_-__
---__-___-_-__--__--_--_----__--_-_-__--_-------___-__-___-_-_____---____
__-----___--___--_-__-__-----_-__-_---___---__-__-_-_-__-_---_-__-_-_-___
_-_-----_---__--_--___--___--__--_-_--____---_-____--_----__-__--_____-__
--_--__-___-_-__-__-__---__-_--_____-__-__-_--____---_-__-_-----_-_---_--
____---_---_-____----_-_-_--__--____-_-___----_-____--___-_-_--_-_---_-_-
--___-__-----___-___--_---_--__-_---__--_-__-__-_--_--_-_-_________----_-
__--_--_--_-_--__-_-__-_--____--_----__---___-_-_----__----_____---______
_____-____--____---____-_---_-__---_-_-_--_-______-------____---_-----_--
_--__-___-__----__-__-_----__-_----_____--__-_-_--__-_-_-__-__-__---_---_
_-_-_-___----_-_-_---_-____-_-___-_----__-__--_--_---_--_-______---__--__
---___--_-----_--____---_-_-__-_---_-_-_-__-_-_-____-_-_--___-__-__-_--__
____--_-_____--_--_---_--_-__-_-_----__--_--_-_-___-_____-_--_--_--_---__
_-__-_----__-_--_-___-_-_-__-___-___-_---_-__-_____---_-___-_--_----_----
-____-_-____-_-__--__----___---__--_-_--_-_-_--____-___-__-_-_------_--_-
_----_-_---_-___-_--__--_--_________-_----__-_-__--_-----_--________---_-
__-___--_-----____-----_-__--______----__-_---_-__-_--_-_-_-_---_-____-__
--_-_------_------___-____-_--_--_--_--_--_---_-___--____--___-__________
-_----___--____----_-__--_-_-___--___-__---_--_------____-_-_-__-___-__-_
----_-_____-___-_-__---__-_-----___-_____--_----_-_--___-__-__---___--_--
__----_-__---__-__-_--__----_-__-__-_-___---_---_____---_--__--___-_--___ ____-__--_--_-__-__-_--__---__-_-__-_-_-____--_-_-___-----_-_---___-_----
__--__-_-__-__-_--___--__-_-_--___-___-__--_---__--_-__-___--_-_-------_-
____-_-_-_-_--_-_-____-_--__---------____-------___-___--_-____----____-_
--_---_-_-__---_--__---__-_____-__-__--_-_-__--_-___-__-_-___--_-__---_--
-_--_-____-__--____--_-_-_-_-__-_--____-_---_-_-__-_--_--__-_-----_---___
_--_-__-___-_-_-_-_-_--__--__-_----_--_------_______-_-----__-__-__-_-___
__--_--______--_-___-__-_-_------___-__--_----__-_--__---__-_-___-----___
__-_-___-__---_-____--__-_--_------__-____--_--___--_---______-__---_----
-_-_-__--___-----------_--_-_-_-_________-_-__--_-__-_-__-___-__---_-_--_
__-_--__---_--_-__----__--____-___---_--_-__-__-__---__-_----_-__--___-__
___-__-__-____-__----_------_--__-__---_-_-___---_______--_---____-_-----
--_-----__---_-__________-_--_-_-____---____--__---__---_-_-___-----__-_-
-__-__--___-__-_-_____---_--_-__--_---_------_-__-_--_-____----_--__-____
-__-_-__-_--___-_------_-_----____-----_-_----_-__-_____--_-___-__-__-___
-_--___-_--_--__-_-____----___--_--_--___-_-__--_--__-----_--___--_-_____
-----______-__----_-_-__-_-___-_---_-_-_-_-____--___--____--_-----___-_--
--____-----_-__------____-_--_-_-____-__--_-___---_--_-____--__-___--__--
-_-_-__------___---_-__-_--_-__-__--__---_-__-_---__---_-________----____
__--__----_-_--_-_-_____-______-____------_-__-__--_-_-_--_-_-_--_--_--_-
-_-__------____--__--___-__----_--__---__---_---_--__-__-__-___-_____-_-_
---____-_--_-______-__-_-_-_--__--___--_-_---__----__-_---____--__--__---
-______-_-_-_-_--_---_--_--_-_----__--_--__--___--__--_-__--_____--__-_-_
-_----_--__----__-_-_-__-----__-___-_--_--_-_-_--_---____---____-________
-__---_-_-__--_-_--_-______-----_---__--_-__---___-__--_-__--__-_--__-___
_-__-__--_______---_---_---__-_-__-__-----_--_-_--_-_-__--_____--____----
-_--__-_--_-_-----_-_-----_--___-_-__-_--________-_---___-_-____---_--___ ___-___--__-___-____-__--__----__-_---_--_-_-----__-___--_---___-_-_----_
--___------___-___-___-_-__-_--_-_____---__--_-_-_--_----__-_----______--
_--_-_-_-_-___----_-----_-___-___---__-__--__-_-___---____--_____---_--_-
--_-_--_----_--__--__--__---__-_-__-_____-_-_--__---_______-_-_-_---_-_-_
_____-_-___----___----__---__---____------__---___-__--_---__-_-__--__-__
-__--_______--___---_------_-_--____---____-_--___-------___--__----_____
--___-__--_____-_--_-_---------_-__-___-__--___-----_____-____---_-_-__--
_---__-_-___-_--_--_____--_-___--_____-__----_--_--_---___-_---__-_-__---
--_--_-____-_-_---_-__-__----___-____-_-__--_---_---_-____----_-__-_--___
-_-_-_-----___-__-__-_--_----_---__-_____--_--_____------__-____--_-_-___
_-_-___--__--_-_--_-___--__-___-_------__---___-__-_-_____--_------___--_
---_--___--______-___-__-__-__--__-_-_-_____-_-___-----_---__-_------_---
-_--__-_--____-_-_-________----_------__-___--_--__--__-_-_-__--_---___--
__-___--__--_-_-___-_----__--_-_---_-_--___---__-___-__-_-----___--_-_-__
---__--____-_-_----___-__-_-----____-_-__-_--_-____-__--_---___--__---_-_
___--__-_-__-___---_---__-_----_--__-__-__--_-___---_--___-_-_-_-__-_-_--
-_--_-_-_------__-__-__-__-_----____---____--___-_-____-_-__--__-___-----
---____-_---___--__-_---__-_____-__-_-___-_-____--------_-_-_-____-----_-
---_--__-__-____---__-_-___---__--_-__-----__----_-_--_________---_-_--__
____---___-_-_-_-_-___-__-__-----___--___-___-_----_-__-___-_---_------_-
-_-_____-_-__---_---___--_-_-_-__--____-___---__----__-_-_____-_---_-----
_-____--_--__-----__-_-__--_-___-_-___---_--------_____----___-__--___-__
__---______---____--_-__-_----____-_-_----_-___-_-__---_-__-_----___--_--
---_----__--_---_---_----___-__-__-____--____-_-___-_--_-_-_____-_-_-_--_
___-______--___--______--_-__-----_---__-__-_-_--_-__-_-___----------__--
_------_---_--_--_-__-__-___--____-____--_--_----___----___-_-_-__-____-_ --_-------____---__---_-_----_-__-____-___-_--_-_-___---_-_----__________
______-___-_-_____---_-___-_--__-----_------___-__--____--__-_----_----_-
--_-_-_-_____---_-_--_--_-_--_--__-___-_-__----__-----__---_-____-___-___
-_-___--____--____--_--___---____-____---___------___-_-__-_---__-----_--
_-_____----__--_-_-_____-__-_-___---__----_---_----_--_-____-----___-___-
_---_-___----_-_---_-__---_-_-____--_---_____-_--_--__-_--____-_--___-_-_
-----__--___---_-__--___-_--_____--_----____--___--__--_-____--_----____-
-_--__-_-_-__-_----_-_-_-__----__-______---_-___-_---_----_-_-__-__--____
__-__-____----_-__-_-___----____-----_---_--_-__--____-_-___-_----_-___--
-----_______---____-____-----_----__--_--_--__-__-_--_--_-__--__--___-___
_--__-_-_-_______-____--____-----------_--__-_-__-__---_-__-_-__--_-__---
-_--______-_-------_____-__---_----__-__-_--__-_-_-------___-___-__-___-_
___---__-__----__---__-_-__-_-_----___----____-_-----__-___-_-_-_--_-____
-__-__--__-_-_--_---___-__-_--_-_--__-_---__--_-_----____--_---_-_-______
-_____-_--___-_--_-_-_--___-----_-__----___--_-__----__-_----____-___-_-_
___---__-__--_-----_-_--__-_-__---__-__-________-___-_-_---____------_---
______-_-__-_--_-_--______-__----____--_____-----__-_-------__---__----_-
--_-_---__---__--_-__--_-___--_---____------_____-____-__--_-_--_-___--__
-__--_-__-_--_-____-_-_-_-_---____-_---_------_-__-______-_-__-__--_-_---
_--_-_--_--_-------__-____-_-_-_-__-____--_-------___-__-_-___-_-__--____
-_----_-_-____-___-_----____-_-_-_-_----__------__-___--___-----___-_____
-_----_-____-___-__--__-_____---__--_-_-__-_------_---_-__-_-__----__-___
-____--__--__--_-_---_-_______--_--_---______--_--_--_-_-___---_---___---
--_--__--_____---___--_---____--___-----___--_-____-_-__--__-_---_-__--_-
--_____-_-__----_-_-__--__--_--_-_-__-_--__-_-_--_--____--_-_-__---__--__
-__--____-_----____-__--______-_-_---___--_---_-_--_--_-_-_--__--_-__-_-- _--_-_--_--__-__--_--___--___-___--_-_-----___----__----_--_______-_--___
_-_--___-____-__---_-____-__-_-_-_--_-----___---___-_----_-____-_-_-_----
_____--____-_-_----___--_-___--_-__-____-----__-_-__---_-_-_-----___--_--
--___-____-_----__---__--___-__--__-__-------__-___-__---__---_-__--_-___
--_---__--__--_--____--__--_____--_---____-_--__-___-_-___-_-_-_-_-----_-
--_-__-_____-_----____-____---_------__-____-____--__-----_---__-----____
____-__-__-_--___-_------_-_-_--__----_-______------__--_--_-______-_---_
_-___-_-___---___--__------_-__-_-_______-___--_--__-_-----__--__----__--
------_-_-_-_-___--_-__-______-_--_-_---__-__----__-__----____-_____--_--
----_-______--_---_----__---_____-_-_-_-_-_-_-_____-______---__-------__-
-_____-_---_---_-----_-_-_-_--__-_----_-_---__-____-_--_____--__--__-____
_-__-__---____-_--_-_--_-----__---_-_--_----__-_____-_--_--___-_--___-___
_-----_-_____--__------_-___-_____--_-_-____---__-_-__--_-___--___---_---
_______--_--__-_--_---___-______-_____-_-__---_----_-_---_--_---__-----_-
-_----_-__---_--_-____-_--_-___-_-___----__---_-----____--_____-___--_-__
_-_-_-_-_-_---_--__-__---__---_--_---_--___-__-___---____-__-_-____---__-
---_--_---_____-________-__-_---_---_--__-_----_--_-_-_-__-_-_-____--__--
__-_-__--____-_-_---__-_--_-----_----__-_--_-___-_-____-_-__-_-__---___--
-----__---__--__--____-_--_---____-___--__-_-__--_--_-_-__-__-_____----_-
-___--_-_--_-_--_--_-_----__-_--_--___-_----__-_-_____-__-___-__-_-_--_-_
--__-__-_---_-__-__-_-----__-_---_______-_--_-_--___-_--_---_-___--_-_-__
__-_-__-__-___-_----__-______----_--_-__-__-_-_-___------___-_---_-__----
_-__----_-_--___---_-_---__-____--__-------_-_---_____-_-_-___-_-___-_-__
------_---___----__-_---_----_-_-____----_---____-__--_--_____-__________
_____---_---_--__-____---___-_-__-_-____---------__-_-_-__---_---____-_-_
_--_-_-__---__--__-________-_--_-----_---_____----_-_--__--__-___-_-__--- ----___-___---_--_----_--___-__---__-__-_---_--__---__-______--___---____
---__-_-___-_-_--____-__------_-__----__-_--_-__-_-__----_-________-_--_-
_-------_-__-_----___--___-_-_______---___---__--____---_____-__---__----
--_-_-______-__-_-__-_----___--_---___----__-______-__--___--__---_------
___-__--_--_-___-_-_-_____-_----_-_-__----__-__-_-__-_-----__--_----___-_
---_-_-___-___------__-___--_--_-__-_---_---__--_-____--___-_-__-__---___
__-_--__-___----_-__-----___-__--_-_--____-___---__-_--_____-_-_----_--_-
-__---_-_-____-___---__--________-_-_----_-_-__-------_----__-____--__-_-
__-_-_-_---____-_-__--_---__-__--___--_-__--_--_--_-_---__-__-_--_-_--___
-----_----_-__-_-----________---_----__---__--___-_____---_-_-__-_-______
_-----__--_-_-_--_-___-__---______---_--_-_____---__---___-_-_--__--___--
--_-_-_----_--__-____--__--___--_-__-_____--___--_-----__-_--____-_--_--_
__-__--_---_--_-___-__-_-_-----____----___--__-_____-_--_-____-_------__-
_-__--_-_--_-____-_-_--___---____-_-_--_-__----_---_-_---___-__-_--_--___
----__--_-_-_--_--_-___----_-____-_-_---_______--_-__--_-_--__--___-_--__
-__--__-_-_----_---_-__-_-_----_-__--_-_-_-__-________-_-__-_-_-___---_--
-___-__-___-_--_-__-___---___-_-___---__-----_---_--____---___-_---__--_-
-_------_-_____--__-_--_________--___---__-_-_____-_-----_----____------_
-_-__--__-___-----___--_--___--_-__-_-_--__--____-__--____-_--_---_---__-
---__--__--_____-_--_----__-__-----_-__--__-__----__-_-_--_--__-__-______
_---_--__--__--_----__--___-_---_--__---__-____-_-____-_----_--_____-__-_
_----_----_-_-_--____-_-___-____-__--__------____-__-__--_-_____--__-----
-_--___--____--_---_-___-_-__---_-__-____--_--__-_-_-____-_-_---_---_-_--
--_-------___-_-----________-__-_-------__-____-------______-______-_--__
_-___-__-_----_---_---____-_-__----__-___-__--__--__--_---__-____---_--__
_--_-__-_-__--__-__--_-_-_-__-___-_-____-_-_-____-_---__---__---_------_- ___----_-____--___-__-___-__-____--_-_--__-_-_---_-_--___-__-_--_--------
_-_---____-__-_-_--__-_-_----_---_-----__-___-_-___-__--_-_-___---_-_-___
-______--___---_-_---_____-_--_-_-__--_-_-_--_---__-_-_--_-___--_-__---_-
____-__-__-_-__----_------__--__--_----____--__-_--_-_-__-__--___----____
__----------_--_--_____-_--__--_____-_----__----___-_--___-____-_-__-_-__
-____--_--__-____-__----__-_-__---___-----_____---_-_-_---_--__--_-__--__
____-_-__-_-_-___----_---__---_---_-__-_-____-_--____--_---____-_--_-_---
_-__--_-_---_____-__--_____---__-__-_____--_-_-_-__--_---_-_----__--_----
-_-_---_----_-__-_-_-__-__--_--__-_-_-__-_----_---_____--__-__--__-_-____
__----_--_____---___-__--_--__---____-__---_-_---__-__--_---__-_____----_
_----_-----__-____-_--_--_-_---__--_-_-__--_----_-___-_-___-__-__-_-_____
__-___-_---_----_--_____-_----_--_-_-__-___-_--_--____-------___-_-____-_
_-_---_-_--_---_-___-_---______-_---__---____-__--_--_-_---_-___-_-_-__-_
-_-_-----_-__-_-___-_-_-_-___--__-_----___--_-__-__-----_--___-____---___
_-_-__--_---___-___-_--___--_--____-__--__--_____-_-_------_----__---_-__
__-_-____--_--_--___--_-_--_-_-_----_--__-_--__--_-_-__-__-__--_---__-___
_-__-_-----_-_-__-_-_-____--_---__--__-_--_-_____--_-____-_---_--__--__--
_____--___-------_---_--_-__-_-_--__--____---_-_--_-_---_-______-_-__-_-_
-____--_----_-___---_-_-____------__-__-__-___---___--__-_-__--_---_-__-_
_-___----__----_-_____-----___-_-___---__-_---___--_-_-____---_----____-_
__-___--____-_--_-___-----__-_--_-__-_-_-___-_-__-_-_-_--__---_-___------
---______---_-__-__----___-_-_--_____-_--___-_--_--____-_---__------_-__-
___--___-__-_-------____-______--_-__--_-__-_--------_--_----__-_-____-__
_----_---_---___---__-__--__-____---__--____-_-_-_-___------_--__-_____-_
--_---_-_----_____--___-_-_-_-_--_--_-______-----__--_____----_-__--__-__
_-_____-__--__-_-_--___--______--_----__----___--_--_-__--------___-___-- -~--~~-~~~~---~--~--~~~-~--~-----~~-~~~-~~-~-~~~~---~~~--~~~---~----~-~~-
~--~~~~~~~~~--~--~~-----~-~-~~~-~~-----~---------~~~~-~-~~~~-----~~-~-~~~
~-~-~-~~-~~~--~~-~~~~-~~-~-~-~~-~--~--~~~-~-~-----~----~~-~-~~--~~--~----
--~~---~~~~-~~~-~----~~--~-~--~-~--~~~~~-~---~~---~~~--~~--~-~-~--~~~~---
~~~-~-~---~--~-~~--~~--~~~---~~~~~--~--~---~~~~~~--~~~~-~~------~-~----~-
~~~---~~~~-~~~~~~-~-~-~-~----~--~-~-~-~-~-~~~-~~~--~~--~-~~-~---------~--
---~-~~~~-~~--~--~-~~~-~~-~~-~~-----~~~---~~~-----~~~--~-~~-~~~-~---~~---
--~--~~~~~~~--~~-~~---~~--~-~-~-~-----~~~-~~~-~~~~~---~~-~~-----~---~~---
-~~----~~---~~~~~~--~---~~~~---~~~~~~-~-~-~~~-~~~--~---~~-~~-----~-~-----
-~~~-~~-~-~---~--~~~~~-~-~~------~-~---~-~-~---~~~-~-~--~--~~-~--~~~~--~~
~~-~~~--~~---~-~-~--~~--~~----~------~~~~-~~-~----~~~~-~~--~~~---~--~~~~-
~----~~-~~-~-----~~---~-~-~---~~~~~-~~~~~~~~~~~-----~-~-----~--~-~---~~~~
~-~-~--~---~-~-~~~-~~-~----~~~-~-~~--~~--~----~~-~~--~---~~-~~-~~~~--~--~
~~--~~--~~~--~~----~-~--~----~--~--~-~-~~~~~~----~~~-~~~~-~---~-~-~~--~-~
~-~-~~-~~-~~~-~~--~~~-~~-~~-~------~~--~~~~~---~~-~---~-~~--~~-~--~------
---~~~-~~-~-~-~-~-~~~-~~~~----~--~~~~~~-~--~~----~----~~---~~-~~---~~~---
----~-~--~-~~-~~~-~-~~~-~~~-~---~~-~~~~~--~--~~~~-------~--~---~--~~-~-~~
-~~--~--~---~--~~~~-----~~-~-~-~~~---~~-~~-~~-~~-~~----~~--~~~-~---~-~~-~
~~~-~--~~-~-~~~------~~~~-~-------~~~---~~--~---~~~-----~~~--~~~~~~~--~-~
-~-~~-~~~---~---~---~~--~-~~~~--~~~~~-~--~--~---~~~-~-~----~-~~~~-~--~~--
-~--~~~-~-~-~-~-~---~-~~~-~-~-~~~-~~--~~-~~~~~-~~~-------~~~-~-------~-~-
----~~-~~--~~~----~~~~~~~-~~-~-~----~~----~~~--~~~-~----~~-----~~-~~-~-~~
~~~--~--~~~--~~~~~~~~----~~--~-~~--~~~~-~-~--~---~~-------~----~~-~~~~---
~-~----~~----~-------~-----~~~~---~--~-~~-~-~~~~~-~~-~~~~~----~~~~~~--~~~
~~~-~~--~~--~-~~~~~--~-~~----~---~~-----~~~-----~--~-~~--~-~~~~~-~~-~~---
---~--~-~--~--~~-~~--~~~--~~~-~-~-~--~--~-~------~--~~~-~~-~-~~~~-~-~~~-~ -~-~~-~--~~~~~~---~~~~~~~~~~~~~~-~~~--~~--~-----~-~~----~----------~--~~-
-~~~~~-~----~-~-~--~--~~--~~--~~-~--~~~~-~---~~~-~~~--~~~--~--~--~-~--~-~
~-~~~~-----~~~~-----~~-~--~~~~-~~-~~-~~-~~-~--~----~~-~~~~~~----~--~~----
-~--~~-~-~--~--~~~-~~-~~~~-~~-~~~~~~--~--~~-~---~--~-~--~~-~~---~----~~--
~~-~-~~----~~~-----~~~~~~~~~~-~-~-~~-~-~~~~--~--~--~---~--~-~~---~~-~----
-~-----~~~---~-~~~~~~---~-~-~~~~-~-~~-~~-----~~-~-~--~~~--~~--~~--~~~---~
-~~-~~~~~~~~--~~--~-~--~~-~-~~~------~~~-~------~~~~~-~~~-~-~-~---~--~---
~--~-~-------~~~~~~--~~---~~--~~~----~-~-~~-~~--~~~-~~~----~~~-~-~~~~-~--
--~-~~~~---~-~-~~~-~--~---~--~~~~~---~-~--~~~~-~-~--~----~---~-~~~-~~~~-~
-~~--~--~--~~~~-~-~~-~~~-~--~-~~-----~~--~--~~-~-~-~~~~~-~-~~~-~~------~-
-~--~~~--~~~-~~-~~~---~~---~----~~---~------~---~~--~--~~-~~-~~~~~-~~~~~~
-~~~~~~-~~~-~~------~~~-~~~--~~~---~~~-~-~-----~---------~~-~~-~~-~~-~-~~
-~~~~~~~-~--~~-~~--~~----~-~-------~~~-~----~-~~-~~----~~-~-~~~~-~~---~~~
~--~~-~--~--~-----~~~~-~~--~~~~-~-~~~---~~~---~~~~~-~~~--~--~~-~---~--~--
~-~-~~~-----~~~-~--~~-~~--~-~---~~~~-~-~~~---~---~~~~-~-~-~~--~-~~~-~----
~~~~~~~~~---~~-------~-~-~---~-~--~~~-~-~~-~---~--~-~-~~~~~~-~~~-----~~--
---~~~-~---~-~--~-~---~~----~~-~~---~~~~~--~~~~-~~~-~~~~~-----~-~-~-~~--~
~---~--~--~--~~----~-~-~~-~-~~~~-~--~~~~--~-~--~~~~~~-----~--~-~~~~~--~~-
~~--~~~~~--~-~~----~------~~-~~-~~-~-~~~~--~~~~-~-~--~-~--~~~--~~------~~
~~~~----~~~~-~~~-~--~-----~-~--~-----~--~~-~~--~~-~~~~~~~--~-~-~-~~--~--~
~~~--~--~-~---~~~~-~--~--~~~--~--~--~~~-~---~--~~~-~~~-~~-----~~~~-~~~---
-~--~-~----~-~~--~~~-~-~~--~-~--~~-~~~---~~~-~~--~~~--~-~-~--~--~~-~~~--~
-~~~-~~--~~-~~-~--~~~~~-~~----~-~~-~~-~~~--~--~-~----~-~--~-~~--~~-~~----
~~----~---~~~~~--~-~--~~~-------~~-~~--~--~-~~~--~~~---~~--~~~~--~~-~~-~~
~-~-~~~~------~~~~-------~---~-~-----~-~~-~----~~~~~~~-~~~~-~~--~-~~~~~-~
~-~-~~---~-~~~-~~~~-~~-~~~~---~-~-~-~-~---~--~~~-~--~-~~~~--~~--~-~------ ---~~~~-~-~--------~-~~---~~~~-~~~-~---~--~---~-~-~~~-~~-~~-~~~-~~-~~-~-~
-~---~~--~-~-~----~-----~--~~-~-~-~~~~~------~~~~---~~~~~--~~~-~~--~~~~~~
-~--~--~~~-~-~---~--~--~~---~--~~--~-~-~-~~~---~~~~-~~--~---~~~-~~~~~-~-~
-~~~-~--~-~-~-~------~~-~~~--~~~---~-~~----~~~-~-~---~~--~~~~--~~~~~--~-~
---~---~~--~-~-~~-----~~-~~~------~-~~~~--~~~-~~-~~~--~-~~~~-~-~---~~-~~~
~~--~--~-~~--~~-------~~-~-~--~~~~~~-~-~-~~----~~-~-~~---~~~-~~~~--~-~--~
~---~--~-----~-~~--~-~-~~~~-~~-~-~~~~--~~-~~--~~~~------~~-~--~-~-~-~~~-~
-~~~~~--~~~-~-~----~~-~~~-~---~--~~--~-~~--~~~-~------~---~~~~~-~-~--~-~~
~----~-~~---~~~--~-----~~--~~---~~~~-~~~~-~~----~---~~~~-~-----~~~~~~~-~~
~---~~--~--~--~-~~---~~-~~~~~--~---~~--~~-~~---~~--~~~----~~~~~~--~-~~-~-
~-~----~~--~~~~~~--~-~-------~-~~--~~-~~-~-~~~~-~~---~-~~~-~~--~~-~-~--~-
~----~-~~~----~-~-~-~-~-~~~~~~~---~---~-~~~~-~~~-~~~~-~~~-~-----~-~~-----
-~~-~-~-~----~-~~~~-~~-~~~~-~--~---~~-~~--~~-~--~---~~-~-----~~~--~~-~~~-
---~-~--~~-----~~~-~-~~-~~~~--~~~~-~~~-~~~~---~~--~-~~~--~--~--~-~-~--~--
-~---~---~~~-~~--~--~--~---~--~-~~~-~-~~-~-~~~--~---~-~~----~~~~~~~-~~-~~
~-~--~-~~~~~--~---~~~~--~-~~--~~~---~-~~~~~~-~------~~~-~~----~---~~--~~-
~-~-~~-~~----~~-~~~-~~-~-~~----~-~~------~---~~--~~-~-~-~~~-~--~--~~~-~~~
-~~---~~----~~--~--~--~-~--~~-~-~--~~~~-~--~-~-~~-~~-~~~---~-~~-~~~-~--~~
~----~-~--~-~-~~~~-~-~~~~~-~~-~-----~----~----~-~~~-~-------~~~~~~~~~-~~~
-~-~-~-~----~---~---~~-~~~-~--~~-~~--~-~-~-~-~-~--~~--~~-~~~-~~~---~~-~~~
~---~~-~-~~--~~-~---~------~~-~-~~~~~--~-~~~~-~-~----~~~--~-~--~~-~-~~-~~
-~-~--~~--~--~-~~~-~~~~~-~~~~~~--~~-~-~----~~--~~~-~--~----~~---~~---~~--
-~-~~-~~-~-~~----~~~~~-~~--~---~~~~~~--~~--~~-~--~~-~~-~--~-~-~~----~----
~~-~~~~-~----~~-~-~~-~~---~~-~-~-~--~--~---~~~~~---~-~~~-~~-~-~----~-~-~-
~~-~~~~~~~--~~~--~~----~--~---~-------~~~---~~-~----~~~-~~~~-~--~-~~--~~~
~-~~--~--~~~-~----~--~----~~-~-~~~~~---~~-~-~~-~~---~~~~--~~-~-~---~~--~~ ----~~-~--~~~--~~~---~~~~~-~~~~~~---~-~~--~~-~---~-----~-~~~~--~--~~~---~
~--~--~~~--~--~--~-~~~--~-~---~-~~~~-~~~~-~-~-~~~--~~~~--~~-~--~-~~------
~~~---~~~~~~-~---~-~-----~-~~~~~-~--~~~--~~~--~-~-~-~-~~~-~~~~-----~-----
-~~-~~~~--~~-----~-~~~-----~-~-~~~--~~------~~---~~---~~~~-~-~~-~-~~~~-~~
~~~----~-----~~~~-~----~-~~~---~-~-~~---~-~-~--~--~--~~~---~~~~~~~--~~~~~
~--~---~~~~~~~-~-~~~--~~---~-~---~----~-~~~~~--~~~~~--~---~~-~~-~---~~---
~~~--~~--~---~~-~~---~~--~~~-~~~--~~~~-------~~~---~----~~--~-~~~~~-~--~~
~-~-~-~-----~----~--~~---~-~-~~-~~--~~~-----~~-~~----~~~~~-~~~~-~~~~-~~-~
~~~----~~~~~-~~-~~---~---~-~~-~~~----~-~-~~-~-~~-~-~--~~--~-~--~~-~--~-~-
---~--~~-~~---~~-~-~~~-~-~~~~~-~----~--~---~~~--~-~~~~--~--~~-~-~~~-~~---
--~---~~~~~-~--~~~-~----~--~~-~---~~~--~~--~--~-~~~~~~-----~~~~--~-~~~-~-
-~~~--~~~--~~~----~---~---~~~~~~-~~----~-~~--~~~~--~------~~-~~---~~-~~~~
~~-~-~~----~-~~~~---~--~~--------~~~~--~-~----~~---~~~~-~-~-~~~~~~~~-~--~
~~-~-~-----~~~~--~--~-~--~---~~~--~~--~~-~--~~---~~-~~~--~~-~~~---~--~~~~
~~~----~----~----~---~~-~~~-~---~~----~-~~~~~~--~~~-~-~~--~-~~~-~~~-~~~--
--~-~-~~~~--~---~--~-~~~~~--~-~--------~-~-~-~~-~-~~-~~~~-~~-~~--~~~---~~
-~~~~---~~~-~-~~---~~--~-~-~~~~-----~~------~~~~~----~~~-~~-~-~-~~~----~~
-~--~~-------~~~~~-~~~--~~-~-~-~-~~~~-~-~--~--~~---~--~~~~---~~~-~--~--~~
~~~~-~~~-~~-~~~----~-~--~~~~---~~--~~~---~-~~-~~-----~----~-~-~-~-~~--~-~
~~~---~----~~~~-~~~~-~~-~~~-----~~~-------~---~-~-~~~~~~--~~~~~-~~--~----
--~~~~-~~~--~~~-~------~-~-~~-~~~--~-~-~~~----~~~~-----~----~-~~~-~~-~~-~
~~~-~~-~-~-~----~-~~-~-~~--~~-~------~~---~--~---~~~~~~~~-~-~~----~~-~-~~
~-~~--~~~~~-~---~~-~--~~--~-~~~---~-~~---~~-~-~----~~--~-~~----~-~-~-~~~~
~~~-~~-~-~--~---~---~~-~-~~-~~-~~~-~~~~----~~~------~~~-~~-~-~-~~------~~
-~---------~~~-~-~-~~----~~---~-----~~~~-~-~~-~~-~~~~-~~~--~-~~-~~~-~-~~~
~~-~-~--~~-~-~-~~-~--~--~-~~----~-~~-~~~-~-~~~-~-~--~~---~~~-~-~~-~--~--- ~~~~~-~-~-~-~-~-~~-~--------~-~----~--~--~~~-~-~~--~~-~~-~--~-~-~~~-~-~~~
----~~~~~---~-~~-----~----~-~~~--~~-~~-~---~~-~~-~~~-~~-~-~-~--~~-~-~~-~~
~-~~-~~-~~-~--~~~~-~--~~~~~~-~-~~~--~~-~------~~~----~~---~----~---~-~-~~
~~~~-~~-~--~~--~--------~~~-~~~~-----~-----~-~~~~~--~--~~~--~-~~~-~~-~~-~
----~~~~~~~~--~~-~-----~-~~-~-~-~-~-~-~~--~--~~---~~-~~~~---~~~~--~---~~-
-~~---~~~-~~--~~-~~~~~~--~-~~~~-~-~-~~--~-~~-----~-~----~----~--~~~~-~--~
~~~-~-~-~---~~~-------~~----~-~~-~-~--~~~~-~-~---~~~-~---~-~~-~~~~---~~~~
~~~----~---~-----~~~--~-~-~-~~~-----~------~~~~-~~~~~~~-~--~~~~~~--~-~-~~
~~~~~~-~~~----~~----~~-~~-~~-~~~----~~---~-~--~~~-~----~--~-~~-~~-~----~~
-~---~~~~--~---~--~---~~----~--~-~--~-~~~~-~-~-~-~~-~~-~~-~-~~-~~-~~-~-~~
-~~~~--~~--~-~--~-~--~~-~~~--~-~-~-----~-~-------~~~~-~-~~~~~-~~~--~~-~-~
~~~--~~-~~---~--~--~~-~~~~---~~-~~~-~-~~-~~~-~-~-~~~--~-~~---~---~-~-----
~~-~~-~~-~--~~~~~~--~---~--~----~-~~--~~-~~~~~-~--~~-~--~~~--~-----~~-~--
-~-~-~-~~------~~-~~~-~~--~---~~-~-~~--~-~~-~~--~--~~~~---~~--~-~-~-~~~-~
~~~-----~-~-~-----~-~-~---~~~~--~~--~~----~-~---~~-~~~~~~---~~~~~~--~-~~~
-~----~~--~~~~~~-~~-~~--~~--~~~~-~-~-~~----~-~-~-----~~~~~--~-~-~~~-~----
~---~~~~-----~~~-~--~--~-~~-~~~-~--~~---~-----~~---~-~-~~~-~~~--~-~~~~-~~
~~~~~-~~-~~----~-~~~------~-~-~---~~----~~-~~--~--~~-~~---~~-~-~--~~-~~~~
~--~~~~~~--~~~-~--~~~~~-~----~-~~-~-~~--------~~---~-~~~~~-~---~~~~~-----
~---~-----~~~---~-~~~-~~~~--~---~~-~~~~--~~--~~-~~--~~--~-~---~-~~~~~--~-
-~-~~~~~~~~~~-~--~--~-~--~--~-~-~~-~--~~---~-~~-~-~--~----~~~~~--~--~-~--
~~~-~~~~~~~-~-----~~-~~~~~~-~~-----~-----~--~---~-~~~~~~~---~-~~--~--~---
~~----~~-~---~~~~-~~-~~~~~~~--~~-~-----~~~~~~~~~~-----~---~--~~~---~-----
-~-~---~---~-~-~~~~~~~~-~~-~--~~~~~-~---~----~~~--~~~~~~-----~-~~~-~-----
~--~~~~~~-~~-~---~--~~~-~--~~----~-~-~~-~---~~-~~--~--~~---~--~--~~-~-~~~
----~~--~~-~~~~~---~~~~-~~----~--~~-~--~--~~~-----~-~~~~~~~--~-----~~-~~~ ~~--~~-~~~---~-~-~~~--~---~~-~-~~----~~~~--~--~--~~~~-~-~-~-~~---~--~~--~
--~---~~~--~~-~-~~-~--~-~-~-~-~~-~--~-~--~--~----~--~~~--~~~-~~~~~~-~-~-~
~~~~~--~--~~------~~~~~~~--~----~--~~~---~~~-~---~~--~-~-~~-~-~-~-~-~-~-~
-~~~-~~-~~-~~~~~-~~~---~-~-~~---~~--~~~---~~---~--~---~~-~-~-~--~--~-~-~-
~---~~~--~-~~--~~--~--~~-~-~~~----~~--~-~~---~--~~~-~-~--~~--~-~~-~-~~-~~
--~--~~~-~-----~---~~-~-----~---~---~~~~-~~-~~--~-~-~~-~~-~~-~~~-~~~~~-~~
~--~~~---~~--~~~~-~--~~--~--~~~----~-~--~-~-~~~~~--~-~~-~----~~~-~~--~-~-
~--~-~-~---~~~~~-~-~---~---~-~-~~~-~~~-~~~~--~~-~~--------~~~-~----~~~~-~
~~~-~-~~--~-~~---~~---~~~~~--~~~~----~~~--~-~~~----------~~-~--~~-~-~~-~~
--~~~-~~-~~-~~~~~-~-~-~-~~--~~--~--~~-~~~-~-~~~--~-~~~~~~-~--------------
~~~~~-~~-~-~~--~--~~~~-~~-~--~~~---~~~---~~~-~----~--~--~-~~--~~~------~-
~~~---~~~------~~~--~-~~---~-~--------~~-~-~--~~-~--~~-~~~~~~-~~-~-~-~~~~
~-~-~~~~~~~~-~----~-~-~~~-~~-~~-~-----~~----~~--~--~~---~~--~~-----~~~-~~
-~--~-~-~~~-~~~~~-~--~~~-~~--~--~--~-~~~--~-~~-~---~--~~~-~~--~-~--~--~--
--~~---~~---~~~~~~--------~--~~-~---~-~-~~~~~-~-~-~~--~---~~--~~~~~~--~~~
~~~~-~~-~--~~~--~-~~~~~--~~~~~-~--~-~~~---~---~--~--~-----~-~-~-~--~--~~-
--~~~~-~-~~~-~~~~~-~~-~------~-~-----~~-~-~-~~--~~~~~---~-~--~~~-~~-~----
~--~-~--~~~------~-~~-~~---~---~-----~~~~~~~~-~~~~-~-~-~~--~~---~~~---~~~
---~~-~--~~~---~~~~--~~----~----~~--~~---~~~~--~--~~-~~~----~~~-~~~-~~-~~
~~---~~-~-~--~-~--~-~~--~~--~--~-~--~~~-~-~--~~~---~~-~~~--~~~----~~-~-~~
--~--~~--~---~--------~--~~~-~--~~~~~-~~~---~~~-~~-~--~-~~~----~~~~~~-~~~
-~~-~-~~-~~~~~~--~-~~~~-~~~~--~-~~~~-----~~-~---~--~-~--~---~-~---~-~-~--
~---~~~--~~~-~~--~-~-~~~-~-~~~-~~-~~----~~~~-~-~----~~----~--~-~~~~--~---
~-~-~~~~~--~~-~-~--~~-~-----~~~~~~-~---~--~--~~~--~-~~-~~---~--~~~~--~---
----~~~~--~----~-~---~-~~~~~~--~~---~~~~~----~~~~-~~~-------~~~~~~~----~~
~---~~---~~~-~-~~-~~~-~-~----~-------~--~~-~~--~~~-~~~~~~~~-----~~-~--~~~ ~-~~-~-~-~~~~---~-~---~~----~~~~~--~~------~-~~~~-~-~-~-~----~-~-~~~~--~~
-~~~-~~~---~---~-~~~---~-~~-~~---~---~-~~-~~-~~~--~-~--~-~-~~~~-~----~~-~
--~~--~----~-~----~~~-~~--~-~~~-~-~-~--~-~~~---~~-~~----~-~~~~~~~-~-~-~~-
--~--~~-~-~------~-~--~-----~~-~~-~~~---~~~~~-~~-~--~~~~-~-~--~-~~~~~-~~-
~~---~--~------~---~~--~-~---~-~~~--~~--~~---~~~-~~~-~~~--~~~-~~~-~~~-~-~
~~----~~~~~--~~~~-~---~~---~--~~-------~~--~~~-~~~~--~-~~~---~~-~~---~-~~
~~-~~~--~~~-~~-~-----~-~~~~~-~-~-~-~-~---~----~---~--~------~~~~~-~-~~~~~
~----~-~~--~-~--~~---~--~~-~--~~-~-----~--~~~-~~~~~-~-~~~~~~--~-~~---~~-~
--~-~-~--~-~---~-~-~-~-~~~~-~-----~~~~--~---~~~~-~~~~-~--~-~~~-~~~~-~----
~~~--~~-~--~------~~--~---~~~~--~--~~~~~~~-~-------~~-~~~-~~--~~-~-~-~-~~
~~~--~------~~---~~--~-~-~~~---~-~-~~~-~~~~~---~-~~~----~~--~~-~--~-~~~~-
~~~~~--~~-~--~~~~~~~-~---~-~~~--~-~---~~~---~~--~--~-~~-~--~-~-~~----~---
-~---~~--~~~-~~~~~~---~-~----~~-~-~--~-~-~-~-~-~-~~--~~-~~~~---~~---~-~-~
--~~~-----~~---~-~-~~~-~~-~~---~~~~----~-~-~-~~--~-~--~~~-~--~-~~-~~-~-~~
~~~-~-~-~----------~~-~-~~--~-~-------~-~---~-~~~~~~~~~--~~-~~~~-~~~-~-~~
---~-~~~~~~~~-~~--~--~-~~~~~~-~~-~-~--~-~~----~--~--~-~-----~~-~~-~~--~--
--~~----~-~-~~-~---~--~~~-----~-~~-~-~~--~~-~~-~-~-~~~~~--~~-~~-~~--~-~-~
~~-----~--~----~--~-~-~-~~-~-~~~-~~~-~-~~-~~~-~--~---~~---~--~-~~-~~~~~-~
--~~-~~---~~~--~~------~~~---~~~---~------~~---~~-~~~~--~~~~~-~~~--~~~~-~
-~~--~-~--~~~~-~~---~--~--~~~~~-~--~----~--~~~~-~~~~--~-~-~---~~~--~---~~
~----~~~-~------~~~~---~--~~-~~-~-~~~~~~~-~~~-~---~--~---~~~--~-~~~~--~--
~~~--~-~~~~-~~-~---~-~-~~~----~~~--------~--~~~~-~~-~~-----~~~~--~-~-~-~~
~~-~~-~-~~--~--~~~~~---~~~~~--~~~~~-~~~---~~--~--~~--~---~~----~~----~---
~~-~-~~~~~--~-~~~----~~--~--------~~--~~~-~-~~~~-~~-~----~--~~--~~-~~-~-~
-~~-~---~~~-~~-~-~~---~-~~~~~-~~~~--~--~-~~-~~-~---~~--~-~--~~--~-~--~---
~-~-~----~--~~-~~~~--~~-~--~--~-~~--~~--~--~~~~~~~-----~~-~~-~~--~-~--~-~ -~-----~-~--~--~~-~---~~~~------~~-~~~~-~-~~~-~~~-~~-~~~--~--~~~~~~-~----
-~-~~---~--~~---~~----~~---~~~~-~-~-~-~~-~~-~---~-~-~-~~-~-~~-~~~---~-~~~
-~~---~-~-~-~-~---~-----~-~~~---~~~~--~-~--~--~~~~-~~---~-~~-~~~--~~~-~~~
-----~~-~---~~-----~---~-~~~~--~-~---~~-~-~~~~~~~~-~~-~-~~~--~-~-~-~-~-~~
----~~-~~-~~~~~-~-~---~~~~~~~--~~~-~~--~~----~-~~-~~-------~-~~~----~--~~
---~~-~~~-~~-~----~~~~-----~~-~-----~~~-~~~--~~--~~-~~~----~~~-~---~~~-~~
----~~-~~-~-~~~--~~~~-~~~-~~-~~-~~-~---~-~--~~--~~-~-~~----~~~-~--~---~--
~~-~~~~~--~----~-~~~~~----~-~~~-~~-~~~~-~~--~---~-~-~--~~~~---~-~-----~--
--~~-~---~---~~~~-~~~---~-~~~-~~~-~--~--~-~~~--~-----~~~----~-~~~--~~-~~~
---~~--~~--~~~~-~--~--~-~~~~~---~~~--~~---~~~~~--~--~-~--~-~--~-~-~---~~~
--~-~~~--~~~--~~~---~---~~--~--~~~--~-~-~~-~~-~~-~-~~-----~-~-~-~-~~--~~~
~~~~~~~~-~~~~~~-~-~-----~~~~~----~----~---~--~~---~~~-~~~-----~~~--~-~---
~-~~-~~-~~-~--~~~~~----~~~~-~-~~-~~----~~-~--~~-~~~~---~--~---~~~~-------
~-~~~----~~--~~-~~~~~---~--~--~~-~-~-~-~-~--~-~-~~-~---~--~-~-~~--~-~-~~~
~~~-~--~-~~~---~~-~--~~----~~-~~~-~~-~~--~-~----~~~~~---~~~--~~--~----~~-
~~~~~-~~-~-~~~~~~-~-~~-~--~-~~-~~~~--~~---~~----~---~-~-~---~-~~-~-------
--~~-~-~--~~-~---~~-~-~-~~~--~----~--~---~--~~-~~~~---~---~~~~~-~~-~~~~-~
~-~-~~~~-~~~--~~~----~-~-~~-~--~--~~-~---~-~-~~--~~~-~~-~-~-~--~---~-~-~-
----~-~--~--~~--~----~-~-~~~~~~~~~~-~~---~~-~~-~-~-----~--~~~~~~~~-~~----
~~-----~-~~~-~~~-~~--~~----~---~~--~~-~~----~~~~---~~-~~-~~~-~~---~~-~~--
-~~~~-~-~~~-----~~~---~~-~-----~---~-~~-~-~-~----~~~~~~-~~-~~----~~-~~~-~
~~--~-~----~~----~~-~~~~-~~~~~--~~-~~~---~~-~~-~~~---~-~-~-~--~-~--~-~---
--~--~~~~~~~-~----~-~--~--~~~-~~~-~~~-~-~~-~-~--------~~~-~--~~-~--~~~~--
~~--~-~~~---~~~~-~--~~-~~----~--~~-~~--~~-~~--~~-~~~~---~-~~-~-~-~----~--
~~~~-~~~----~~~~~---~--~~---~~~~~-~~-~-~~-~-~---~---~-~~--~-~---~---~~-~-
----~-~----~-~~~-~-~~~--~-~~~-~-~~-~-~-~---~~-~-~~~--~~-~-~~~~---~~--~--~ Σ(゚□゚ノ)ノエー!Σ(*゚◇゚*)ウッソー!Σヾ(*゚○゚)ノホントー